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भारत 2027 तक सबसे बड़ी डेवलपर कम्युनिटी के रूप में अमेरिका को पीछे छोड़ देगा: सत्या नडेला

नडेला गुरुवार को बेंगलुरु में माइक्रोसॉफ्ट एआई टूर में 1,100 डेवलपर्स और टेक्नोलॉजी की दुनिया के दिग्गजों को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने वैश्विक स्तर पर एआई इनोवेशन को गति देने में भारतीय डेवलपर्स की प्रभावी भूमिका पर बात की.

भारत 2027 तक सबसे बड़ी डेवलपर कम्युनिटी के रूप में अमेरिका को पीछे छोड़ देगा: सत्या नडेला

Thursday February 08, 2024 , 6 min Read

माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और सीईओ सत्या नडेला ने अत्याधुनिक प्रोडक्ट्स एवं सॉल्यूशंस बनाने में भारतीय डेवलपर कम्युनिटी की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया. ये सॉल्यूशंस देश के समक्ष आने वाली चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम हैं, साथ ही इन्हें दुनिया के अन्य देशों में भी प्रयोग में लाया जा सकता है.

नडेला गुरुवार को बेंगलुरु में माइक्रोसॉफ्ट एआई टूर में 1,100 डेवलपर्स और टेक्नोलॉजी की दुनिया के दिग्गजों को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने वैश्विक स्तर पर एआई इनोवेशन को गति देने में भारतीय डेवलपर्स की प्रभावी भूमिका पर बात की.

भारत इस समय गिटहब पर सबसे तेजी से बढ़ता बाजार है. गिटहब माइक्रोसॉफ्ट के स्वामित्व वाला सॉफ्टवेयर कोलैबोरेशन एवं इनोवेशन प्लेटफॉर्म है. 1.32 करोड़ भारतीय डेवलपर्स इस प्लेटफॉर्म का प्रयोग कर रहे हैं. अनुमान है कि 2027 तक सबसे बड़ी डेवलपर कम्युनिटी के रूप में यह अमेरिका को पीछे छोड़ देगा. गिटहब पर जनरेटिव एआई प्रोजेक्ट्स के मामले में भी अमेरिका के बाद भारत दूसरे स्थान पर है.

माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन एवं सीईओ सत्या नडेला ने कहा, “एआई की अगली पीढ़ी भारत समेत पूरी दुनिया में डेवलपर्स के काम करने के तरीके को बदल रही है. यह देखना सच में रोमांचक है कि किस तरह से भारत की डेवलपर कम्युनिटी भारत एवं पूरी दुनिया का नया भविष्य गढ़ने के लिए हमारी टेक्नोलॉजी एवं टूल्स का प्रयोग कर रही है.”

नडेला ने यह भी कहा कि माइक्रोसॉफ्ट इस महीने भारत में अपने ‘कोड: विदाउट बैरियर्स’ प्रोग्राम को विस्तार देगी. कंपनी देशभर में टेक स्किल्स तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है और इसी दिशा में यह कदम उठाया जाएगा. इस प्रोग्राम को 2021 में एशिया प्रशांत (एपीएसी) के नौ देशों में लॉन्च किया गया था, जिसका लक्ष्य इस क्षेत्र में तेजी से बढ़ते क्लाउड, एआई और डिजिटल टेक्नोलॉजी सेक्टर में लैंगिक असमानता को दूर करने में सहयोग करना है. यह प्रोग्राम समावेशी विकास में योगदान देने, इनोवेशन को बढ़ावा देने और क्षेत्र के सामाजिक ढांचे को मजबूत करने के लिए महिला डेवलपर्स एवं कोडर्स और अन्य तकनीकी भूमिकाओं में काम कर रही महिलाओं को सपोर्ट, ट्रेनिंग एवं नेटवर्किंग का अवसर देता है. ‘कोड: विदाउट बैरियर्स’ के माध्यम से माइक्रोसॉफ्ट 2024 में भारत में 75,000 महिला डेवलपर्स का कौशल विकास करेगी और उन्हें सर्टिफिकेट प्रदान करेगी.  

‘कोड: विदाउट बैरियर्स’ का विस्तार भारत में माइक्रोसॉफ्ट की अन्य डेवलपर एवं स्किलिंग इनीशिएटिव पर ही आधारित है.

बुधवार को नडेला ने भारत में लोगों एवं संस्थानों को एआई के युग में आगे बढ़ने की दिशा में सशक्क्त करने के लिए नए स्किलिंग इन्वेस्टमेंट का भी एलान किया था. इसके तहत माइक्रोसॉफ्ट अपनी एडवांटेज इंडिया (ADVANTA(I)GE INDIA) पहल के माध्यम से 2025 तक भारत में 20 लाख लोगों को एआई में कौशल विकास का मौका देगी.

जनवरी, 2024 में माइक्रोसॉफ्ट ने 1,00,000 डेवलपर्स को अपनी एआई ओडिसी पहल के माध्यम से एआई में अपने करियर को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाया था. इस पहल में प्रतिभागियों को नई स्किल्स सीखते हुए एआई में सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट बनने की दिशा में पहला कदम बढ़ाने और माइक्रोसॉफ्ट क्रिडेंशियल्स कमाने का मौका मिलता है. भारत से शानदार प्रतिक्रिया मिलने के बाद माइक्रोसॉफ्ट ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान, इंडोनेशिया, कोरिया, चीन, वियतनाम और थाइलैंड समेत अन्य देशों में भी एआई ओडिसी प्रोग्राम को विस्तार दे रही है. इसमें उन भारतीय डेवलपर्स को भी मौका दिया जाएगा, जो जनवरी, 2024 में एआई ओडिसी चैलेंज में हिस्सा नहीं ले पाए थे. एआई ओडिसी का दूसरा चरण 8 फरवरी, 2024 से शुरू होकर 25 जून, 2024 तक चलेगा, जिसका लक्ष्य एशिया के 1,50,000 अन्य डेवलपर्स तक पहुंचना है.

नवंबर, 2022 में माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने स्टार्टअप्स एवं संस्थानों के इनक्यूबेशन सेल्स के साथ काम करने के लिए आईआईटी, आईआईएम और बिट्स पिलानी जैसे अग्रणी टेक्नोलॉजी संस्थानों के साथ साझेदारी में एज्यूर सोसायटी ऑफ एक्सीलेंस (एएसई) को लॉन्च किया था. इस एक्सक्लूसिव प्रोग्राम का लक्ष्य स्टार्टअप्स को टेक्नोलॉजिकल सपोर्ट एवं मेंटरशिप प्रदान करते हुए उन्हें फ्यूचर-रेडी (भविष्य के लिए तैयार) होने में मदद पहुंचाना है. माइक्रोसॉफ्ट ने एएसई के माध्यम से माइक्रोसॉफ्ट फाउंडर्स हब में 1700 से ज्यादा भारतीय स्टार्टअप्स को सफलतापूर्वक जोड़ा है. कंपनी ने भारत के टेक्नोलॉजी एवं मैनेजमेंट संस्थानों के 10 अग्रणी इनक्यूबेटर्स के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए हैं.

माइक्रोसॉफ्ट इंडिया देश के 100 शहरों में 20 लाख प्रोफेशनल्स एवं स्टूडेंट डेवलपर्स की कम्युनिटी से जुड़कर उन्हें कौशल विकास करने और स्वयं को रोजगार के लिए तैयार करने में मदद कर रही है. यह काम कम्युनिटी लीडर्स, माइक्रोसॉफ्ट वैल्यूएबल प्रोफेशनल्स (एमवीपी) और एज्यूर इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के साथ-साथ देशभर में 100 से ज्यादा शिक्षण संस्थानों के साथ साझेदारी की मदद से किया जा रहा है.

बेंगलुरु में माइक्रोसॉफ्ट एआई टूर में गैरलाभकारी संगठनों के डेवलपर्स, स्टूडेंट डेवलपर्स और बड़ी कंपनियों ने दिखाया कि कैसे माइक्रोसॉफ्ट की विभिन्न टेक्नोलॉजी ने एआई को अपनाने की प्रक्रिया तेजी की है और उन्हें इनोवेशन में सक्षम बनाया है. इसके कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:

• सर्वम एआई लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (LLM) उपलब्ध कराता है, जिससे भारतीय भाषाओं को सपोर्ट मिलता है. इस जनरेटिव एआई स्टार्टअप का लक्ष्य भारत में जनरेटिव एआई एप्स के विकास, प्रयोग एवं वितरण की गति को तेज करना, उनके प्रदर्शन को बेहतर करना और उन्हें अपेक्षाकृत सस्ता बनाना है.

• शिक्षण फाउंडेशन एवं माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च इंडिया द्वारा विकसित शिक्षा कोपायलट का लक्ष्य पढ़ाई के परिणाम को बेहतर करना और पर्सनलाइज्ड लर्निंग एक्सपीरियंस के माध्यम से शिक्षकों को व्यापक एवं बच्चों की उम्र के अनुरूप लेसन प्लान तैयार करने में सक्षम बनाना है. एज्यूर एआई मॉडल्स पर बना शिक्षा कोपायलट शिक्षकों को एंगेजिंग कंटेंट के साथ एक पूरा लेसन प्लान मात्र 60 से 90 सेकेंड में तैयार करने में मदद करता है, जबकि आमतौर पर इसमें 60 से 90 मिनट तक का समय लग जाता है. इसे अभी भारत में बेंगलुरु के 30 ग्रामीण एवं शहरी स्कूलों में प्रयोग किया जा रहा है. शिक्षण फाउंडेशन बड़े पैमाने पर इसके प्रयोग के लिए माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलकर काम कर रहा है.

• ओपन हेल्थकेयर नेटवर्क ने 1884 स्वास्थ्यकर्मियों की मदद से 581 अस्पतालों को मैनेज करने, 20,712 हॉस्पिटल बेड की व्यवस्था पर नजर रखने, 3,62,349 मरीजों को अटेंड करने तथा 50 करोड़ से ज्यादा कंसल्टेशन में मदद किया है. गिटहब कोपायलट इस प्रोजेक्ट को तेजी से बढ़ने और देश के हेल्थकेयर सिस्टम की जरूरतों को पूरा करने में मदद कर रहा है.

• एज्यूर एआई पर तैयार पर्सिस्टेंट सिस्टम्स के इंटेलिजेंट डिजिटल इंजीनियरिंग प्लेटफॉर्म ने भारत में विभिन्न सेक्टर्स की बड़ी कंपनियों को एलएलएम टेक्नोलॉजी अपनाने एवं इंटीग्रेट करने में सक्षम बनाया है. ऑब्जर्व करने, डाटा गवर्नेंस ऑर मॉडल रजिस्ट्री के लिए एज्यूर के स्थापित पैटर्न का लाभ लेते हुए यह प्लेटफॉर्म एलएलएम एप्स विकसित करने के लिए व्यापक व्यवस्था प्रदान करता है.