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LGBTQ कम्यूनिटी के लोग खोल सकते हैं ज्वाइंट बैंक एकाउंट, सरकार ने जारी की एडवाइजरी

वित्त मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि LGBTQ+ कम्यूनिटी के लोग भी जॉइंट बैंक अकाउंट खुलवा सकते हैं. एडवाइजरी में वित्त मंत्रालय ने यह भी बताया कि उन्‍हें अपने पार्टनर को नॉमिनी बनाने का भी पूरा हक है.

LGBTQ कम्यूनिटी के लोगों के लिए यह अच्छी ख़बर है. सरकार ने समलैंगिक जोड़ों के लिए ज्‍वाइंट बैंक अकाउंट और नॉमिनेशन पर अपना रुख साफ किया है. गुरुवार को वित्त मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि LGBTQ+ कम्यूनिटी के लोग भी जॉइंट बैंक अकाउंट खुलवा सकते हैं. एडवाइजरी में वित्त मंत्रालय ने यह भी बताया कि उन्‍हें अपने पार्टनर को नॉमिनी बनाने का भी पूरा हक है.

सुप्रिया चक्रवर्ती और अन्य बनाम भारत संघ (रिट याचिका सिविल संख्या 1011/2022) के मामले में 17 अक्टूबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर मंत्रालय की ओर से समलैंगिंकों (गे और लेस्बियन), बाइसेक्सुअल और ट्रांसजेंडर (LGBT) कम्यूनिटी के लिए यह एडवाइजरी जारी की गई है.

17 अक्टूबर, 2023 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, केंद्र ने अप्रैल 2024 में LGBTQ कम्यूनिटी से संबंधित कई मुद्दों की जांच करने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन किया. पैनल को उन उपायों की जांच करने का काम सौंपा गया था, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि वस्तुओं और सेवाओं तक पहुंच में LGBTQ+ लोगों के खिलाफ कोई भेदभाव न हो और यह भी कि LGBTQ कम्यूनिटी को हिंसा, उत्पीड़न या जबरदस्ती का कोई खतरा न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं.

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 21 अगस्त, 2024 को सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को इस संबंध में स्पष्टीकरण भी जारी किया है.

इससे पहले, आरबीआई ने 2015 में बैंकों को निर्देश दिया था कि वे अपने सभी फॉर्म और आवेदनों में एक अलग कॉलम 'थर्ड जेंडर' शामिल करें, ताकि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को बैंक खाते खोलने और संबंधित सेवाओं का लाभ उठाने में मदद मिल सके.

2015 के आदेश के बाद, कई बैंकों ने ट्रांसजेंडर के लिए सेवाएं शुरू कीं. वहीं ESAF स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड ने 2022 में विशेष रूप से ट्रांसजेंडर कम्यूनिटी के लिए 'रेनबो सेविंग्स अकाउंट' लॉन्च किया, जिसमें उच्च बचत दरों और उन्नत डेबिट कार्ड सुविधाओं समेत कई सुविधाएं दी गईं.

गौरतलब हो कि भारत में समलैंगिक विवाह को अभी तक कानूनी मान्यता नहीं मिली है, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने समलैंगिकता को अपराध नहीं माना है. इसीलिए, समलैंगिक जोड़े भी संयुक्त बैंक खाता खोल सकते हैं और एक दूसरे को नामांकित कर सकते हैं.

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