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भारतीय स्टूडेंट ईशा बहल एक दिन के लिए बनीं ब्रिटिश हाई कमिश्नर

भारतीय स्टूडेंट ईशा बहल एक दिन के लिए बनीं ब्रिटिश हाई कमिश्नर

Tuesday October 09, 2018 , 3 min Read

58 प्रतिभागियों में से नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी की छात्रा ईशा बहल को चुना गया और उन्हें एक दिन के लिए भारत में ब्रिटिश हाई कमिश्नर बनाया गया। ईशा पब्लिक पॉलिसी और लॉ की पढ़ाई कर रही हैं और आगे चलकर वह सोशल उद्यमी बनना चाहती हैं।

ईशा  बहल

ईशा  बहल


एक दिन के लिए ब्रिटिश हाई कमिश्नर बनकर ईशा काफी उत्साहित दिखीं। इस मौके पर ईशा ने कहा कि उन्हें जो मौका मिला, वह बेहद खास है। एक दिन उच्चायुक्त बनने के क्रम में उसने जाना कि भारत और ब्रिटेन के संबध कितने गहरे हैं।

11 अक्टूबर को इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे मनाया जाता है। इस मौके को यादगार और खास बनाने के लिए ब्रिटिश हाई कमीशन ने एक प्रतियोगिता का आयोजन किया था और पूछा था कि "आपके लिए लैंगिक बराबरी के क्या मायने हैं?" इस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को एक छोटा सा विडियो बनाकर भेजना था, जिसमें 58 स्टूडेंट्स ने अपने-अपने विडियो भेजे। 58 प्रतिभागियों में से नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी की छात्रा ईशा बहल को चुना गया और उन्हें एक दिन के लिए भारत में ब्रिटिश हाई कमिश्नर बनाया गया। ईशा पब्लिक पॉलिसी और लॉ की पढ़ाई कर रही हैं और आगे चलकर वह सोशल उद्यमी बनना चाहती हैं।

एक दिन के लिए ब्रिटिश हाई कमिश्नर बनकर ईशा काफी उत्साहित दिखीं। इस मौके पर ईशा ने कहा कि उन्हें जो मौका मिला, वह बेहद खास है। एक दिन उच्चायुक्त बनने के क्रम में उसने जाना कि भारत और ब्रिटेन के संबध कितने गहरे हैं। ब्रिटिश हाई कमिश्नर डोमिनिक एस्क्विथ ने कहा कि वह इशा से बहुत प्रभावित हैं। सोमवार को वह डेप्युटी कमिश्नर के रूप में काम कर रहे थे। ईशा ने चार्ज लेने के बाद सोमवार को कई काम भी किये। उन्होंने कई मीटिंग में हिस्सा लिया और कुछ जगहों का दौरा भी किया।

इसी क्रम में वह बतौर ब्रिटिश हाई कमिश्नर गुडगांव भी गईं और वहां चल रहे प्रॉजेक्ट का मुआइना किया। ब्रिटिश हाई कमिशन का दावा है कि वह भारत में महिलाओं के कल्याण के लिए कई प्रॉजेक्ट में काम कर रहे हैं। ईशा ने कहा, 'मेरा सफर एकदम साधारण रहा। मैंने सिर्फ फेसबुक पर एक विडियो अपलोड किया जिसमें मैंने जेंडर समानता के मायने बताए थे। मैंने उस विडियो में यूके और इंडियन हाई कमीशन को टैग भी किया था। कुछ दिन बाद मुझे एक मेल मिला जिसमें बताया गया था कि मैं विजेता बन गई हूं।' इसके बाद ईशा को खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

इस मौके पर ब्रिटिश उच्चायुक्त डोमिनिक ऐसक्विथ ने ईशा को सुनहरे भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा, 'हमें खुशी है कि हम एक ऐसी प्रतियोगिता कराने में सफल रहे जिसके जरिए भारतीय महिलाओं को अपने अधिकारों पर बोलने का मौका मिला। ईशा एक प्रतिभाशाली लड़की है और मैं उसकी सफलता पर उसे बधाई देना चाहता हूं। इसके साथ ही मैं हर उस लड़की का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिसन इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया।'

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