फिनटेक में महिलाएं: नवाचार, समावेशन और विकास को दे रही हैं बढ़ावा
भारत में फिनटेक क्रांति के खास पहलुओं में से एक जेंडर इक्वैलिटी को बढ़ावा देना और महिलाओं के लिए वित्तीय समावेशन को बेहतर बनाने में इसका योगदान है. मिसाल के तौर पर, जनवरी 2013 से मई 2023 के बीच, फिनटेक बोर्डरूम में समावेशी विकास की दिशा में सराहनीय प्रगति देखने को मिली है.
भारत में फिनटेक सेक्टर में हो रही वृद्धि इस क्षेत्र के विभिन्न हितधारकों द्वारा किए गए सहयोगात्मक प्रयास का नतीजा है. 2020 से अब तक 10,000 से अधिक फिनटेक कंपनियों और 17.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की फंडिंग के साथ, भारत अब एक प्रमुख फिनटेक हब बन गया है. इसके अलावा, 2024 तक इसका मार्केट साइज 111.14 अरब अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है. 2024-29 के बीच इसके 30.55% की सीएजीआर दर से बढ़कर 421.48 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.
इस तेज़ विकास के बीच, इस सेक्टर का एक अनूठा पहलू भी है. भारत में फिनटेक क्रांति के खास पहलुओं में से एक जेंडर इक्वैलिटी को बढ़ावा देना और महिलाओं के लिए वित्तीय समावेशन को बेहतर बनाने में इसका योगदान है. मिसाल के तौर पर, जनवरी 2013 से मई 2023 के बीच, फिनटेक बोर्डरूम में समावेशी विकास की दिशा में सराहनीय प्रगति देखने को मिली है.
वर्तमान में, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के साथ पंजीकृत 42% फिनटेक स्टार्टअप में कम से कम एक महिला डायरेक्टर या फाउंडर के पद पर है. फिनटेक कंपनियों में महिला डायरेक्टर्स के शामिल होने में 2013 से 2022 तक 36% की मजबूत सालाना ग्रोथ देखने को मिली है. यह ट्रेंड बड़े शहरी सेंटर्स तक ही सीमित नहीं बल्कि टियर-I+ शहरों में भी कंपनियों के बोर्ड में महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. 2013-15 और 2022-23 के बीच क्रमशः टियर-I शहरों में 26% से 32% और टियर-I शहरों से परे दूसरे शहरों में 48% से 52% तक का यह विस्तार देश की कारोबारी दुनिया में लैंगिक विविधता की व्यापक स्वीकृति को दर्शाता है.
फिनटेक ग्रोथ को बढ़ावा देने में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका
परंपरागत रूप से, फिनटेक सेक्टर में पुरुष प्रोफेशनल्स का वर्चस्व रहा है, लेकिन महत्वपूर्ण भूमिकाओं में महिलाओं की बढ़ती संख्या एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है जोकि महज एक संयोग नहीं है. यह वर्कप्लेस में जेंडर इक्वैलिटी और विविधता की दिशा में एक सर्वव्यापी प्रयास का परिणाम है. फिनटेक में काम करने वाली महिलाएं रूढ़िवादी सोच वाले लोगों को चुनौती दे रही हैं, पुराने घिसेपिटे मानदंडों पर सवाल उठा रही हैं और एक ऐसी इंडस्ट्री को बड़े स्तर पर प्रभावित कर रही हैं जो तकनीकी नवाचार की लीडर हैं. इस सेक्टर में महिलाओं के प्रतिनिधित्व में बढ़ोतरी के प्रमुख कारकों में से एक उनके खास नजरिए और कौशल को मिल रही मान्यता है. किसी भी दूसरे सेक्टर की तरह, फिनटेक भी तकनीकी विशेषज्ञता से लेकर रचनात्मक समस्या-समाधान तक विविधता भरे टैलेंट पूल की मांग करता है और महिलाएं इन सभी मांगों को पूरा कर रही हैं.
फिनटेक किस तरह से ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं को नेतृत्व करने वाले पदों पर ला सकते हैं?
भले ही फिनटेक बोर्डरूम में महिलाओं के प्रतिनिधित्व में कुछ सुधार हुआ हो, लेकिन अगर व्यापक तौर पर देखा जाए तो ये आंकड़े अभी भी तुलनात्मक रूप से काफी कमजोर हैं. उदाहरण के लिए, वैश्विक स्तर पर सबसे ज़्यादा फ़ंड पाने वाली 1,032 फिनटेक में से सिर्फ़ 16 की स्थापना महिलाओं ने की है और उन्हें वेंचर कैपिटल फ़ंडिंग का सिर्फ़ 1% ही मिला है. एक अन्य रिपोर्ट से पता चलता है कि वैश्विक आबादी में लगभग आधी हिस्सेदारी होने के बावजूद, महिलाएं सिर्फ़ 6% फिनटेक कंपनियों में सीईओ के पद पर हैं, जबकि सिर्फ़ 4% ही मुख्य सूचना अधिकारी (CIO) और चीफ टेक्नोलॉजी ऑफीसर (CTO) जैसे महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी भूमिकाओं में हैं. यह फिनटेक कंपनियों के बीच ज़्यादा महिलाओं को नेतृत्व करने वाले पदों पर नियुक्त करने के लिए प्रोत्साहित करने की ज़रूरत को दर्शाता है. इससे हम फिनटेक सेक्टर में महिला समावेशन से जुड़ी तीन बड़ी चुनौतियों से भी रूबरू होते हैं. ये चुनौतियां हैं महिला फाउंडर्स, कर्मचारियों और यूजर्स की कमी.
मोटे तौर पर, फिनटेक वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने में योगदान देता है. फिनटेक में महिलाओं की भागीदारी से उनकी खास जरूरतों के मुताबिक प्रोडक्ट का विकास संभव होता है. हालांकि, फिनटेक में महिलाओं का कम प्रतिनिधित्व कुछ सबसे नवीन विचारों और समाधानों से वंचित रह जाने का जोखिम पैदा करता है. महिलाओं की क्रेडिट रेटिंग बढ़ाने के लिए समर्पित एक फिनटेक फर्म सीक्विन फाइनेंशियल की संस्थापक वृंदा गुप्ता की कहानी इस मुद्दे पर और प्रकाश डालती है. अपने महिला-केंद्रित प्रोडक्ट के लिए एक प्रमुख क्रेडिट कार्ड कंपनी से अस्वीकृति मिलने के बावजूद, गुप्ता के दृढ़ संकल्प ने उन्हें अपनी कंपनी स्थापित करने के लिए प्रेरित किया. इसके चलते उन्हें "वूमेन इन फिनटेक टू वाच आउट फॉर इन 2023" में से एक के रूप में मान्यता मिली.
इसके अलावा, ताला, जेफा, और एलेवेस्ट जैसे कुछ ग्लोबल ब्रैंड्स न केवल अपने उत्पादों के जरिए महिलाओं को सक्षम बना रहे हैं, बल्कि महिला-केंद्रित नीतियां भी पेश कर रहे हैं जो उन्हें कॉर्पोरेट सीढ़ी चढ़ने के लिए मजबूत बनाती हैं.
फिनटेक में महिलाओं को सशक्त बनाने की रणनीतियां
फिनटेक कंपनियों के लिए, जेंडर गैप को कम करने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग तरह की प्रतिभाओं का लाभ उठाने पर फोकस करना जरूरी है. यहां कुछ रणनीतियां दी गई हैं जिनका पालन कंपनियां इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कर सकती हैं:
- किसी भी कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है फाइनेंस और टेक्नोलॉजी सेक्टर्स में महिलाओं के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए मेंटरशिप के अवसर प्रदान करना. सी-सूट लीडर्स को अपनी टीमों में महिलाओं की ग्रोथ और सफलता को बढ़ावा देने के लिए गंभीर प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करना चाहिए. इसके अतिरिक्त, कंपनियों को अपने अधिकारियों को आवश्यक वित्तीय संसाधनों और उपकरणों से लैस करना चाहिए ताकि महिला प्रतिभा की भावी पीढ़ी को निखारने के उद्देश्य से मजबूत प्रशिक्षण और मेंटरशिप कार्यक्रम शुरू किए जा सकें.
- बैंकिंग सेक्टर में डिजिटल अनुकूलन के साथ नए बदलाव हो रहे हैं. इस बदलाव में कई महिला फिनटेक लीडर आगे बढ़कर योगदान कर रही हैं. उनके नेतृत्व को स्वीकार कर पूरी इंडस्ट्री के लिए परिवर्तनकारी साबित हो सकता है, क्योंकि महिलाएं सहभागी नजरिए के साथ नेतृत्व करती हैं और टीम के सदस्यों को सक्रिय रूप से योगदान देने और अपने बेहतरीन विचार पेश करने के लिए प्रेरित करती हैं. ऐसा सहयोगात्मक वातावरण व्यापक विचार-विमर्श को बढ़ावा देता है, जो बाजार में नए-नए आविष्कार करने और तकनीकी प्रतिस्पर्धा बनाए रखने का प्रयास करने वाली किसी भी कंपनी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.
- महिलाओं को उनकी पेशेवर भूमिकाओं में सफल होने में मदद करने के लिए वर्कलाइफ बैलेंस नीतियों की स्थापना करना जरूरी है. इससे वे बिना अपने परिवार को समर्पित समय से समझौता किए अपनी ऑफिस की जिम्मेदारी निभा पाएंगी. ऐसी कंपनियां जो ऐसी नीतियों को लागू करती हैं, उन्हें कई फायदे मिलते हैं. इन फायदों में उत्पादकता में बढ़ोतरी, कर्मचारी संतुष्टि में वृद्धि और बेहतर रिटेंशन रेट यानी नौकरी बरकरार रहने की दर शामिल हैं. नतीजतन, कई लोन देने वाली और वित्तीय संस्थाओं ने ऐसी नीतियां अपनाई हैं जो पुरुष और महिला दोनों कर्मचारियों की सेहत को प्राथमिकता देती हैं, उन्हें अपने पारिवारिक प्रतिबद्धताओं को प्राथमिकता देने और उन गतिविधियों के लिए समय निकालने के लिए प्रोत्साहित करती हैं जो उनके जीवन में सबसे अधिक महत्व रखती हैं.
जैसे-जैसे फिनटेक सेक्टर में बदलाव हो रहे हैं, 'फिनटेक में महिलाओं' का महत्व और प्रभाव और भी ज़्यादा बढ़ने वाला है. ऐसी कंपनियां जो विविधता और समावेशन को सक्रिय रूप से बढ़ावा देती हैं, वे लगातार बदलते माहौल की जटिलताओं को समझने और उभरती संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए बेहतर ढंग से तैयार हैं. फिनटेक इंडस्ट्री के लिए इस बदलते माहौल के बीच विविधता, समान अवसरों और समावेशन को बढ़ावा देने के लिए अपने समर्पण को बनाए रखना सबसे अधिक महत्वपूर्ण है. फिनटेक में महिलाओं की बढ़ती उपस्थिति इस बात की निरंतर याद दिलाती है कि उनका योगदान न केवल व्यक्तिगत फर्म्स की समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि दुनिया भर में फिनटेक के भविष्य को आकार देने में भी बुनियादी भूमिका रखता है.
(लेखिका Religare की एग्जीक्यूटिव चेयरपर्सन हैं. आलेख में व्यक्त विचार लेखिका के हैं. YourStory का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है.)
Edited by रविकांत पारीक