गहने पर ही नहीं इन चीजों पर भी होता है BIS मार्क, जानिए कैसे करें चेक
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) भारतीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत भारत में राष्ट्रीय प्रमाणन निकाय है. 1 अप्रैल, 1987 को, इसने प्रभावी रूप से भारतीय मानक संस्थान (ISI) संगठन का स्थान लिया.
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने पिछले एक महीने में 44 छापे मारकर प्रमुख रिटेल स्टोरों से ऐसे 18,600 खिलौने जब्त किए जो कि BIS मानक के अनुरूप नहीं थे. इसके साथ ही, उपभोक्ता संरक्षण नियामक सीसीपीए (CCPA) ने खिलौनों की गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के कथित उल्लंघन के लिए तीन प्रमुख ई-कॉमर्स खिलाड़ियों, अमेज़ॅन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील को भी नोटिस जारी किया है.
दरअसल, हम सभी जानते हैं कि सोना खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उस पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) मार्क देखना जरूरी होता है. हालांकि, BIS मार्क के दायरे में आने वाले सामानों की संख्या सैकड़ों में है. इन सामानों में केबल्स, सेफ्टी ग्लास, ऑटोमोटिव रिम्स, स्टील, कैमरे, पावर सप्लाईज, एलईडी लाइट्स, डिस्प्लेज या मॉनिटर्स आते हैं.
क्या है BIS सर्टिफिकेशन?
BIS द्वारा जारी किए जाने वाले BIS सर्टिफिकेशन इंडिया या BIS रजिस्ट्रेशन भारतीय मानक (IS) के अनुरूप प्रोडक्ट्स की क्वालिटी, सेफ्टी और रिलायबिलिटी सुनिश्चित करते हैं. BIS प्रोडक्ट्स के लिए सर्टिफिकेशन, स्टैंडर्ड फॉर्मूलेशन, टेस्टिंग, हॉलमार्किंग, कैलिबरेशन आदि तय करता है.
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) भारतीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत भारत में राष्ट्रीय प्रमाणन निकाय है. 1 अप्रैल, 1987 को, इसने प्रभावी रूप से भारतीय मानक संस्थान (ISI) संगठन का स्थान लिया. BIS ने प्रारंभिक और सर्विलांस ऑपरेशन के दौरान उत्पादों के नमूनों का परीक्षण करने के लिए भारत में आठ केंद्रीय, चार क्षेत्रीय और तीन शाखा प्रयोगशालाओं की स्थापना की है.
फैक्टरी जांच वाले BIS सर्टिफिकेशन
फॉरेन मैन्यूफैक्चरर्स सर्टिफिकेशन डिपार्टमेंट (FMCD) विदेशी विनिर्माताओं के लिए BIS, ISI सर्टिफिकेशन जारी करता है. साल 2000 से यह अथॉरिटी BIS के तहत BIS सर्टिफिकेट जारी करती है.
जिन नियमों और विनियमों के तहत ISI प्रमाणन प्रदान किया जाता है, वे फॉरेन मैन्यूफैक्चरर्स सर्टिफिकेशन डिपार्टमेंट (FMCS) में निर्धारित किए गए हैं. FMCS नियमों का पालन करने वाले सभी उत्पादों को आईएसआई लोगो के साथ चिह्नित किया जाता है, जिसे आईएसआई मार्क योजना-I के अनुसार "BIS मानक चिह्न" या "ISI मार्क" के रूप में भी जाना जाता है.
बिना फैक्टरी जांच वाले BIS सर्टिफिकेशन
अनिवार्य रजिस्ट्रेशन स्कीम (CSR) के तहत BIS रजिस्ट्रेशन साल 2012 में 15 प्रोडक्ट्स के साथ शुरू किया गया था. इसके बाद इसमें अलग-अलग चरणों में नए प्रोडक्ट्स जोड़े जाने लगे.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) द्वारा प्रकाशित नियमों के आधार पर, भारतीय बाजार के लिए विदेशी उत्पाद भी BIS रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर सकते हैं. BIS-सीआरएस पंजीकरण मुख्य रूप से आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स और लाइटिंग श्रेणियों के उत्पादों को कवर करता है, हालांकि पंजीकरण के अधीन उत्पादों की सूची का लगातार विस्तार किया जा रहा है. यह सीआरएस के अनुसार BIS पंजीकरण को भारत में सबसे महत्वपूर्ण और कॉमन पंजीकरण बनाता है.
क्यों जरूरी है BIS सर्टिफिकेशन?
- यह पब्लिक हेल्थ की सुरक्षा करता है.
- यह प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता सुनिश्चित करता है.
- यह कंज्यूमर्स की खतरनाक प्रोडक्ट्स से रक्षा करता है.
- यह कंज्यूमर्स के भरोसे को बनाए रखता है.
BIS सर्टिफिकेशन के लाभ
- BIS रजिस्ट्रेशन वाले प्रोडक्ट्स को मैन्यूफैक्चरिंग के दौरान कुछ निश्चित स्टैंडर्ड का पालन करना होता है जो कि उनके क्वालिटी स्टैंडर्ड सुनिश्चित करते हैं.
- BIS सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स हाई क्वालिटी परफॉर्मेंस और रिलायबिलिटी सुनिश्चित करते हैं.
- BIS प्रमाणित उत्पाद पर्यावरणीय जोखिमों को कम करते हैं क्योंकि BIS ने अपने निर्धारित मानदंडों के तहत कुछ रसायनों और सामग्रियों के उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया है
- BIS पंजीकरण, BIS सेट-अप प्रयोगशालाओं में उत्पादों के नमूनों का परीक्षण करने, गुणवत्ता निरीक्षण और उत्पादों की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने के बाद प्रदान किया जाता है.
380 प्रोडक्ट्स के लिए BIS सर्टिफिकेशन अनिवार्य
प्रोडक्ट्स के लिए BIS सर्टिफिकेशन वालंटरी होता है. हालांकि, भारत सरकार ने पब्लिक हेल्थ को ध्यान में रखते हुए कुछ प्रोडक्ट्स के लिए इसे अनिवार्य बना रखा है. प्रोडक्ट्स की विभिन्न श्रेणियां हैं जिनके लिए अनिवार्य BIS प्रमाणीकरण (स्कीम-I) की आवश्यकता होती है.
कुल 380 प्रोडक्ट्स ऐसे हैं जिन्हें अनिवार्य BIS प्रमाणीकरण की आवश्यकता है. यहां अनिवार्य प्रमाणन के तहत उत्पादों की सूची दी गई है.
कोई भी निर्माता उत्पादों के लिए स्वैच्छिक BIS प्रमाणन भी प्राप्त कर सकता है क्योंकि यह ग्राहकों को उत्पादों की उच्च गुणवत्ता और मानकों को इंगित करता है. यहां उन 738 उत्पादों की सूची दी गई है जिनके लिए एक निर्माता सरलीकृत प्रक्रिया के तहत स्वैच्छिक BIS प्रमाणीकरण प्राप्त कर सकता है.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने अनिवार्य पंजीकरण योजना (CRS) के तहत कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी सामानों के लिए अनिवार्य BIS पंजीकरण अधिसूचित किया. यहां अनिवार्य पंजीकरण योजना के तहत 77 उत्पादों की सूची दी गई है.
1 जनवरी, 2021 से अनिवार्य हुआ खिलौनों के लिए BIS मार्क
2020 में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने खिलौने (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2020 जारी किया था, जो 1 जनवरी, 2021 से लागू हुआ. खिलौने (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2020 के अनुसार, भारत में सभी खिलौना निर्माताओं को BIS लाइसेंस लेना आवश्यक है. ऐसा बाजार में सस्ते-गुणवत्ता वाले सामानों की बिक्री को रोकने के लिए किया गया था.
छापेमारी और नोटिस के साथ ही BIS ने कंज्यूमर्स को सलाह दी कि वे केवल BIS, ISI की मंजूरी और उससे जुड़ी गुणवत्ता और सुरक्षा के साथ खिलौने खरीदें. इसके साथ ही उसने कंज्यूमर्स से बिना BIS वाले खिलानौं की सूचना BIS Care App पर दर्ज कराने के लिए कहा.
ऐसे चेक करें बीआईएस मार्क
भारतीय मानक ब्यूरो ने बीआईएस केयर ऐप नाम का एक मोबाइल ऐप बनाया है, जिससे प्रोडक्ट्स की जांच तुरंत हो सकती है. इस ऐप की मदद से आप BIS मार्क और ISI मार्क को भी चेक कर सकते हैं.
ऐप को डाउनलोड करने के बाद आपको BIS Care App में अपनी डिटेल भरनी होंगी. यह डिटेल्स होंगी आपका नाम, फोन नंबर और ईमेल आईडी डालना होगा. इसके बाद आपको ईमेल पर और आपके फोन नंबर पर एक ओटीपी आएगा जो वेरिफिकेशन के लिए होगा.
बीआईएस चिह्नित उत्पादों के मामले में सीआरएस के तहत सत्यापित आर-नंबर पर क्लिक करें. उत्पाद पर बीआईएस चिह्न के तहत उल्लिखित पंजीकरण संख्या दर्ज करें. आईएसआई चिह्नित उत्पादों के मामले में, लाइसेंस विवरण पर क्लिक करें. उत्पाद पर उल्लिखित सीएम/एल (कमोडिटी लाइसेंस) नंबर दर्ज करें.
इस फीचर से आप प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता को चेक कर पाएंगे. आप इस ऐप से लाइसेंसिंग डिटेल सेक्शन में जाकर ब्रांडेड प्रोडक्ट्स की जांच भी कर सकते हैं.