Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

सरकार ने स्पेस सेक्टर के लिए 1,000 करोड़ रुपये के वेंचर कैपिटल फंड को दी मंजूरी

केंद्रीय बजट 2024-25 के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस फंड की घोषणा की थी, जिसे अब मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है. वित्तीय वर्ष 25-26 के लिए अनुमानित धनराशि 150 करोड़ रुपये है, अगले तीन वर्षों के लिए 250 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 29-30 में 100 करोड़ रुपये आरक्षित हैं.

सरकार ने स्पेस सेक्टर के लिए 1,000 करोड़ रुपये के वेंचर कैपिटल फंड को दी मंजूरी

Friday October 25, 2024 , 3 min Read

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इन-स्पेस (IN-SPACe) के तहत अंतरिक्ष क्षेत्र को समर्पित 1000 करोड़ रुपये के वेंचर कैपिटल फंड की स्थापना को मंजूरी दे दी है. (Venture Capital Fund for Space sector)

प्रस्तावित 1,000 करोड़ रुपये के वीसी फंड के उपयोग की अवधि फंड के संचालन की शुरुआत की वास्तविक तारीख से पांच वर्ष तक करने की योजना है. निवेश के अवसरों और फंड की आवश्यकताओं के आधार पर, उपयोग की औसत राशि प्रति वर्ष 150-250 करोड़ रुपये हो सकती है.

वित्तीय वर्ष 25-26 के लिए अनुमानित धनराशि 150 करोड़ रुपये है, अगले तीन वर्षों के लिए 250 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 29-30 में 100 करोड़ रुपये आरक्षित हैं.

निवेश की सांकेतिक सीमा 10-60 करोड़ रुपये प्रस्तावित है, जो कंपनी के स्तर, उसके विकास और राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्षमताओं पर उसके संभावित प्रभाव पर निर्भर करेगी. सांकेतिक इक्विटी निवेश की सीमा इस प्रकार हो सकती है:

•  विकास के प्रारंभिक चरण में: 10 करोड़ रुपये- 30 करोड़ रुपये

•  विकास के बाद वाले चरण में: 30 करोड़ रुपये - 60 करोड़ रुपये

निवेश की उपरोक्त सीमा के आधार पर, इस फंड से लगभग 40 स्टार्टअप को सहायता मिलने की उम्मीद है.

केंद्रीय बजट 2024-25 के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित इस फंड का उद्देश्य भारत के अंतरिक्ष तकनीक क्षेत्र को आगे बढ़ाना, राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ तालमेल बिठाना और नवाचार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है.

प्रस्तावित फंड से संपूर्ण अंतरिक्ष आपूर्ति श्रृंखला-अपस्ट्रीम, मिडस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम - में स्टार्टअप का समर्थन करके भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. इससे व्यवसायों को विस्तार करने, अनुसंधान एवं विकास में निवेश करने और अपनी श्रमशक्ति का विस्तार करने में मदद मिलेगी. प्रत्येक निवेश इंजीनियरिंग, सॉफ्टवेयर विकास, डेटा विश्लेषण और मैन्यूफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में सैकड़ों प्रत्यक्ष नौकरियां सृजित करने के साथ-साथ आपूर्ति श्रृंखला, लॉजिस्टिक्स और पेशेवर सेवाओं के क्षेत्र में हजारों अप्रत्यक्ष नौकरियां सृजित करेगा. एक मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देकर, यह फंड न केवल नौकरियां सृजित करेगा बल्कि एक कुशल श्रमशक्ति को विकसित भी करेगा, नवाचार को बढ़ावा देगा और अंतरिक्ष बाजार में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगा.

वर्ष 2020 के अंतरिक्ष क्षेत्र से संबंधित अपने सुधारों के हिस्से के रूप में, भारत सरकार ने अंतरिक्ष से जुड़ी गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने और भागीदारी की प्रक्रिया की निगरानी करने के उद्देश्य से इन-स्पेस की स्थापना की. इन-स्पेस ने भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के विकास का समर्थन करने हेतु 1000 करोड़ रुपये के वेंचर कैपिटल फंड का प्रस्ताव दिया है.

भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था का वर्तमान मूल्य 8.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर आंका गया है और इसे 2033 तक 44 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है. इस फंड का लक्ष्य जोखिम पूंजी संबंधी महत्वपूर्ण आवश्यकता को पूरा करना है क्योंकि पारंपरिक ऋणदाता इस उच्च तकनीक वाले क्षेत्र में स्टार्टअप को फंड देने से झिझक रहे हैं. मूल्य श्रृंखला में उभर रहे लगभग 250 अंतरिक्ष स्टार्टअप का विकास सुनिश्चित करने और विदेशों में प्रतिभा के पलायन से होने वाली हानि को रोकने की दृष्टि से समय पर वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना बेहद महत्वपूर्ण है.

सरकार द्वारा समर्थित यह प्रस्तावित फंड निवेशकों का विश्वास बढ़ाएगा, निजी पूंजी को आकर्षित करेगा और अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का संकेत देगा. यह फंड सेबी के नियमों के तहत एक वैकल्पिक निवेश कोष के रूप में काम करेगा, जो स्टार्टअप को प्रारंभिक चरण की इक्विटी प्रदान करेगा और उन्हें आगे के निजी इक्विटी निवेश के लिए समर्थ बनाएगा.

यह भी पढ़ें
AI को अपनाने से 2030 तक देश में 33.8 लाख करोड़ रु का आर्थिक योगदान हो सकता है: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी