Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

नौकरी की दुश्वारियों और ग्लैमरस सुर्खियों से छलकता एयर होस्टेस का दर्द

नौकरी की दुश्वारियों और ग्लैमरस सुर्खियों से छलकता एयर होस्टेस का दर्द

Monday November 18, 2019 , 5 min Read

बॉडी मास इंडेक्स और स्वास्थ्य संबंधी मानकों से तो नौकरी पर बन ही आती है, एयर होस्टेस से हर पैसेंजर भी सिर्फ उसके खूबसूरत और मृदुभाषी होने की उम्मीद करता है लेकिन उसकी कड़वी ग्लैमरस सुर्खियों के पीछे से छलकता दर्द कितना असहनीय होता है, विरले ही लोग जान-समझ पाते हैं।   

k

सांकेतिक फोटो (साभार: सोशल मीडिया)


हाल के दिनो में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के. सिवन ने उस वक़्त सबको चौंका दिया था, जब वह इंडिगो फ्लाइट में उड़ान भरने पहुंचे, तो जब फ्लाइट के पूरे स्टॉफ के साथ सभी एयर होस्टेस उनके साथ 'पहले मैं, पहले मैं' की फुर्ती से सेल्फी के लिए मचल उठीं। उस दिन वे तस्वीरें पूरे सोशल मीडिया से लेकर टीवी चैनलों तक पर वायरल हुईं। एयर होस्टेस की जिंदगी में ऐसे पल रोजमर्रा में आते ही रहते हैं लेकिन उनकी चमक-दमक से भरी ग्लैमरस सुर्खियों के पीछे छिपा दर्द कभी-कभी ही छलक पाता है। पिछल महीनो में हमारे देश की कई एयर होस्टेज खबरों की सुर्खियां बनी हैं, लेकिन उनकी जिंदगी की दुश्वारियां शायद ही कभी चर्चाओं में आ पाती हों।


हर एयर होस्टेस से यात्री सिर्फ उसके खूबसूरत और मृदुभाषी होने की उम्मीद करते हैं लेकिन एयर होस्टेस का काम उतना आसान नहीं होता है, जितना सहज सामने से जान पड़ता है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय केबिन क्रू के लिए बॉडी मास इंडेक्स और स्वास्थ्य संबंधी मानक तय करता है। कुछ साल पहले एयर इंडिया ने जब अपने कुल साढ़े तीन हजार केबिन क्रू कर्मियों में से करीब छह सौ एयर होस्टेस को छह महीने के अंदर अपना वजन घटाने का निर्देश दिया तो उनमें से करीब 130 को निर्धारित बीएमआई से ऊपर पाने पर क्रू से ही मुअत्तल कर दिया गया था। तर्क क्या दिया गया कि केबिन क्रू के फिट न होने से किसी एमरजेंसी की स्थिति में उन्हे फ्लाइट में अपनी ड्यूटी ठीक ढंग से निभाने में परेशानी हो सकती है। फ्लाइट अटेंडेंट का बीएमआई यानी शरीर के भार और कद के बीच का अनुपात निर्धारित पैमाने से बाहर निकले तो उन्हें उड़ान भरने की मनाही हो सकती है।


लंबी दूरी की यात्राओं में केबिन क्रू को बड़ी थकाऊ, लंबी शिफ्ट अटेंड करनी पड़ती हैं। एयर होस्टेस को नीद की कमी और कई कई दिनों तक घर से दूर रहना पड़ता है। कई बार हवाई जहाज में ही उनको किसी यात्री की तबीयत खराब होने जैसी मेडिकल एमरजेंसी का सामना करना पड़ता है। यात्रियों को उड़ान संबंधी सुरक्षा जानकारी देना और पूरी यात्रा के दौरान उनकी हर तरह की सुविधाओं का ध्यान रखना उनकी ड्यूटी होती है। इसके अलावा पूरी उड़ान के दौरान उनको हर पल इमेरजेंसी लैंडिंग सिग्नल के लिए भी अलर्ट रहना पड़ता है। साथ ही, ड्यूटी पर हर वक़्त तरोताजा, मुस्कुराते हुए दिखना कुछ कम थकाऊ नहीं होता है। सुंदरता, सेहत और फिटनेस के फॉर्मूले कुछ ही वर्षों की नौकरी में उन्हे निढाल सा कर के रख देते हैं। 


ऐसे में हर एयर होस्टेस की नौकरी दांव पर लगी रहती है। उनकी जरा सी चूक भी एयर कंपनियों की लिस्ट में तो किसी बड़े अपराध की तरह दर्ज हो जाती है लेकिन उन पर जो बीतती है, उसकी कोई सुनवाई नहीं। अभी पिछले महीने ही कोच्चि से सिंगापुर की एक उड़ान में एयर होस्टेस के साथ छेड़छाड़ की गई। यद्यपि आरोपी भारतवंशी क्वालिटी एसुरेन्स इंजीनियर विजयन माथन गोपाल को चार महीने की जेल की सजा सुनाई गई। 22 वर्षीय एयर होस्टेस का आरोप था कि उसने जब बार-बार सहायता के लिए कॉल लाइट का बटन दबाने से गोपाल को मना किया तो उसके साथ छेड़छाड़ की गई।





राजस्थान की मूल निवासी एक लड़की दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में एयर होस्टेज है। विजयीपुर (बिहार) निवासी पाइलट से रिश्तों लेकर बात देवरिया के एक थाने तक पहुंची तो एयर होस्टेस का केस उसकी स्थितियों का तनिक भी ध्यान न रखते हुए पायलट के गृहनगर थाना क्षेत्र में बिहार भेज दिया गया।


बिजनौर के दौलताबाद निवासी हरिओम शर्मा की 27 वर्षीय बेटी नितिका आठ साल से दुबई में एयर होस्टेस की नौकरी कर रही थी। कुछ महीने पहले ही वह शादी के लिए घर आई थी। मंगेतर के कहने पर उसने नौकरी भी छोड़ दी थी। जिस दिन नितिका की मुरादाबाद से बरात आनी थी, अश्विनी उर्फ जॉनी नाम के हत्याभियुक्त ने के घर में घुसकर उसे गोली से उड़ा दिया।


पिछले दिनो उदयपुर के डबोक स्थित महाराणा प्रताप हवाई अड्डे पर जब एयरपोर्ट टर्मिनल पर मौजूद एयर होस्टेस और अन्य कर्मी त्योहार के मौके पर गरबा नृत्य कर रहे थे, विदेशी पैसेंजर्स भी उनके साथ थिरकने लगे लेकिन ऐसी सुखद स्थितियां एयर होस्टेस की जिंदगी में कम ही नसीब हो पाती हैं।


एयर होस्टेस की मनुष्यता को एक और वाकये से बखूबी जाना जा सकता है। हाल ही में न्यूयॉर्क की एक फ्लाइट में पहली बार यात्रा कर रही मूक-बधिर किशोरी एश्ले ओबर को चिंतित देख एयर होस्टेस जना ने उसे नोट लिखा तो वह वायरल हो गया। जना ने पत्र में अपनी ड्यूटी से ज्यादा अपनी मनुष्यता को अहमियत देते हुए एश्ले को आश्वत किया कि उसे घबराने की कोई जरूरत नहीं है। यात्रा के अंत तक वह उसे किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होने देगी। ऐसे वाकये बताते हैं कि हर यात्री के प्रति एयर होस्टेस में कितनी गहरी संवेदना होती है, फिर भी अक्सर उन्हे बदमिजाज यात्रियों की छेड़खानी तक से गुजरना पड़ता है, और तब वह अपनी नौकरी की खातिर अपमान का घूंट चुपचाप पी जाने को विवश होती हैं।