Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
ADVERTISEMENT
Advertise with us

टेक्नोलॉजी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव

कई दूरदराज के गाँवों की भौगोलिक स्थिति, अपर्याप्त बैंकिंग बुनियादी ढाँचे, वित्तीय संस्थानों को इन क्षेत्रों में अपनी पहुँच बढ़ाने की कोशिश में बाधाएँ पैदा कर रहे हैं. अच्छी बात यह है कि टेक्नोलॉजी की उन्नति ने निश्चित रूप से नई उम्मीद जगाई है.

टेक्नोलॉजी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव

Wednesday December 04, 2024 , 6 min Read

ग्रामीण विकास में वित्तीय सेवाएँ महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. यह सेवाएँ पारंपरिक रूप से वंचित क्षेत्रों में आर्थिक विकास और वित्तीय समावेशन के लिए उत्प्रेरक का काम करती हैं. 2022 की विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार देश की 64% से अधिक आबादी ग्रामीण भारत में रहती है और यहां पारंपरिक बैंकिंग सेवाओं तक पहुँच सीमित है. कई दूरदराज के गाँवों की भौगोलिक स्थिति, अपर्याप्त बैंकिंग बुनियादी ढाँचे, वित्तीय संस्थानों को इन क्षेत्रों में अपनी पहुँच बढ़ाने की कोशिश में बाधाएँ पैदा कर रहे हैं.

अच्छी बात यह है कि टेक्नोलॉजी की उन्नति ने निश्चित रूप से नई उम्मीद जगाई है. यह ग्रामीण समुदायों और वित्तीय सेवाओं के बीच की खाई को पाटने वाली एक शक्तिशाली शक्ति के रूप में उभरी है. मोबाइल बैंकिंग ऐप से लेकर ब्लॉकचेन-आधारित प्रणालियों तक इनोवेटिव समाधानों का लाभ उठाकर वित्तीय क्षेत्र में अब भौगोलिक सीमाओं से उबरने और भारत के सबसे दूरदराज के इलाकों तक पहुँचने की क्षमता है. यह तकनीकी क्रांति वित्तीय सेवाओं तक पहुँच को बढ़ा रही है और ग्रामीण क्षेत्रों में इन सेवाओं के उपयोग के तरीके को मौलिक रूप से बदल रही है.

ग्रामीण समुदायों के समक्ष चुनौतियाँ

कई वर्षों से भारत में ग्रामीण समुदायों को कई फेक्टर्स के कारण वित्तीय सेवाओं तक पहुँचने में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. कई ग्रामीण क्षेत्रों में भौतिक बैंकिंग बुनियादी ढांचे की कमी ने वहां रहने वालों के लिए बुनियादी वित्तीय सेवाओं से जुड़ना मुश्किल बना दिया है. यह भौगोलिक बाधा इन सेवाओं का लाभ उठाने के लिए दूर-दराज के वित्तीय संस्थानों की यात्रा से जुड़ी उच्च लागत से जुड़ी हुई है. इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय शिक्षा तक सीमित पहुँच के कारण वहां रहने वालों के बीच वित्तीय साक्षरता और उपलब्ध सेवाओं के बारे में जागरूकता का स्तर कम है. ऐतिहासिक तौर पर बाहर रहने और नकारात्मक अनुभवों ने भी कुछ ग्रामीणों के बीच औपचारिक वित्तीय प्रणालियों में विश्वास की कमी में योगदान दिया है.

टेक्नोलॉजी-संचालित वित्तीय सेवाएँ और उनके लाभ

21वीं सदी का भारत वित्तीय समावेशन की एक अलग, अधिक समावेशी तस्वीर पेश करता है. 2011 में 35% से औपचारिक वित्तीय खातों वाले वयस्कों का अनुपात 2021 तक प्रभावशाली तौर पर 77% तक बढ़ गया. यह उल्लेखनीय प्रगति भारतीय रिजर्व बैंक के वित्तीय समावेशन सूचकांक से और भी स्पष्ट होती है, जो 2017 में 43.4 से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 60.1 पर पहुंच गया. आज भारत का वित्तीय परिदृश्य सुलभता की कहानी कहता है. देश के सबसे दूरदराज के इलाकों में भी ऑनलाइन भुगतान के लिए क्यूआर कोड की मौजूदगी यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) जैसी टेक्नोलॉजी-आधारित वित्तीय सेवाओं की गहरी पैठ को दर्शाती है. यह क्रांति यूपीआई से कहीं आगे तक फैल गई है, जिसमें टेक्नोलॉजी प्रगति की एक विस्तृत रेंज शामिल है जिसने वित्तीय सुलभता को फिर से परिभाषित किया है.

मोबाइल बैंकिंग, एटीएम और इंटरनेट बैंकिंग के विस्तार ने वित्तीय सेवाओं को ग्रामीण समुदायों के दरवाजे तक प्रभावी ढंग से पहुँचाया है, जिससे भौतिक बैंक शाखाओं की आवश्यकता समाप्त हो गई है. ऑनलाइन लेन-देन और स्वचालित प्रक्रियाओं ने परिचालन लागत को काफी कम कर दिया है, जिससे ग्रामीण निवासियों के लिए वित्तीय सेवाएँ अधिक किफ़ायती और सुलभ हो गई हैं. ऑनलाइन संसाधनों, ऐप्स और ऑनलाइन टूल के आगमन ने ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय साक्षरता बढ़ाने और समुदायों को ज्ञान और कौशल के साथ सशक्त बनाने के लिए नए रास्ते खोले हैं.

वित्तीय सेवाओं में बदलाव लाने वाली टेक्नोलॉजी

मोबाइल बैंकिंग: स्मार्टफ़ोन वित्तीय समावेशन के लिए शक्तिशाली उपकरण बन गए हैं. मोबाइल बैंकिंग ऐप ग्रामीणों को सेलुलर/डेटा कवरेज के साथ कहीं से भी बैलेंस चेक करने, पैसे ट्रांसफर करने और बिलों का भुगतान करने की अनुमति दे रहे हैं.

ऑनलाइन भुगतान समाधान: ई-वॉलेट और यूपीआई जैसे भुगतान प्लेटफ़ॉर्म नकदी की ज़रूरत को कम करते हैं, जिससे ग्रामीण समुदायों के लिए लेन-देन अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित हो जाता है.

माइक्रोफ़ाइनेंस तकनीक: ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म माइक्रोफ़ाइनेंस संस्थानों को दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुँचने में सक्षम बनाते हैं, जिससे व्यवसाय और आजीविका गतिविधियों के लिए छोटे ऋण तक पहुँच मिलती है.

वित्तीय साक्षरता ऐप: इंटरैक्टिव ऐप और ऑनलाइन पाठ्यक्रम ग्रामीण निवासियों के लिए वित्तीय शिक्षा को अधिक सुलभ और आकर्षक बनाते हैं.

ब्लॉकचेन और एआई: ये उभरती हुई टेक्नोलॉजी सुरक्षा को बढ़ाकर, लागत को कम करके और अधिक व्यक्तिगत वित्तीय सेवाओं को सक्षम करके ग्रामीण वित्त में और क्रांति लाने का वादा करती हैं.

इन टेक्नोलॉजी के कारण ग्रामीण भारत नए दौर की वित्तीय सेवाओं के दायरे में आ गया है. ऐसे में कई सक्सेस स्टोरी हैं, जिनका जश्न मनाया जा सकता है. उदाहरण के लिए, भारत में बीसी सखी प्रोग्राम ग्रामीण महिलाओं को बैंकिंग संवाददाता बनने का अधिकार देता है. ये महिलाएँ अपने समुदायों में बुनियादी बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करने के लिए मोबाइल उपकरणों का उपयोग करती हैं, जिससे वित्तीय समावेशन और महिला सशक्तिकरण दोनों को बढ़ावा मिलता है.

डिजिटल बचत बैंक (डीएसबी) भी ग्रामीण वित्तीय समावेशन के लिए एक आशाजनक मॉडल के रूप में उभरे हैं. पूरी तरह से ऑनलाइन संचालन करके डीएसबी उच्च ब्याज दर और कम शुल्क प्रदान कर सकते हैं, जिससे ग्रामीण निवासियों के लिए बचत अधिक आकर्षक और सुलभ हो जाती है.

बात आगे की…

भारत के वित्तीय परिदृश्य में टेक्नोलॉजी क्रांति ने वित्तीय सेवाओं तक पहुँच में नाटकीय रूप से सुधार किया है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में. खाते खोलने में वृद्धि और यूपीआई को व्यापक रूप से अपनाया गया है, जो इस परिवर्तन का सटीक उदाहरण है. हालाँकि, यह प्रगति चुनौतियों से मुक्त नहीं है. बुनियादी ढाँचे की सीमाएँ, डिजिटल साक्षरता का अंतर और रेगुलेटरी बाधाएँ कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्ण वित्तीय समावेशन में बाधा डालती रहती हैं. जैसे-जैसे भारत आगे बढ़ रहा है, इस बात पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए कि इस तकनीकी, वित्तीय क्रांति का लाभ सभी समुदायों तक पहुँचे, जिसमें बैंक से वंचित आबादी भी शामिल है. इसके लिए सरकार वित्तीय संस्थानों और टेक्नोलॉजी प्रदाताओं के बीच निरंतर सहयोग की आवश्यकता होगी. एआई और ब्लॉकचेन जैसी टेक्नोलॉजी की ताकत का उपयोग कर भारत एक ऐसे भविष्य की कल्पना कर सकता है जहाँ हर व्यक्ति के पास भौगोलिक स्थान और सामाजिक-आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना डिजिटल अर्थव्यवस्था में पूरी तरह से भाग लेने का अवसर, उपकरण और ज्ञान हो.

(लेखक ‘BLS E-Services’ के चेयरमैन हैं. आलेख में व्यक्त विचार लेखक के हैं. YourStory का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है.)

यह भी पढ़ें
Interview: अश्विंदर आर सिंह ने बैंक की नौकरी छोड़ किया स्टार्टअप, बने रियल एस्टेट किंग


Edited by रविकांत पारीक