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महिलाओं को अपना बिजनेस शुरू करने में ये 5 लोन स्कीम कर रहीं मदद

महिलाओं को बिजनेस के क्षेत्र में सशक्त बनाने में विभिन्न लोन स्कीम्स का भी योगदान है. सरकार ने महिलाओं को ध्यान में रखते हुए कुछ खास लोन स्कीम्स चलाई हुई हैं, साथ ही विभिन्न बैंकों ने भी इस तरह की सुविधा दी हुई है.

महिलाओं को अपना बिजनेस शुरू करने में ये 5 लोन स्कीम कर रहीं मदद

Friday June 17, 2022 , 4 min Read

भारत में स्टार्टअप और SME की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. ऐसा नहीं है कि केवल संख्या ही बढ़ रही है, बल्कि कारोबार नई ऊंचाइयों को भी छू रहे हैं. देश में अब कारोबार करना केवल पुरुषों तक ही सीमित नहीं रह गया है. महिला उद्यमियों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. महिलाओं को बिजनेस के क्षेत्र में सशक्त बनाने में विभिन्न लोन स्कीम्स का भी योगदान है. सरकार ने महिलाओं को ध्यान में रखते हुए कुछ खास लोन स्कीम्स चलाई हुई हैं, साथ ही विभिन्न बैंकों ने भी इस तरह की सुविधा दी हुई है. आइए डालते हैं एक नजर, महिलाओं के लिए लागू कुछ प्रमुख बिजनेस लोन स्कीम्स पर...

मुद्रा लोन

इस लोन की शुरुआत 2015 में हुई थी. योजना के तहत व्यक्तियों, स्टार्टअप, बिजनेस मालिकों को लोन दिया जाता है. महिला उद्यमी भी इस स्कीम का लाभ ले सकती हैं. ऋण की राशि की मात्रा के आधार पर मुद्रा लोन को तीन भाग में बांटा गया गया है.

शिशु: रु. 50,000 तक की ऋण राशि 

किशोर: रु. 50,000 से अधिक एवं रु. 5.00 लाख तक की ऋण राशि

तरुण: रु. 5.00 लाख से अधिक एवं रु. 10.00 लाख तक की ऋण राशि

महिला उद्यमियों को मुद्रा लोन के ब्याज पर छूट का प्रावधान है. स्कीम के तहत मिलने वाला लोन कौलैटरल फ्री होता है. यानी कोई सिक्योरिटी जमा कराने की जरूरत नहीं है. लोन के रिपेमेंट की अवधि 5 वर्ष है. 18 साल से 65 साल तक का कोई भी व्यक्ति मुद्रा लोन स्कीम का फायदा ले सकता है.

स्टैंड अप इंडिया स्कीम

एससी, एसटी और महिला उद्यमी आकांक्षी, ऊर्जावान और उत्साही हैं, लेकिन उन्हें अपने सपने को वास्तविकता में बदलने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, 5 अप्रैल 2016 को स्टैंड-अप इंडिया योजना शुरू की गई. इस योजना का उद्धेश्य आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान देते हुए जमीनी स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देना है. इस योजना का विस्तार, वर्ष 2025 तक किया गया है. लोन का फायदा लेने के लिए बिजनेस मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेज, ट्रेडिंग या एग्रीकल्चर अलाइड एक्टिविटीज से जुड़ा होना चाहिए. बिजनेस में कम से कम 51 प्रतिशत हिस्सेदारी एससी/एसटी या महिला उद्यमियों की होनी चाहिए. लोन को मैक्सिमम 7 सालों में चुकाया जा सकता है. मैक्सिमम मोरेटोरियम पीरियड 18 महीने है.

PNB महिला उद्यमी

इनकम जनरेशन वाली किसी भी गतिविधि में महिलाओं को वित्तीय सहायता देने के लिए पंजाब नेशनल बैंक ने यह स्कीम चलाई हुई है. महिलाएं ट्रेडिंग/स्मॉल बिजनेस/मैन्युफैक्चरिंग/सर्विसेज आदि में इनकम जनरेशन एक्टिविटी के लिए इस लोन स्कीम का फायदा ले सकती हैं. नई यूनिट सेटअप करने, मौजूदा कारोबार का विस्तार करने, मौजूदा यूनिट को आधुनिक बनाने के लिए लोन लिया जा सकता है.

इसमें 10 लाख रुपये तक का लोन मिलता है. लोन को चुकाने के लिए मैक्सिमम अवधि 5 साल है. लोन महिलाओं को व्यक्तिगत तौर पर तो मिलता ही है, साथ ही ऐसी फर्म/कंपनी को भी दिया जाता है, जहां शेयरहोल्डिंग और स्टेक कंट्रोल करने में महिला उद्यमी की न्यूनतम 50% हिस्सेदारी है.

KBL महिला उद्योग

यह कर्नाटक बैंक की स्कीम है. KBL महिला उद्योग लोन किसी भी ऐसे बिज़नेस या स्टार्टअप के लिए प्रदान किया जा सकता है, जिससे आपको आय प्राप्त होती है. यह लोन विशेष रूप से महिलाओं को दिया जाता है और इस पर अधिकतम 10 लाख रु. तक की लोन राशि मिलती है. रिपेमेंट पीरियड अधिकतम 10 साल है. महिला उद्योग लोन महिलाओं को व्यक्तिगत तौर पर तो मिलता ही है, साथ ही ऐसी फर्म/कंपनी को भी दिया जाता है, जहां शेयरहोल्डिंग और स्टेक कंट्रोल करने में महिला उद्यमी की न्यूनतम 51% हिस्सेदारी है. इसके अलावा यह सेल्फ हेल्प ग्रुप को भी मिलता है. किसी भी इनकम जनरेटिंग एक्टिविटी के लिए यह लोन लिया जा सकता है. इस लोन पर मौजूदा ब्याज दर 10.50 प्रतिशत सालाना है.

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का 'सेंट कल्याणी'

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया उन महिला उद्यमियों के लिए बिज़नेस और स्टार्टअप लोन प्रदान करता है जो अपना नया बिज़नेस खोलना चाहती हैं या मौजूदा बिज़नेस को बढ़ाना चाहती हैं या उसकी जगह दूसरा बिज़नेस खोलना चाहती हैं. ग्रामीण और कुटीर उद्योगों, एमएसएमई और खेती, रिटेलिंग और सरकार समर्थित फर्मों में काम करने वाली महिला उद्यमी इस बिज़नेस लोन का लाभ उठा सकती हैं.

ब्याज दर: MCLR+0.25 प्रतिशत से लेकर एमसीएलआर+0.50 प्रतिशत

अगर अकाउंट एक्सटर्नल एजेंसी द्वारा रेटेड है तो 0.25 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट ​रहेगी.

उद्देश्य: बिज़नेस में रोज़ाना होने वाले खर्चों को पूरा करने के लिए, प्लांट और मशीनरी/ उपकरण खरीदने के लिए आदि.

लोन प्रकार: टर्म लोन फंड-आधारित वर्किंग कैपिटल फैसिलिटी– ओवरड्राफ्ट / कैश क्रेडिट नॉन- फंड-आधारित वर्किंग कैपिटल – लेटर ऑफ क्रेडिट / लेटर ऑफ गारंटी, आदि.

लोन राशि: 1 करोड़ रु. तक