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54 साल पहले बरेली में 'गिरा' झुमका अब जाकर मिला, 200 किलो वजन और 14 फीट है ऊंचाई

54 साल पहले बरेली में 'गिरा' झुमका अब जाकर मिला, 200 किलो वजन और 14 फीट है ऊंचाई

Monday February 10, 2020 , 3 min Read

साल 1966 में सुनील दत्त और साधना की एक फिल्म आई थी मेरा साया, इसमें एक गाना था जो खुद तो लोगों की जुबां पर चढ़ा ही, इसके साथ-साथ एक शहर को पूरे देश में पहचान दिला दी। गाना था, 'झुमका गिरा रे, बरेली के बाजार में', गाने के बाद से बरेली को देश में एक अलग पहचान मिली।


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फोटो क्रेडिट: DainikBhaskar



आपने भी इस गाने को बचपन में या कभी ना कभी सुना होगा। अब बरेली एक बार फिर से चर्चा में है लेकिन गाने के लिए नहीं बल्कि असली झुमके के लिए। जी हां, बरेली शहर को 54 साल पहले का 'गिरा हुआ' झुमका वापस मिल गया है। क्या है पूरा मामला जानिए...


दरअसल बरेली विकास प्राधिकरण ने शहर में NH24 पर 200 किलोग्राम का झुमका लगाया है। यह लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है। इस झुमके को 14 फीट ऊंचे खंभे पर लगाया गया है। इस बनाने में पीतल और तांबे का प्रयोग किया गया और इस झुमके को बनाने में लगभग 18 लाख रुपये की लागत आई है।


बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) के एक अधिकारी ने बताया कि लोगों को यह झुमका 200 मीटर की दूरी से भी नजर आएगा। बरेली में जिस जगह यह झुमका लगाया गया है, उस जगह का नाम 'झुमका तिराहा' रखा गया है।


इस झुमके का निर्माण काम 'मेरा साया' फिल्म की सिल्वर जुबली यानी फिल्म के 25 साल होने पर शुरू किया गया था। ऐसी भी खबरें हैं कि काम शुरू होने के समय बीडीए के पास झुमके के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे। फिर शहर के सीनियर डॉक्टर केशव ने मदद के लिए हाथ आगे किया। झुमके को गुरुग्राम के एक कारीगर ने तैयार किया है। बरेली में एनएच-24 के जीरों पॉइंट पर इसे लगाया गया है। शनिवार को लखनऊ-दिल्ली हाइवे पर बरेली शहर के प्रवेश मार्ग पर स्थित परसाखेड़ा चौराहे पर झुमका लगाया गया। झुमके का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने किया। 


झुमका, लगने के बाद आसपास के लोगों के साथ-साथ आने-जाने वाले राहगीरों को भी आकर्षित कर रहा है। लोग इसके साथ सेल्फी, फोटो लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं।


बात करें 'झुमका गिरा रे, बरेली के बाजार में' गाने की तो साल 1966 में राज खोसला ने यह फिल्म निर्देशित की थी। इस फिल्म के सभी गाने अच्छे हैं लेकिन 'झुमका गिरा रे' तो लोकप्रियता के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। आलम ऐसा था कि बरेली और झुमका एक-दूसरे की पहचान बन गए थे। फिल्म के इस गाने को आशा भोंसले ने आवाज दी थी। फिल्म में लीड स्टारकास्ट में संजय दत्त के पिता सुनील दत्त और साधना शामिल थे।