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मुमताज: जिसने अपने बल पर तमाम खानदानों को पीछे छोड़ स्टारडम की नई परिभाषा गढ़ी

मुमताज: जिसने अपने बल पर तमाम खानदानों को पीछे छोड़ स्टारडम की नई परिभाषा गढ़ी

Monday July 31, 2017 , 5 min Read

वो प्यारी सी लड़की जिसकी एक मुस्कुराहट पर सिनेमा हॉल में सीटियां बज जाती थीं, उसकी ज़िंदगी का एक कड़वा सच ये भी है कि अपनी उम्र के एक दौर में उसने ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का सामना किया है, लेकिन उसने ब्रेस्ट कैंसर को भी अपनी दिलकश हंसी से जीत लिया। वही लड़की जिसकी और राजेश खन्ना की जोड़ी ने पर्दे पर धमाल मचाया, वही लड़की जिसने खिलौना जैसी बेहतरीन फिल्म में अपनी अदाकारी के लिए अवॉर्ड हासिल किया। जी, हम बात कर रहे हैं अपने दौर में करोड़ों दिलों पर राज करने वाली मुमताज की। आज मुमताज का जन्मदिन है, आईये जानें उनके जीवन से जुड़ी कई खट्टी-मीठी बातें... 

मुमताज तब और अब।

मुमताज तब और अब।


मुमताज तब भी बुलंद इरादों वाली थीं जब उन्होंने पहले से स्थापित स्टारडम से भिड़कर अपनी राह खुद तय की और आज भी, जब वो ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़कर उस पर जीत हासिल कर चुकी हैं।

मुमताज ने दारा सिंह से लेकर दिलीप कुमार जैसे महान कलाकारों के साथ अभिनय कर सफलता की सीढ़ियां चढ़ती गईं। दारा सिंह के बाद मुमताज की जोड़ी राजेश खन्ना के साथ जमी। मुमताज और राजेश की फिल्में देखने के लिए सिनेमाघरों में भीड़ उमड़ती थी। उनकी फिल्म दो रास्ते की सफलता के साथ दोनों ने सफलता का एक बड़ा मुकाम हासिल कर लिया।

साठ और सत्तर के दशक की फिल्मों में नटखट अंदाज और हल्की-सी हंसी के साथ वो प्यारी सी मुस्कान वाली अभिनेत्री मुमताज।रोमांटिक और चुलबुले किरदार के अलावा मुमताज ने खिलौना जैसी फिल्मों में गंभीर भूमिकाएं भी निभाईं। इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्म फेयर बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड मिला था। मुमताज ने अपने करियर की शुरुआत बाल कलाकार के रूप में और साइड एक्ट्रेस के रुप में की थी। बी ग्रेड एक्ट्रेस होने के बावजूद 1960 के बाद उन्होंने लगातार बॉक्स ऑफिस पर हिट फिल्में दीं और उस दौर की सबसे महंगी एक्ट्रेस में शामिल हो गईं। 

मुमताज ने जूनियर कलाकार से स्टार बनने का सपना अपने मन में संजोया था और उन्होंने अपने आपको साबित करके दिखाया। अपनी लगन और मेहनत से 70 के दशक में मुमताज ने स्टार की हैसियत हासिल कर ली। उन्होंने अपनी फीस 2.5 लाख रूपये प्रति फिल्म कर दी थी। इतनी ज्यादा फीस लेने वाली मुमताज पहली एक्ट्रेस भी बनीं। उन्होंने अपने करियर में 100 से ज्यादा फिल्में की हैं। उस जमाने के कई नामी सितारे, जो कभी मुमताज का नाम सुनकर उन्हें वैल्यू नहीं देते थे, वे भी उनके साथ काम करने को बेताब नजर आने लगे।

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धुन की पक्की मुमताज

मुमताज का जन्म 31 जुलाई 1947 को मुंबई में हुआ था। इनके माता-पिता नाज और अब्दुल सलीम अस्करी ईरानी मूल के निवासी थे लेकिन बेटी मुमताज के जन्म के बाद वे मुंबई में रहने लगे। घर की माली हालत खस्ता थी, इसलिए महज 12 साल की उम्र में उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखना पड़ा। अपनी छोटी बहन मलिका के साथ वह रोजाना स्टूडियो के चक्कर लगाया करतीं और जैसी चाहे वैसी छोटी-मोटी भूमिका मांगती थीं। मुमताज ने अपने करियर की शुरुआत 1952 में फिल्म संस्कार में बाल कलाकार के तौर पर की थी। 1963 में फिल्म गहरा दाग से मुमताज ने युवा कलाकार के तौर पर अभिनय की शुरुआत की। इसमें उन्होंने लीड रोल निभाया।

मुमताज ने दारा सिंह से लेकर दिलीप कुमार जैसे महान कलाकारों के साथ अभिनय कर सफलता की सीढ़ियां चढ़ती गईं। दारा सिंह के बाद मुमताज की जोड़ी राजेश खन्ना के साथ जमी। मुमताज और राजेश की फिल्में देखने के लिए सिनेमाघरों में भीड़ उमड़ती थी। उनकी फिल्म दो रास्ते की सफलता के साथ दोनों ने सफलता का एक बड़ा मुकाम हासिल कर लिया।

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मुमताज के साथ काम करने को तरसते थे लोग

यह वो दौर था जब उनके साथ काम करने से मना करने वाले स्टार्स भी उनके साथ एक फिल्म करने को तरस रहे थे। इन्हीं एक्टर्स में से एक शशि कपूर थे। कपूर खानदान के इस स्टार ने साल 1970 में आई फिल्म सच्चा झूठा केवल इसलिए रिजेक्ट कर दी थी क्योंकि इस फिल्म में मुमताज थीं। शशि के मना करने के बाद इस फिल्म में राजेश खन्ना को लिया गया। राजेश खन्ना और मुमताज की जोड़ी दर्शकों को खूब पसंद आई। मुमताज इंडस्ट्री में एक बड़ी ब्रैंड बन चुकी थीं और यह समय ऐसा था कि हर कोई उनके साथ काम करना चाहता था। कुछ ऐसा ही हाल शशि कपूर का भी था।

एक समय उनके साथ काम करने से मना करने वाले शशि कपूर अब मुमताज के साथ फिल्म करना चाहते थे। अपनी इस ख्वाहिश को पूरा करने के लिए उन्होंने प्रोड्यूसर और डायरेक्टर के सामने शर्त तक रख दी थी, कि वह फिल्म तभी साइन करेंगे जब उनके अपोजिट मुमताज को कास्ट किया जाएगा। यह किस्सा साल 1974 में आई फिल्म चोर मचाए शोर से जुड़ा है। शशि कपूर को जब ये फिल्म ऑफर की गई थी, तो उन्होंने मुमताज को कास्ट करने की शर्त पर ये फिल्म साइन की थी। 1971 में संजीव कुमार के साथ खिलौना फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस अवार्ड मिला। 1996 में उन्हें फिल्मफेयर ने लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया।

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ब्रेस्ट कैंसर को जीतने वाली मुमताज

दर्शकों के दिलों पर राज करने वाली मुमताज ब्रेस्ट कैंसर की शिकार हो गई हैं, जिससे वो एक फाइटर की तरह बाहर निकलीं। कीमोथैरेपी और दवाओं की वजह से उनके सिर के सारे बाल झड़ गए थे। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। किसी भी तरह का कैंसर इंसान को तोड़ देता है। झेला देने वाली मेडिकल प्रक्रिया से लड़कर कैंसर को मात दे देना, ये एक बहादुर दिल वाला इंसान ही कर सकता है, जिसका एक बड़ा उदाहरण हैं मुमताज

मुमताज तब भी बुलंद इरादों वाली थीं जब वो पहले से स्थापित स्टारडम से भिड़कर अपनी राह खुद तय करती थीं और आज भी हैं, जब वो ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़कर उस पर जीत हासिल कर चुकी हैं। उनको हमारी टीम की तरफ से जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं।

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