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'कम्पोस्टवाली' के नाम से मशहूर पूनम बीर कस्तूरी का 61 साल की उम्र में निधन

"कम्पोस्टवाली" के नाम से मशहूर पूनम बीर कस्तूरी एक सामाजिक उद्यमी थीं, जिन्होंने भारत में अपशिष्ट प्रबंधन में क्रांति लाने की दिशा में काम किया.

'कम्पोस्टवाली' के नाम से मशहूर पूनम बीर कस्तूरी का 61 साल की उम्र में निधन

Friday May 10, 2024 , 3 min Read

खाद से प्रोडक्ट बनाने वाले स्टार्टअप डेली डंप (Daily Dump) की फाउंडर और डिजाइनर पूनम बीर कस्तूरी (Poonam Bir Kasturi) का 61 वर्ष की आयु में गुरुवार 9 मई को निधन हो गया.

"कम्पोस्टवाली" के नाम से मशहूर कस्तूरी एक सामाजिक उद्यमी थीं, जिन्होंने भारत में अपशिष्ट प्रबंधन में क्रांति लाने की दिशा में काम किया. कचरे के प्रति मानसिकता बदलने और खाद बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए उन्होंने 18 वर्षों तक अथक परिश्रम किया.

आईएएस अधिकारी और कर्नाटक सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव उमा महादेवन दासगुप्ता ने कहा, “प्रमुख कचरा प्रबंधन विशेषज्ञ और डेली डंप की फाउंडर, पूनम बीर सेठी के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ. बेंगलुरु और उन सभी लोगों के लिए एक बड़ी क्षति जो विकेंद्रीकृत और टिकाऊ अपशिष्ट प्रबंधन के लिए प्रतिबद्ध हैं.”

कई अन्य इंटरनेट उपयोगकर्ताओं ने भी इस खबर पर दुख व्यक्त किया.

हाल ही में कस्तूरी ने SheSparks 2024 के मंच पर बोलते हुए कुशल रीसाइक्लिंग दृष्टिकोण पर भी जोर दिया, खासकर जब शहरीकरण में तेजी आई है. उन्होंने सफलता प्राप्त करने के लिए अपशिष्ट पुनर्चक्रण प्रक्रिया में सामुदायिक भागीदारी और सक्रिय भागीदारी के महत्व के बारे में भी बात की.

उन्होंने कहा, "कम बर्बाद करने, अधिक खाद बनाने और समझदारी से खरीदारी करने की कहानी को जीवित रखने के लिए मुझे आपकी मदद की ज़रूरत है."

देश में अपशिष्ट प्रबंधन के महत्व के बारे में बात करते हुए, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में कचरे के प्रति जागरूकता, धारणा और व्यवहार की कमी कम मांग का कारण है.

उन्होंने कहा, “60% जो आपके कूड़ेदान में है, आपकी ज़िम्मेदारी है. इसे गैर-परक्राम्य बनने की आवश्यकता है, या तो सरकारी नीति के माध्यम से या हमारी सामूहिक जागरूकता और कार्रवाई के माध्यम से…. आप इसके चारों ओर एक व्यवहार्य पारिस्थितिकी बना सकते हैं. इसलिए, आज नहीं, लेकिन शायद कल, हर किसी की कार्रवाई से, हम ऐसा कर सकते हैं.”

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिज़ाइन, अहमदाबाद से स्नातक कस्तूरी ने 2006 में डेली डंप की शुरुआत की. स्टार्टअप भारत में कचरे के प्रति मानसिकता बदलने और खाद बनाने में आसानी के लिए डिज़ाइन किए गए खाद के प्रोडक्ट बनाता है. इसकी प्रोडक्ट रेंज में कंपोस्टर, कंपोस्टिंग सहायक उपकरण, बागवानी उत्पाद, किताबें और बैग और कंघी जैसे शून्य-अपशिष्ट उत्पाद शामिल हैं.

2015 में, Jubilant Bhartia Foundation के साथ साझेदारी में, विश्व आर्थिक मंच की एक सहयोगी संस्था, Schwab Foundation for Social Entrepreneurship द्वारा पूनम बीर कस्तूरी को ‘Social Entrepreneur of the Year for India’ नामित किया गया था.

(Translated by: रविकांत पारीक)

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