पहली कोशिश में ही सफलता? यह जीत नहीं, चेतावनी है: ISRO चीफ़ डॉ. एस सोमनाथ
बेंगलुरु में आयोजित हो रहे YourStory के सालाना फ्लैगशिप इवेंट TechSparks में ISRO चीफ़ डॉ. एस सोमनाथ ने शिरकत की. उन्होंने YourStory की फाउंडर और सीईओ श्रद्धा शर्मा के साथ बातचीत में कठोर परीक्षण के माध्यम से विफलताओं का अनुमान लगाने की इसरो की संस्कृति के बारे में बताया.
इसरो चीफ़ डॉ. एस सोमनाथ (ISRO Chief Dr. S Somanath) ने शुरुआती सफलताओं का पीछा करने के बजाय, इनोवेटर्स को विफलता का अनुमान लगाने और उससे सीखने की सलाह दी. उनका तर्क है कि आलोचनात्मक मानसिकता विकसित करने से स्टार्टअप्स के लिए मजबूत, दीर्घकालिक सफलता सुनिश्चित होती है.
बेंगलुरु में आयोजित हो रहे YourStory के सालाना तीन दिवसीय फ्लैगशिप इवेंट TechSparks में ISRO चीफ़ डॉ. एस सोमनाथ ने शिरकत की. उन्होंने YourStory की फाउंडर और सीईओ श्रद्धा शर्मा के साथ बातचीत में कठोर परीक्षण के माध्यम से विफलताओं का अनुमान लगाने की इसरो की संस्कृति के बारे में बताया.
TechSparks के 15वें संस्करण — TechSparks 2024 — में भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के अध्यक्ष ने सलाह देते हुए कहा, “मैं हमेशा युवाओं से कहता हूं: आपको बेहद संदेहवादी होना चाहिए. आपको विफलता, विफलता, विफलता की तलाश करनी होगी, भले ही कुछ सफलतापूर्वक काम कर रहा हो.”
उनके अनुसार, एक सफल परिणाम हमेशा चिंता का कारण होना चाहिए क्योंकि कोई विफलता बिंदुओं को अनदेखा कर सकती है. उन्होंने कहा, “अगर कोई चीज पहली बार में ही सफलतापूर्वक काम करती है, तो हम और अधिक चिंतित हो जाते हैं.”
डॉ. सोमनाथ ने परीक्षण और सत्यापन के लिए इसरो के दृष्टिकोण के बारे में विस्तार से बताया, यह समझाते हुए कि एजेंसी विकास के हर चरण में संदेह को बढ़ावा देती है.
उन्होंने कहा, “हम उन चीजों का विश्लेषण करते हैं जो डिजाइन, प्रोडक्शन, असेंबली और टेस्टिंग में गलत हो सकती हैं. हम यह भी सुनिश्चित करते हैं कि इसे कैसे ठीक किया जाए. यह एक ऐसी विशेषता है जिसे हमने अंतर्निहित किया है.”
डॉ. सोमनाथ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इसरो के सतर्क और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण में मुख्य गुणवत्ता मानदंडों को सुनिश्चित करने के लिए बड़ी संख्या में कठोर परीक्षण शामिल हैं.
इसरो की प्रक्रियाओं के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा, “लॉन्च से पहले भी, पहला सवाल पूछा जाता है, 'इस लॉन्च के विफल होने के क्या तरीके हैं?' न कि 'इस बार यह कैसे सफल होगा'.”
उन्होंने अपने दृष्टिकोण में अति आत्मविश्वास के खिलाफ भी चेतावनी दी, उन्होंने कहा, “जिस पल आप चीजों के ठीक होने से बहुत खुश होते हैं, तभी विफलता दस्तक देती है.”
(Translated by: रविकांत पारीक)