Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
ADVERTISEMENT
Advertise with us

श्वेतक ने बनाई एक ऐसी डिवाईस जो स्मार्ट फोन के माध्यम से करेगी स्वास्थ्य परीक्षण

श्वेतक एन. पटेल का 'सेनोसिस हेल्थ' एक ऐसा स्टार्टअप है, जिसकी मदद से किया जा सकेगा घर बैठे स्वास्थ्य परीक्षण...

जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी, भारतीय मूल के प्रोफेसर श्वेतक एन. पटेल ने एक ऐसी डिवाईस बनाने में सफलता हासिल कर ली है, जिसकी मदद से महंगे स्वास्थ्य परीक्षणों से निजात मिल जायेगी। श्वेतक नई हेल्थ टेक्नोलॉजी में अनेक तरह की समस्याओं का समाधान खोज रहे हैं। हेल्थ चेकअप डिवाइस की ताजा खोज से उन्हें विश्वमंच पर युवा शोध-उद्यमी के रूप में स्वतंत्र पहचान मिली है। 'सेनोसिस हेल्थ' उनका ताजा स्टार्टअप है, जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति घर बैठे अपना स्वास्थ्य परीक्षण कर सकता है...

<h2 style=

श्वेतक एन. पटेल, फोटो साभार: .washington.eda12bc34de56fgmedium"/>

श्वेतक एन. पटेल के 'सेनोसिस हेल्थ' स्टार्टअप ने स्वास्थ्य की दुनिया में नई क्रांति ला दी है। नामुकिन सा लगता है, ये सोचना कि मोबाइल फोन के माध्यम से अब किसी भी बीमारी की पहचान और उसके इलाज का समाधान उपलब्ध होगा।

यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन में कंप्यूटर साइंस और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर श्वेतक एन. पटेल ने स्मार्टफोन के माध्यम से हेल्थ चेक-अप डिवाइस का आविष्कार किया है। वह भारतीय मूल के इनोवेटर हैं। अपनी इस खास खोज के कारण उन्हें विश्वमंच पर युवा शोध-उद्यमी के रूप में अपनी स्वतंत्र पहचान मिली है। वह यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लोबल इनोवेशन एक्सचेंज के सीटीओ और डायरेक्टर भी हैं। ह्यूमेन-कंप्यूटर इंटेरेक्शन, सेंसर आधारित सिस्टम और यूजर इंटरफेस सॉफ्टवेयर एंड टेक्नोलॉजी उनके अध्ययन के खास विषय रहे हैं। वह कई तकनीकी स्टार्टअप के फाउंडर हैं। उनका ताजा स्टार्टअप है 'सेनोसिस हेल्थ'। वे अपने इस स्टार्टअप के माध्यम से दुनिया भर में भौगोलिक दशाओं के अधीन संसाधनों को स्वास्थ्य समाधान मुहैया कराना चाहते हैं।

ये भी पढ़ें,

दसवीं के 3 छात्रों ने शुरू किया स्टार्टअप, मिल गई 3 करोड़ की फंडिंग

"अभी तक हेल्थ चेकअप के लिए आमतौर पर डायबिटीज़ अथवा बीपी पीड़ितों को ही घरेलू स्तर पर आधुनिक तकनीकी संसाधन सुलभ थे, लेकिन श्वेतक ने स्मार्टफोन के लिए ऐसा एप विकसित किया है, जिसकी मदद से कोई भी व्यक्ति कई अन्य बीमारयों का घर बैठे स्वास्थ्य परीक्षण कर सकता है। इस एप से आम जन को दोहरा लाभ होगा, एक तो घर बैठे जांच, दूसरे परीक्षण के अतिरिक्त खर्च से बचत। श्वेतक का एप 'सेनोसिस हेल्थ' यानी डिजिटल हेल्थ इनोवेशन किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा है।"

<h2 style=

श्वेतक अपने एप को दिखाते हुए, फोटो साभार: geekwire.coma12bc34de56fgmedium"/>

35 वर्षीय श्वेतक एन. पटेल जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी कर चुके हैं। उनका मानना है कि नई हेल्थ टेक्नोलॉजी में और भी अनेक तरह की समस्याओं का समाधान संभव है। वह इस दिशा में और भी कुछ करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। वह अपनी ताजा खोज पर प्रकाश डालते हुए बताते हैं, कि 'एक दिन उन्होंने सोचा, यदि स्मार्ट फोन अन्य व्यक्तिगत जरूरतों जैसे कैमरा, घड़ी आदि के काम आ सकता है तो क्या हेल्थ चेकअप डाटा इसमें स्टोर करने सुविधा की खोज संभव नहीं है। उन्होंने इस दिशा में अपने प्रयास शुरू कर दिए। सबसे पहले उन्होंने स्मार्टफोन में उपलब्ध एक्सीलेरोमीटर, कैमरा, माइक्रोफोन, फ्लैश आदि पर ध्यान केंद्रित किया। आखिरकार, एक दिन उन्होंने नये एनर्जी एंड वाटर सेंसिंग, सेंसिंग सिस्टम और मोबाइल हेल्थ को विकसित कर लिया।

ये भी पढ़ें,

सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने लाखों की नौकरी छोड़ गांव में शुरू किया डेयरी उद्योग

सहज उपलब्ध स्मार्टफोन का माध्यम मिल जाने से इस सिनोसिस की उपलब्धता के बाद कई बातें एक साथ आसान हो जाती हैं। स्वास्थ्य परीक्षण के लिए अलग से कोई उपकरण नहीं खरीदना पड़ेगा, इसे मोबाइल से डाउनलोड किया जा सकता है, जांच का त्वरित परिणाम मिल सकता है और न रिपोर्ट का इंतजार, न डॉक्टर या पैथॉलोजी के चक्कर। साथ ही सबसे अच्छी बात ये है, कि श्वेतक के इस एप की मदद से नवजात शिशुओं में होने वाले पीलिया की भी जांच स्मार्टफोन के कैमरे से की जा सकेगी, जिसके लिए किसी विशेषज्ञ की ज़रूरत नहीं। मीडिया से हुई अपनी बातचीत में श्वेतक कहते हैं, 'कैमरा और फ्लैश के माध्यम से त्वचा द्वारा ग्रहण किये गये प्रकाश के वेवलेंथ के परीक्षण के जरिये रक्त में बिलिरूबिन की मात्रा का पता लगाया जा सकता है।'

"शहरी स्वास्थ्य संसाधनों से दूर गांवों के लोगों के लिए तो यह सुविधा किसी वरदान से कम नहीं है। श्वांस के मरीजों का भी इससे स्वास्थ्य परीक्षण किया जा सकता है।"

फोन के माइक्रोफोन को स्पाइरोमीटर से रिप्लेस कर स्पाइरोस्मार्ट फेफड़े की गतिविधियों की माप करता है और अस्थमा, सिस्टिक फाइब्रोस, प्यूलमोनरी जैसी बीमारियों का पता लगा लेता है। हेमाएप स्मार्टफोन के कैमरे के माध्यम से हिमोग्लोबीन की मात्रा माप सकता है। बीपी सेंस एक अन्य एप है, जो ट्रांसमिट टाइम एनालिसिस के इस्तेमाल से ब्लड प्रेशर की माप करता है।

ये भी पढ़ें,

बहन की खराब सेहत ने ऋषि को दिया स्टार्टअप आइडिया, आज हैं अरबपति