बीते चार वर्षों में CEO की सैलरी औसतन 40% बढ़ी: Deloitte सर्वे
विभिन्न क्षेत्रों में सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध दोनों कंपनियों को मिलाकर 400 कंपनियों पर किए गए सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, पिछले चार वर्षों में 20 करोड़ रुपये या उससे अधिक कमाने वाले सीईओ की संख्या दोगुनी हो गई है.
बढ़ते शेयर बाजारों और अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में आई तेजी के बाद, ऑडिट और कंसल्टिंग फर्म डेलॉइट (Deloitte) के एक सर्वे में पाया गया है कि कॉर्पोरेट दिग्गजों की सैलरी तेजी से बढ़ रही है. प्रमोटर सीईओ की सैलरी प्रोफेशनल सीईओ की तुलना में तेजी से बढ़ रही है, भले ही परफॉर्मेंस को आधार माना गया हो.
डेलॉइट इंडिया एक्जीक्यूटिव परफॉर्मेंस एंड रिवार्ड्स सर्वे के अनुसार, एक सीईओ की औसत सैलरी 2024 में कोविड से पहले के मुकाबले 40% बढ़कर ₹13.8 करोड़ हो गई है. इसके विपरीत, इसी अवधि में जुनियर एग्जीक्यूटिव्ज की औसत सैलरी लगभग आधी दर से बढ़ने का अनुमान है.
विभिन्न क्षेत्रों में सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध दोनों कंपनियों को मिलाकर 400 कंपनियों पर किए गए सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, पिछले चार वर्षों में ₹20 करोड़ या उससे अधिक कमाने वाले सीईओ की संख्या दोगुनी हो गई है.
सर्वे में पाया गया कि प्रमोटर अपने पेशेवर साथियों की तुलना में खुद को अधिक पुरस्कृत (रिवार्ड) कर रहे हैं. सीईओ जो प्रमोटर या प्रमोटर परिवार के सदस्य भी हैं, उन्हें औसतन ₹16.7 करोड़ का भुगतान किया जाता है, जबकि पेशेवर रूप से संचालित फर्मों के सीईओ को औसतन ₹13 करोड़ मिलते हैं.
डेलॉइट के निदेशक दिनकर पवन ने कहा, "एक प्रमोटर सीईओ का औसत कार्यकाल एक पेशेवर सीईओ की तुलना में बहुत लंबा होता है, इसलिए नौकरी छोड़ने का जोखिम कम होता है. इसलिए, समय के साथ उनका मुआवजा और अधिक तेजी से बढ़ा है."
प्रति वर्ष ₹20 करोड़ से अधिक कमाने वाले प्रमोटर सीईओ का अनुपात 2020 में 9% (सर्वे आधार का) से तीन गुना बढ़कर 2024 में 26% हो गया, जबकि यह राशि अर्जित करने वाले पेशेवर सीईओ का अनुपात 2020 में 12% से बढ़कर 2024 में 17% हो गया.
सैलरी में बढ़ोतरी का एक कारण यह है कि उनके मुआवजे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा इक्विटी से जुड़ा हुआ है. पिछले कुछ वर्षों में शेयरों की कीमतें लगातार बढ़ने के साथ, समग्र मुआवजा मूल्य में भी वृद्धि हुई है.