...जब इंदिरा गांधी ने BBC को बैन कर दिया था
ऐसा नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पहली सरकार है, जिसे बीबीसी के काम से दिक्कत हुई हो. नरेंद्र मोदी की सरकार से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार को भी बीबीसी के काम से दिक्कत होती थी.
मंगलवार 14 फरवरी को आयकर विभाग ने ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC) के दिल्ली और मुंबई स्थित दफ्तरों में ‘सर्वे’ किया. यह ‘सर्वे’ एक चोरी के मामले की जांच को लेकर किया गया. बता दें कि, एक 'सर्वे' के तहत, आयकर विभाग केवल कंपनी के व्यावसायिक परिसर की ही जांच करता है और इसके प्रवर्तकों या निदेशकों के आवासों और अन्य स्थानों पर छापा नहीं मारता है.
हालांकि, केंद्रीय एजेंसी के इस कदम को बीबीसी द्वारा हाल में गुजरात दंगों पर रिलीज की गई डॉक्यूमेंट्री से जोड़कर देखा जा रहा है. हाल ही में बीबीसी ने ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ टाइटल से दो भाग में बनाई गई एक सीरीज रिलीज की. यह सीरीज गुजरात में 2002 में हुए दंगों के बारे में है, जब मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्य के मुख्यमंत्री थे.
डॉक्यूमेंट्री के रिलीज होने के बाद सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने आईटी नियम, 2021 के तहत आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल किया. मंत्रालय ने डॉक्यूमेंट्री का लिंक साझा करने वाले कई यूट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट को ब्लॉक करने के निर्देश जारी कर दिए.
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब बीबीसी और भारत सरकार आमने-सामने आए हैं. इससे पहले साल 2015 में 2012 के निर्भया गैंगरेप-हत्या मामले पर बनी 'इंडियाज डॉटर' डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण को रोकने की सरकार ने बहुत कोशिश की थी. हालांकि, बीबीसी ने दुनियाभर में इसका प्रसारण कर दिया था.
लोकसभा में इस पर हुई डिबेट में तत्कालीन संसदीय मामलों के मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा था, 'हम डॉक्यूमेंट्री को भारत में बैन कर सकते हैं, लेकिन यहां पर तो भारत को बदनाम करने की साजिश चल रही है.'
इंदिरा गांधी ने BBC को दो बार बैन किया था
हालांकि, ऐसा नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पहली सरकार है, जिसे बीबीसी के काम से दिक्कत हुई हो.
नरेंद्र मोदी की सरकार से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार को भी बीबीसी के काम से दिक्कत होती थी. यही कारण है कि इंदिरा गांधी के शासनकाल में न सिर्फ सरकार और बीबीसी के बीच तल्खी आई बल्कि सरकार ने दो बार बीबीसी पर बैन भी लगाया.
ऐसा पहला मौका साल 1970 में आया जब दो डॉक्यूमेंट्री पर हुए विवाद के कारण बीबीसी पर दो साल का बैन लगा दिया गया और उसे देश से निकाल दिया गया. वहीं, दूसरा मौका इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के दौरान का है, जब देश में मीडिया से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सभी संस्थाओं से उनकी शक्तियां छिन ली गईं थीं.
बीबीसी ने अपनी वेबसाइट पर डाले गए इतिहास में बताया है कि साल 1970 में फ्रांसीसी फिल्ममेकर लुइस माले की दो डॉक्यूमेंट्री फिल्में – कलकत्ता और फैंटम इंडिया, ब्रिटिश टेलीविजन (बीबीसी टू) पर प्रसारित हुई थीं.
इनके प्रसारण के बाद ब्रिटेन में मौजूद भारतीय समुदाय और भारत सरकार में आक्रोश पैदा हो गया. उन्हें इन दोनों डॉक्यूमेंट्री में भारत को लेकर पेश की गई तस्वीर पूर्वाग्रहों पर आधारित और नकारात्मक लगी.
इन दोनों डॉक्यूमेंट्रियों को न सिर्फ बैन कर दिया गया बल्कि बीबीसी को दो साल के लिए 1972 तक भारत से निकाल दिया गया था.
इसके बाद 1975 में देश में लगाए गए आपातकाल के दौरान बीबीसी को एक बार फिर से देश से निकाल दिया गया था.
14 अगस्त, 1975 को इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि 41 कांग्रेस सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित एक बयान में बीबीसी पर 'कुख्यात भारत विरोधी कहानियों’ को प्रसारित करने का आरोप लगाया गया और सरकार से बीबीसी को भारतीय धरती से फिर से रिपोर्ट करने की अनुमति नहीं देने की मांग की गई.
बयान में आगे कहा गया था कि बीबीसी ने कभी भी भारत को बदनाम करने और जानबूझकर देश को गलत तरीके से पेश करने का मौका नहीं छोड़ा.