एक झलक उन स्टार्टअप्स पर जिन्हें बेटियों ने अपने पिता के साथ मिलकर शुरू किया
यहां आज हम आपको उन स्टार्टअप्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें बेटियों ने अपने पिता के साथ मिलकर खड़ा किया है.
दुनियाभर में आज फादर्स डे (Father's Day) मनाया जा रहा. सदियों से एक रिवायत सी बनी हुई है कि पिता के खड़े किए बिजनेस की बागड़ोर समय आने पर बच्चे अपने हाथ में लेते हैं. लेकिन यहां आज हम आपको उन स्टार्टअप्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें बेटियों ने अपने पिता के साथ मिलकर खड़ा किया है. इन पिता और स्टार्टअप्स के लिए 'लक्ष्मी' हैं ये बेटियां...
अखिलेश पाठक, स्वप्निल पाठक; Aromezeia

एक एक्सीडेंट में अखिलेश का कंधा टूट गया और उन्हें तेज दर्द हुआ. उन्हें अरोमाथेरेपी तेल बनाने में 33 वर्षों का अनुभव था. उन्होंने जड़ी-बूटियों का सही मिश्रण तैयार किया. इससे उनका दर्द तो खत्म हुआ ही, लेकिन जब उन्होंने यह तेल अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को दिया, तो उन्हें भी राहत मिली. फिर उनकी बेटी, स्वप्निल ने
नाम से एक ब्रांड की शुरुआत की. यह प्राकृतिक रूप से बनाए गए आवश्यक तेलों के लिए एक मंच है.हालांकि परिवार 1911 से अरोमाथेरेपी तेल, हाइड्रोसोल, फ्लेवर आदि बना रहा है, उन्होंने 2014 के अंत में उत्तराखंड में एक मैन्युफैक्चरिंग युनिट लगाई. पिता और बेटी मिलकर अर्जेंटीना, ऑस्ट्रिया, बुल्गारिया, बेल्जियम, बोस्निया, ब्राजील, कोलंबिया, बुल्गारिया, कंबोडिया, कनाडा, चीन, चिली, डेनमार्क, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और फ्रांस समेत दूसरे कई देशों में Aromezeia के प्रोडक्ट्स बेचते हैं.
मिताली टंडन, भरत टंडन; Morning Fresh

मिताली टंडन Morning Fresh की फाउंडर और सीईओ हैं. इससे बहुत पहले, अपने कॉलेज के वर्षों के दौरान, उन्होंने कर्नाटक के Spastic Society जैसे संगठनों में वॉलेंटियर का काम किया. वह ‘Young Enterprise’ ग्रुप का हिस्सा थीं. उन्होंने कर्नाटक में दलितों और आदिवासियों के लिए एक गैर सरकारी संगठन में बतौर फंडरेज़िंग मैनेजर काम किया. उन्होंने अपने पिता के बिजनेस में हाथ बटाया और इसने उनकी ज़िंदगी बदल दी.
ADH लीवर में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एंजाइम है जो अल्कोहल छोड़ने में मदद करता है. पिता-पुत्री की जोड़ी ने एक साथ काम किया और पाया कि रेशम प्रोटीन में कुछ पेप्टाइड्स इसके उत्पादन को प्रोत्साहित करते हैं. यह विचार काम कर गया और इससे Morning Solution शुरू करने की प्रेरणा मिली. यह हैंगओवर को दूर करने का एक आसान तरीका है.
लक्ष्मीदीपा और रा. अर्जुनमूर्ति; YELDI Softcom

इस पिता-पुत्री की जोड़ी का चेन्नई में एक टेक कंपनी शुरू करने का सपना था. उस समय, लक्ष्मीदीपा पहले से ही लंदन में एक इंटरनेशनल टेलीकॉम कंपनी में काम कर रही थीं. उनके पिता एक सीरियल आंत्रप्रेन्योर थे. लक्ष्मी 2012 में भारत में लौट आईं. उन्होंने जुलाई 2015 में अपने पिता के साथ मिलकर
लॉन्च करने के लिए एक NFC-सक्षम प्रोडक्ट तैयार किया.उन्होंने अपनी मुख्य तकनीकों के लिए NXP Semiconductors के साथ हाथ मिलाया और एनएफसी हैंडसेट, कार्ड, बैकएंड इंफ्रास्ट्रक्चर और मोबाइल ऐप डेवलप किए.
लक्ष्मीदीपा YELDI Softcom में बिजनेस डेवलपमेंट, प्रोडक्ट मैनेजमेंट, मार्केटिंग, एडवर्टाइजिंग और HR हेड हैं.
आयुषी किशोर और ललित किशोर; Globalite

आयुषी ने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से पोस्टग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने अपने पिता की विशेषज्ञता का फायदा उठाने के बारे में सोचा. उनके पिता ने Nike India में बतौर सीएफओ और वाइस-प्रेसीडेंट काम किया. वे Lotto के मास्टर फ्रैंचाइजी Sports Lifestyle Private Limited (SLPL) के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर भी चुके हैं.
उन्होंने देखा कि भारत में स्पोर्ट्सवियर मार्केट या तो कुछ बड़े अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों या स्थानीय कारखानों और निजी लेबलों पर हावी था. मिड-सेगमेंट स्पोर्ट्स लाइफस्टाइल ब्रांड उन्हें आशाजनक लग रहा था.
रिटेल के साथ, उन्होंने स्पोर्ट्स शूज से लेकर कैजुअल शूज, स्नीकर्स, लोफर्स, क्लॉग्स, स्लिपर्स और सैंडल तक सभी तरह के फुटवियर बनाना शुरू किया.