एजुकेशन फाइनेंस को आसान और स्मार्ट बना रहा है स्टार्टअप LEO1, क्रिकेटर रोहित शर्मा ने दी है फंडिंग
LEO1 — Google-इनक्यूबेटेड एडु-फिनटेक कंपनी है जो अपने फाइनेंसियल SaaS सॉफ्टवेयर की मदद से विश्वविद्यालयों की इर्र्रेगुलर कैशफ्लो की समस्या को दूर करती है. भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा इसके ब्रांड एंबेस्डर, इन्वेस्टर हैं. कंपनी ने देश भर में 30 लाख छात्रों और 13000 संस्थानों की मदद की है.
आज के डिजिटल युग में, एजुकेशन सेक्टर में फाइनेंस की सेवाओं को सहज और सुलभ बनाना बेहद चुनौतीपूर्ण है. इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं रोहित गजभिये (Rohit Gajbhiye). वे फिनटेक स्टार्टअप
के सीईओ और फाउंडर हैं, जिसका हेडक्वार्टर मुंबई में है. नवीश रेड्डी LEO1 के COO और को-फाउंडर हैं जबकि देबी प्रसाद बराल इसके CTO और को-फाउंडर हैं.IIT Bombay और Stanford Ignite के पूर्व छात्र रोहित ने फिनटेक और बैंकिंग में महारत तब हासिल कि जब वे DBS बैंक (सिंगापुर) में काम कर रहे थे, जहां उन्होंने क्रेडिट रिस्क, कमर्शियल बैंकिंग और लिक्विडिटी मैनेजमेंट का काम किया. उनकी इसी महारत और अनुभव ने LEO1 की नींव रखी, जिससे शिक्षा संस्थानों और छात्रों के लिए वित्तीय समाधान में नई संभावनाएँ उभर कर आई हैं.
रोहित United Nations Global Sustainability Index Institute और World Economic Forum के सदस्य भी हैं, जहां वे आर्थिक प्रगति पर चर्चा करते हैं.
हाल ही में LEO1 के सीईओ और फाउंडर रोहित गजभिये ने YourStory के साथ बात करते हुए इसकी शुरुआत, बिजनेस मॉडल, रेवेन्यू, फंडिंग, और भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया.
बिजनेस मॉडल
रोहित बताते हैं, “LEO1 फाइनेंशियल SaaS (Software as a Service) मॉडल पर काम करता है. यह शैक्षणिक संस्थानों के लिए फीस कलेक्शन और फाइनेंशियल मैनेजमेंट को आसान बनाता है. इस प्लेटफ़ॉर्म में पेमेंट्स को ऑटोमेट किया गया है और अभिभावकों के लिए आसान पेमेंट प्लान दिए जाते हैं. हमने यह मॉडल इसलिए चुना क्योंकि एडटेक सेक्टर में फाइनेंस से जुड़ी प्रक्रियाओं को सुचारू बनाने की जरूरत थी.”
LEO1, जिसे पहले Financepeer के नाम से जाना जाता था, में अपने शुरुआती निवेश के बारे में जानकारी देते हुए, फाउंडर ने बताया, “कंपनी के शुरुआती में हमने कुछ करोड़ रुपये का निवेश किया और पहले दो वर्षों तक सैलरी नहीं ली. शुरुआती दिनों में हमने मॉडल, रणनीति और विज़न पर जोर दिया, जो आज हमारी सफलता का आधार है.”
रेवेन्यू
स्टार्टअप ने अब तक कुल 35 मिलियन डॉलर (करीब 291 करोड़ रुपये) की फंडिंग जुटाई है. हालिया सीरीज़-बी फंडिंग में अमेरिकी वेंचर कैपिटल फर्म QED Investors और मुंबई स्थित Aavishkaar Capital की अगुआई में इसने 31 मिलियन डॉलर जुटाए थे. इससे पहले, जयपुर स्थित NBFC (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी) MS Fincap के नेतृत्व में सीरीज़-ए में 3 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की थी.
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने भी हाल ही में LEO1 में निवेश किया है, जिससे ब्रांड को और समर्थन मिला है.
रोहित गजभिये बताते हैं, “वर्तमान में हम नए प्रोडक्ट के विकास के लिए 10 मिलियन डॉलर का ब्रिज राउंड जुटाने की तैयारी कर रहे हैं. इस प्रोडक्ट को अगले नौ महीनों में लॉन्च किया जाएगा.”
LEO1 दो रेवेन्यू मॉडल पर काम करता है: एक सब्सक्रिप्शन-बेस्ड मॉडल और दूसरा ट्रांजेक्शन-बेस्ड मॉडल. सब्सक्रिप्शन रेवन्यू अग्रिम रूप से प्राप्त होता है, जबकि ट्रांजेक्शन रेवन्यू चार अलग-अलग स्रोतों से आता है — लोन, ट्रांजेक्शन, पेमेंट गेटवे और मर्चेंट सर्विसेस. इससे एक फिक्स इनकम बनी रहती है.
रेवेन्यू के आंकड़ों का खुलासा करते हुए, फाउंडर बताते हैं, “इस वर्ष LEO1 का लक्ष्य 70 करोड़ का टॉपलाइन रेवेन्यू और 39 करोड़ का नेट रेवेन्यू हासिल करना है. वित्त वर्ष 25-26 तक हम 220 करोड़ के टॉपलाइन रेवेन्यू और 130 करोड़ के नेट रेवेन्यू का लक्ष्य रख रहे हैं. हम अपनी सेवाओं को बढ़ाने और बाज़ार में अपनी पकड़ मजबूत करने पर फोकस कर रहे हैं.”
चुनौतियां
इस बिजनेस को खड़ा करने में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा? इस सवाले के जवाब में रोहित बताते हैं, “हमने रेगुलेटरी अप्रूवल प्राप्त करने, शुरुआती एंजल फंडिंग जुटाने और पहली 20 डील हासिल करने में कई कठिनाइयों का सामना किया. कोविड-19 महामारी ने हमारी योजना को प्रभावित किया, पर हमने सैलरी में कटौती किए बिना इस चुनौती का सामना किया. इसके अलावा, कुछ रेगुलेटरी बदलावों ने हमारे मार्जिन को प्रभावित किया, जिसके कारण हमने SaaS मॉडल को अपनाया.”
पिछले कुछ वर्षों में, Narayana, Jain Group, और SAGE University जैसी 31 से अधिक बड़ी संस्थानों ने LEO1 के SaaS प्रोडक्ट को अपनाया है. लगभग 5 लाख छात्र इसकी सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं. स्टार्टअप के फीस लेंडिंग प्रोडक्ट के लिए इसके पास 12,000 से अधिक संस्थानों का नेटवर्क है, जो पूरे भारत में 30 लाख से अधिक छात्रों को सेवाएं दे रहा है.
भविष्य की योजनाएं
अतं में, LEO1 को लेकर अपनी भविष्य की योजनाओं का खुलासा करते हुए, सीईओ और फाउंडर रोहित गजभिये ने बताया, “हम एक Nash-बेस्ड फीस कलेक्शन मॉडल पर काम देंगे, जो विश्वविद्यालयों को माता-पिता के बैंक खातों से हर महीने फीस कलेक्ट करने की सुविधा देगा. इसके अलावा, हम छात्रों को बचत खाता और क्रेडिट कार्ड मुहैया करने के लिए बैंकों के साथ साझेदारी को मजबूत कर रहे हैं. यह कदम हमारी सेवाओं का विस्तार करेगा और इंगेजमेंट और रेवेन्यू को बढ़ाएगा.”
उन्होंने आगे कहा, ”हम एजुकेशन फाइनेंस को सुलभ बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसे सामान्यीकृत करने का लक्ष्य रखते हैं. हम मजबूत बैंकिंग साझेदारियों के माध्यम से छात्रों और संस्थानों के लिए बेहतर वित्तीय पहुंच सुनिश्चित करना चाहते हैं.”