Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

Tata समूह बनाएगी स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिपसेट, अगले पांच वर्षों में करेगी लगभग 7.4 लाख करोड़ का निवेश

Tata समूह बनाएगी स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिपसेट, अगले पांच वर्षों में करेगी लगभग 7.4 लाख करोड़ का निवेश

Saturday December 10, 2022 , 3 min Read

निक्केई एशिया से बातचीत के दौरान टाटा संस (Tata Sons) के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन ( Natarajan Chandrasekaran) ने कहा कि टाटा समूह आने वाले वर्षों में भारत में अपना खुद का चिपसेट बनाने पर विचार कर रहा है. चंद्रशेखरन ने बताया कंपनी मौजूदा चिप निर्माताओं के साथ साझेदारी के संबंध में कई चिप निर्माताओं के साथ चर्चा कर रही है.

इस बातचीत के दौरान चंद्रशेखरन ने बताया कि कंपनी ने टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स (Tata Electronics) की शुरुआत की है,  "जिसके तहत कंपनी सेमीकंडक्टर असेंबली टेस्टिंग बिज़नेस (Semiconductor Assembly Testing Business) को  स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है." सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग, जिसमें अन्य चीजों के अलावा चिपसेट का निर्माण शामिल है, में भारी निवेश की आवश्यकता है. अपस्ट्रीम सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस प्लांट जिसे वेफर फैब्रिकेशन प्लांट या फैब कहा जाता है, असेंबली और टेस्टिंग की डाउनस्ट्रीम प्रक्रिया की तुलना में तकनीकी और वित्तीय दोनों तरह से अधिक चुनौतीपूर्ण है. टाटा संस के चेयरमैन ने निक्केई एशिया को यह भी बताया कि समूह ने अगले पांच वर्षों में 90 अरब डॉलर (7.4 लाख करोड़ रुपए) का निवेश करने की योजना बनाई है.

चंद्रशेखरन ने बताया कि कंपनी ने इस साल जून के महीने में टोक्यो स्थित रेनेसस इलेक्ट्रॉनिक्स (Renesas Electronics) के साथ साझेदारी की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य सेमीकंडक्टर की डिजाइन और विकास की दिशा में बेहतर कार्य करना है. उन्होंने कहा कि कंपनी इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicle) सहित अन्य उभरते क्षेत्रों में नए कारोबार शुरू करने पर भी काम कर रही है.

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च की एक रिपोर्ट (India Rating and Research Report) में हाल ही में कहा गया है कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन के लिए बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारत को अगले पांच वर्षों में लगभग 63,000 चार्जिंग स्टेशनों और 26,900 करोड़ रुपये के संचयी निवेश की आवश्यकता होगी.

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अगले दशक में, इलेक्ट्रिक वाहन की बिक्री में वृद्धि के अनुरूप, देश को 0.23 मिलियन चार्जिंग स्टेशनों की आवश्यकता हो सकती है, जिसमें वित्त वर्ष 2032 तक कुल 1.05 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022 में देश में लगभग 1,000 वाणिज्यिक चार्जिंग स्टेशन हैं.

इस साल अगस्त में आईएमसी (Indian Merchant’s Chamber) चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की वार्षिक जनरल मीटिंग में बोलते हुए चंद्रशेखरन ने कहा, "टाटा समूह में, हम पहले से ही इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग (Electronic Manufacturing), 5जी नेटवर्क (5G Network) उपकरण के साथ-साथ सेमीकंडक्टर जैसे कई नए व्यवसायों में प्रवेश कर चुके हैं." चंद्रशेखरन ने कहा कि ग्लोबल सप्लाई चैन (Global Supply Chain), जो वर्तमान में चीन पर बहुत अधिक निर्भर है, महामारी के बाद की दुनिया में एक बड़ा बदलाव देखेगी, जिसमें व्यवसाय अपनी निर्भरता को दूसरे देशों में स्थानांतरित कर रहे हैं.