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शुद्ध शाकाहारी खाओ, "सात्विको" के गुण गाओ

 - प्रसून और अंकुश ने रखी सात्विको रेस्त्रां की नीव।- शुद्ध शाकाहारी भोजन का विस्तार है, सात्विको का लक्ष्य।- न्यूयॉक व लंदन में भी पहुंच बनाने की कोशिश में सात्विको।

शुद्ध शाकाहारी खाओ, "सात्विको" के गुण गाओ

Friday June 12, 2015 , 3 min Read

प्रसून गुप्ता और अंकुश शर्मा दोनों दोस्तों ने आईआईटी रुड़की में साथ पढ़ाई की। इंजीनियरिंग के दौरान ही दोनों ने मिलकर 'टैकबडी' नाम से एक स्टार्टअप की शुरुआत की। 'टैकबडी' के माध्यम से वे युवाओं को कैरियर से जुड़ी सलाह मशविरा देते थे। इनका यह काम बहुत सफल रहा। युवा उद्यमियों के तौर पर अपनी इस पहली सफलता का स्वाद चखने के बाद दोनों ने तय किया कि अब वे फूड बिजनेस में उतरेंगे और फिर शुरुआत हुई 'सात्विको' की। जी हां, दोनों ने जिस रेस्त्रां की नीव रखी उसका नाम है सात्विको। सात्विको एक फास्ट कैजुअल शुद्ध शाकाहारी रेस्त्रां है। जिसका उद्देश्य फास्ट फूड की जगह युवाओं को सात्विक भोजन खाने के लिए प्रेरित करना है। इनके मेन्यू में कई स्वादिष्ट भोजन शामिल हैं जोकि प्राचीन परंपरागत भोजन विधियों से बनाए जाते हैं। इनके बनाए भोजन में प्याज व लहसुन का प्रयोग नहीं होता। सात्विको भारतीय भोजन के साथ-साथ कॉन्टीनेंटल और मैक्सिकन भोजन भी बनाता है। इनका कॉन्टीनेंटल और मैक्सिकन भोजन भी बहुत फेमस है। इसके अलावा इनके मेन्यू में सलाद, मंचीज़, मीठा और पेय पद्धार्थ भी शामिल हैं।

सात्विको की टैग लाइन है - सबसे हैल्दी सबसे टेस्टी। उनकी यह टैग लाइन लोगों को हैल्दी डाइट के लिए प्रेरित करती है। प्रसून और अंकुश के लिए सात्विको केवल एक बिजनेस ही नहीं है बल्कि यह इन दोनों की हॉबी बन चुका है। इसीलिए वे सात्विको के लिए जो भी काम करते हैं हर काम बहुत मज़े से करते हैं।

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अक्सर देखा गया है कि जब कोई नई स्टार्टअप शुरु करता है तो उसे कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है लेकिन प्रसून और अंकुश को सात्विको को खड़ा करने में कभी भी कोई दिक्कत नहीं हुई। वे अपने कॉसेप्ट को लेकर क्लेयर हैं और मज़े से काम कर रहे हैं।

सात्विको शब्द संस्कृत के सात्विक शब्द से लिया गया है। सात्विक भोजन यानी ऐसा खाना जिसे बनाने में प्याज और लहसुन का इस्तेमाल नहीं किया जाता। प्याज और लहसुन को तामसिक पद्धार्थ माना जाता है। वेदों में भी सात्विक भोजन को विशेष महत्व दिया गया है।

'टैकबडी' और 'सात्विको' के अलावा प्रसून ने स्वराज नीति नाम का एक एनजीओ भी खोला है जो कि लोकतांत्रिक बदलाव के लिए काम करता है।

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सात्विको दिल्ली और एनसीआर में अपना विस्तार कर रहा है और इसका लक्ष्य कॉरपोरेट कस्टमर हैं। यह लोग भविष्य में न्यूयॉक व लंदन में भी सात्विको की ब्रांच खोलना चाहते हैं और मैकडोनल्ड और सबवे जैसे रेस्त्रां से सीधी टक्कर लेना चाहते हैं। भारत में कम से कम सौ आउटलेट खोलने का लक्ष्य सात्विको का है। प्रसून और अंकुश दुनिया भर में सात्विको को एक हैल्दी और न्यूट्रीशियस फूड चेन के रूप में स्थापित करना चाहते हैं।

भारत में सबसे ज्यादा शाकाहारी लोग रहते हैं। यहां लगभग चार सौ मिलियन शाकाहारी लोग हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार शाकाहारी लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। शायद इसी कारण केएफसी ने भी शाकाहारी लोगों के लिए अपने मेन्यू में कुछ डिशेज शामिल की हैं। शाकाहारी की तरफ लोगों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है एक अनुमान के मुताबिक 2020 तक दुनिया भर में लगभग तीस प्रतिशत लोग शाकाहारी हो जाएंगे। यह सात्विको के लिए अच्छी खबर है।