FY24 के लिए 6 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए, 70% ने चुना नया टैक्स रिजीम: रिपोर्ट
पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 8.61 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए थे. इस वर्ष का बड़ा बदलाव नई कर व्यवस्था के लाभों की बढ़ती स्वीकार्यता को दर्शाता है.
भारत में आयकर दाखिल (Income Tax Reture File) करने के तरीके में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिला है. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए लगभग 6 करोड़ आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल किए गए हैं. फायनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है. रिपोर्ट में राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा के हवाले से बताया गया है कि उल्लेखनीय रूप से, इनमें से 70% रिटर्न नए टैक्स रिजीम के तहत दाखिल किए गए हैं.
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के बजट पश्चात सत्र में अपने संबोधन में मल्होत्रा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस बात को लेकर शुरुआती संदेह था कि क्या करदाता नई कर व्यवस्था को अपनाएंगे. हालांकि, इस नई प्रणाली की उच्च स्वीकार्यता सकारात्मक स्वागत का संकेत देती है.
कर प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए शुरू की गई नई कर व्यवस्था, पिछली व्यवस्था की तुलना में कम कर दरें प्रदान करती है, लेकिन कम छूट और कटौती प्रदान करती है. मल्होत्रा ने इस बात पर जोर दिया कि इस व्यवस्था की ओर कदम बढ़ाने का उद्देश्य अनुपालन बोझ को कम करना और लोगों के लिए कर प्रणाली को अधिक सरल बनाना है.
पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 8.61 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए थे. इस वर्ष का बड़ा बदलाव नई कर व्यवस्था के लाभों की बढ़ती स्वीकार्यता को दर्शाता है.
आगे बढ़ते हुए, सरकार हाल के बजट में उल्लिखित आयकर कानूनों की व्यापक समीक्षा करने की योजना बना रही है. मल्होत्रा ने कहा कि संशोधित कर कानूनों का ड्राफ्ट जल्द ही जारी किया जाएगा, और कर प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए जनता के सुझाव मांगे जाएंगे.
वर्तमान में, भारत दो व्यक्तिगत आयकर व्यवस्थाओं के तहत काम करता है: पुरानी प्रणाली जिसमें दरें अधिक हैं लेकिन छूट अधिक है, और नई प्रणाली जिसमें दरें कम हैं लेकिन कटौती कम है. सरलीकरण की दिशा में सरकार का कदम करदाताओं के लिए कर अनुपालन प्रक्रिया को आसान बनाने की उसकी प्रतिबद्धता दर्शाता है.
Edited by रविकांत पारीक