नक्सल प्रभावित जिले की नम्रता जैन ने UPSC में 12वीं रैंक लाकर पेश की मिसाल
छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा जिला देश के नक्सल प्रभावित इलाकों में से माना जाता है। नक्सल ग्रामीणों पर हमला करने और स्कूल से लेकर सड़कें उड़ा देने के लिए कुख्यात हैं। ऐसे खतरनाक इलाके में रहने वाली नम्रता जैन ने यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सर्विस परीक्षा में 12वीं रैंक हासिल करके इतिहास रच दिया है। नम्रता ने इससे पहले 2016 की सिविल सर्विस परीक्षा में 99वीं रैंक हासिल की थी।
बीते दिनों यूपीएससी 2018 का अंतिम रिजल्ट जारी हुआ। इस लिस्ट में 12वें स्थान पर नम्रता का भी नाम था। इससे पहले 2016 में नम्रता को पुलिस सर्विस अलॉट हुई थी। अभी वह हैदराबाद में सरदार वल्लभ भाई पटेल नेशनल पुलिस अकैडमी में ट्रेनिंग ले रही हैं। नम्रता ने पीटीआई से बात करते हुए बताया, 'मैं हमेशा से कलेक्टर बनना चाहती थी। जब मैं 8वीं कक्षा में थी तो स्कूल में एक महिला अधिकारी भ्रमण करने के लिए आईं। बाद में मुझे बताया गया कि वो हमारी कलेक्टर थीं। मैं उन्हें देखकर काफी प्रभावित हुई थी। उसी वक्त मैंने फैसला कर लिया था कि कलेक्टर ही बनना है।'
नम्रता आगे बताती हैं, 'मैं जहां से आती हूं वो इलाका नक्सलवाद से बुरी तरह प्रभावित है। इस वजह से वहां के लोगों को बुनियादी सुविधाएं प्राप्त करने में काफी मुश्किल होती है। शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़कों का बुरा हाल है। मैं अपने राज्य के लोगों की सेवा करना चाहती हूं और उन्हें वो सारी सुविधा मुहैया कराना चाहती हूं जिसके लिए वे संघर्ष करते रहे हैं।' वे नक्सलवाद को भी छत्तीसगढ़ से मिटाना चाहती हैं।
2016 में 99वीं रैंक आने के बावजूद आईएएस न बन पाने पर उन्हें बेहद दुख हुआ था। सिर्फ एक रैंक की वजह से वे आईएएस नहीं बन पाई थीं। उनके मन में कलेक्टर बनने का ख्वाब था इसलिए उन्होंने फिर से तैयारी शुरू की और इस बार अच्छी रैंक हासिल की। नम्रता के पिता एक स्थानीय व्यापारी हैं और उनकी मां गृहिणी हैं। उनका एक भाई है जो सीए की पढ़ाई कर रहा है।
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