BL Agro ने 20,000 करोड़ रु के कारोबार का लक्ष्य रखते हुए ‘विजन 2030’ पेश किया
Bl Agro Group ने वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 में भविष्य के लिए अपनी साहसिक योजनाएं प्रस्तुत कीं, जिसमें वृद्धि के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप और पोलैंड स्थित आर्या कैपिटल के साथ समझौता ज्ञापन शामिल है.
भारत के एफएमसीजी और कृषि-खाद्य क्षेत्रों में अग्रणी बीएल एग्रो ग्रुप ने वर्ल्ड फ़ूड इंडिया में अपने रणनीतिक रोडमैप, ‘विज़न 2030’ को गर्व से प्रस्तुत किया. झारखंड के राज्यपाल श्री संतोष गंगवार की मौजूदगी में अनावरण की गई इस व्यापक योजना में एक साहसिक वृद्धि की रूपरेखा दी गई है. इसका लक्ष्य 2030 तक 20,000 करोड़ रुपये का कारोबार करना है, जिसमें पर्यावरण अनुकूलता, नवाचार और सामुदायिक उत्थान को मुख्य रूप से शामिल किया गया है.
‘विज़न 2030’ पर बोलते हुए श्री संतोष गंगवार ने समूह के दृष्टिकोण की सराहना करते हुए कहा, "इस अवसर पर, मैं बीएल एग्रो की दूरदर्शी सोच की सराहना करना चाहता हूं. विशेष रूप से झारखंड जैसे राज्यों में वृद्धि और सामुदायिक उत्थान पर उनका ध्यान वास्तव में प्रभावशाली है. यहां स्वास्थ्यवर्धक खाद्य उत्पाद और खाद्य तेल लॉन्च करना एक शानदार कदम है, लेकिन जो सबसे अलग है वह है मिलेट आधारित उद्यम. यह पहल आदिवासी और ग्रामीण समुदायों के लिए वास्तविक अवसर पैदा करेगी, और यह विशेष रूप से सराहनीय है. यह स्पष्ट है कि बीएल एग्रो प्रगति और लोगों के लिए प्रतिबद्ध है."
विज़न 2030 पहल चार स्तंभों- बीएल एग्रो की खेत से रसोई तक, बीएल कामधेनु फार्म की डेयरी पहल, लीड्स कनेक्ट की एग्रीटेक नवाचार और लीड्स नेक्स्टेक पहल पर केंद्रित है. प्रत्येक कार्यक्रम खेत से खाने की मेज तक की प्रक्रियाओं में क्रांति लाने, किसानों को सशक्त बनाने और दक्षता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का लाभ उठाने की बीएल एग्रो की रणनीति को मजबूत करता है.
बीएल एग्रो के प्रबंध निदेशक आशीष खंडेलवाल ने जोर देकर कहा, "हम विज़न 2030 को सिर्फ़ वृद्धि योजना के तौर पर नहीं देखते हैं. यह प्रतिबद्धता है. हम सार्थक बदलाव लाना चाहते हैं, वह भी कृषि-खाद्य शृंखला में. डेयरी तकनीक, पर्यावरण अनुकूल चारा उत्पादन और अंतरिक्ष तकनीक से प्रेरित एनालिटिक्स जैसे अभिनव समाधानों में निवेश के ज़रिए हम एक ऐसा भविष्य बना रहे हैं जहां शृंखला का हर हिस्सा ज़्यादा कुशल, पर्यावरण अनुकूल और हमारे किसानों व उपभोक्ताओं के लिए समान रूप से फ़ायदेमंद हो."
विजन 2030 के तहत प्रमुख पहल
बीएल एग्रो: बिहार एवं झारखंड में विस्तार, आदिवासी समुदायों के उत्थान के लिए मिलेट आधारित उद्यम शुरू करना.
बीएल कामधेनु: बेहतर मवेशी नस्लों और दूध उत्पादन के माध्यम से किसानों की आय में सुधार के लिए डेयरी प्रौद्योगिकी पर काम करना.
यह 5,000 देशी गायों के लिए एक मॉडल डेयरी फार्म और आईवीएफ लैब बनाएगी. कंपनी एक एक अनुबंध फार्म भी बनाएगी जो स्थानीय किसानों के साथ साझेदारी करके उनके मवेशियों के लिए हरे चारे की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करता है.
एक एकीकृत दूध प्रसंस्करण इकाई जो प्रतिदिन 3,00,000 लीटर दूध का प्रबंधन करती है. एक मवेशी चारा विनिर्माण इकाई जो प्रति माह 7500 टन संतुलित मवेशी चारा का उत्पादन करती है. अंत में, कच्चे तेल पर निर्भरता कम करने और एक परिपत्र अर्थव्यवस्था बनाने के लिए, यह एक संपीड़ित बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र स्थापित करेगी जो प्रतिदिन 20 टन पर्यावरण के अनुकूल सीबीजी और जैविक खाद का उत्पादन करेगा.
लीड्स कनेक्ट: एग्रीटेक में अग्रणी, अंतरिक्ष-तकनीक एआई और भू-स्थानिक बुद्धिमत्ता का उपयोग करके सभी हितधारकों के सामने आने वाली कृषि चुनौतियों का समाधान करना. यह कृषक समुदाय के लिए बाजार संपर्क बनाएगा, उद्यमशीलता को बढ़ावा देगा.
लीड्स नेक्स्टेक: एक अर्थटेक एनालिटिक्स कंपनी जो स्पेसटेक, एआई और जियोस्पेशियल इंटेलिजेंस में मानव-केंद्रित समाधान प्रदान करेगी. पर्यावरण अनुकूलता, मापनीयता और प्रभाव पर केंद्रित, अत्याधुनिक तकनीक कई डोमेन में वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का समाधान करेगी.
बीएल एग्रो के चेयरमैन घनश्याम खंडेलवाल ने कहा, "हम बीएल एग्रो के लिए एक शानदार भविष्य देखते हैं. एक ऐसा भविष्य जिसमें ऐसे मील के पत्थर होंगे जो हमें, हमारे भागीदारों और हमारे किसानों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे. विज़न 2030 हमारी उम्मीद भरी योजनाओं को हकीकत में बदलने का तरीका है. हां, हम अपनी मौजूदगी का विस्तार करेंगे और नए उत्पाद पेश करेंगे, लेकिन मूल रूप से हम अपने मिशन - हर भारतीय घर को स्वस्थ, स्वच्छ और किफ़ायती भोजन उपलब्ध कराने पर कायम हैं. यही हमें प्रेरित करता है और यही हम हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं."
बीएल एग्रो समूह के विज़न 2030 में सहयोग को प्राथमिकता दी गई है. यह अपने वित्तीय लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दुनिया भर के विशेषज्ञों के साथ साझेदारी करेगा और भारत में कृषि पारिस्थितिकी तंत्र के समग्र विकास में योगदान देगा.
समूह ने पोलैंड की आर्या कैपिटल के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए. हस्ताक्षर कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के वन, पर्यावरण, वन्यजीव और जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्य मंत्री डॉ. अरुण कुमार ने की. स्विटजरलैंड और पोलैंड में आर्या कैपिटल के परिसरों के साथ, यह साझेदारी भारत के उभरते हरित प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए परीक्षण और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के द्वार खोलती है. यह सहयोग ड्रोन और वानिकी तथा संपीड़ित बायोगैस (सीबीजी) सहित कई क्षेत्रों में उन्नत समाधान प्रदान करेगा. यह भारत के बुनियादी ढांचे और पर्यावरण पहलों में पोलिश निवेश को भी आकर्षित करेगा.
डॉ. अरुण कुमार ने इस समझौते की प्रशंसा करते हुए कहा, "बी एल एग्रो और आर्या कैपिटल के बीच साझेदारी सभी क्षेत्रों में प्रगति के लिए भारत की प्रतिबद्धता का प्रमाण है. हम अत्याधुनिक तकनीकों को अपना रहे हैं जो पर्यावरण अनुकूलता को वास्तविकता बनाती हैं और पर्यावरण की रक्षा करती हैं. ऐसी पहल न केवल आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देती हैं बल्कि वे जलवायु परिवर्तन से निपटने में हमारे प्रयासों को भी मजबूत करती हैं."