Oil India बनी 13वीं 'महारत्न' कंपनी, ONGC Videsh को मिला 'नवरत्न' का दर्जा
महारत्न का दर्जा पाने के लिए पात्र होने के लिए, कंपनी का औसत कारोबार 25,000 करोड़ रुपये से अधिक, औसत वार्षिक शुद्ध संपत्ति 15,000 करोड़ रुपये से अधिक और पिछले तीन साल के दौरान औसत वार्षिक शुद्ध लाभ 5,000 करोड़ रुपये से अधिक होना चाहिए.
भारत सरकार के वित्त मंत्रालय की सिफारिश पर सरकारी तेल कंपनी ऑयल इंडिया लिमिटेड को महारत्न का दर्जा दिया गया है. इसके साथ ही ऑयल इंडिया लिमिटेड देश की 13वीं महारत्न सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज (CPSE) बन गई है.
ऑयल इंडिया लिमिटेड का दर्जा बढ़ाने के कदम का उद्देश्य वित्तीय निर्णय लेते समय OIL बोर्ड की शक्तियों को बढ़ाना है.
डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज ने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा, "वित्त मंत्री ने ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) को महारत्न CPSE में अपग्रेड करने की मंजूरी दे दी. OIL सीपीएसई के बीच 13वीं महारत्न होगी. OIL एक पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय CPSE है, जिसका वार्षिक कारोबार वर्ष 2022-23 के लिए ₹41,039 करोड़ है और शुद्ध लाभ ₹9,854 करोड़ है.“
इसके अलावा, डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज ने यह भी बताया कि भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने कहा है कि तेल और प्राकृतिक गैस कंपनी (ONGC) विदेश को 'नवरत्न' कंपनी का दर्जा दिया गया है.
डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज ने बताया, "वित्त मंत्री ने ONGC Videsh Ltd (OVL) को नवरत्न CPSE में अपग्रेड करने की मंजूरी दे दी है. OVL सीपीएसई के बीच 14वीं नवरत्न होगी. यह वर्ष 2022-23 के लिए ₹11,676 करोड़ के वार्षिक कारोबार और ₹ 1,700 करोड़ के शुद्ध लाभ के साथ पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय सीपीएसई है."
महारत्न सूची में शामिल अन्य कंपनियां हैं - भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL), कोल इंडिया लिमिटेड, गेल इंडिया लिमिटेड, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL), इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, एनटीपीसी लिमिटेड, ऑयल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ONGC), पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन, पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL).
बता दें कि महारत्न का दर्जा पाने के लिए पात्र होने के लिए, कंपनी का औसत कारोबार ₹25,000 करोड़ से अधिक, औसत वार्षिक शुद्ध संपत्ति ₹15,000 करोड़ से अधिक और पिछले तीन साल के दौरान औसत वार्षिक शुद्ध लाभ ₹5,000 करोड़ से अधिक होना चाहिए.
महारत्न का दर्जा कंपनियों को "बिना किसी मौद्रिक सीमा के नई वस्तुओं की खरीद या प्रतिस्थापन के लिए पूंजीगत व्यय करने की अनुमति देता है. साथ ही, इन सीपीएसई को बजटीय सहायता या सरकारी गारंटी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए.
ओएनजीसी विदेश ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ONGC) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी और विदेशी शाखा है.
नवरत्न का दर्जा किसी कंपनी को बढ़ी हुई वित्तीय और परिचालन स्वतंत्रता प्रदान करता है और उसे सरकारी मंजूरी के बिना किसी एक परियोजना पर ₹1,000 करोड़ या उसकी कुल संपत्ति का 15 प्रतिशत तक निवेश करने का अधिकार देता है.