ओरिजिनल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी डॉक्युमेंट खो जाए तो क्या करें?
यह फिजिकल डॉक्युमेंट बेहद महत्वपूर्ण होता है, पॉलिसी का क्लेम करने के वक्त यह और भी अहम हो जाता है.
जब व्यक्ति जीवन बीमा (Life Insurance) कराता है तो बीमा कंपनी एक पॉलिसी डॉक्युमेंट जारी करती है. इसे पॉलिसी बॉन्ड भी कहा जाता है. यह फिजिकल डॉक्युमेंट बेहद महत्वपूर्ण होता है, जीवन बीमा पॉलिसी का क्लेम करने के वक्त यह और भी अहम हो जाता है. इसलिए इसे संभालकर रखना चाहिए और यह कहां रखा है, इस बारे में नॉमिनी को बता देना चाहिए. लेकिन फिर भी अगर यह खो जाए तो क्या करना चाहिए? आइए जानते हैं, इस रिपोर्ट में...
जल्द से जल्द बीमा कंपनी को करें सूचित
सबसे पहले अपनी इंश्योरेंस कंपनी को सूचना दें. आप उस बीमा एजेंट से भी बात कर सकते हैं , जिससे पॉलिसी खरीदी थी. इसके बाद आपको डुप्लीकेट इंश्योरेंस पॉलिसी जारी किए जाने के लिए एप्लीकेशन देनी होगी. डुप्लीकेट पॉलिसी के साथ भी आपके पास वे सभी अधिकार होंगे, जो ओरिजिनल पॉलिसी बॉन्ड के साथ थे.
FIR और विज्ञापन
आपको पॉलिसी डॉक्युमेंट खोने की FIR करनी होगी और न्यूजपेपर में अंग्रेजी व स्थानीय भाषा में विज्ञापन देना होगा. विज्ञापन यह सुनिश्चित करता है कि आपका दावा सत्य है और आप खोई हुई पॉलिसी का पता लगाने के लिए वह सब कुछ कर रहे हैं, जो आपके हाथ में है. जब आप डुप्लीकेट इंश्योरेंस पॉलिसी जारी किए जाने के लिए एप्लीकेशन देंगे तो साथ में FIR की कॉपी, विज्ञापन भी लगाना पड़ सकता है. कई बीमा कंपनियां इनकी मांग करती हैं.
इन्डेम्निटी बॉन्ड
जब बीमा कंपनी आपको पॉलिसी की डुप्लीकेट कॉपी जारी करती है तो वह यह सुनिश्चित करती है कि कोई खोए हुए ओरिजिनल डॉक्युमेंट के आधार पर पॉलिसी का क्लेम लेने न आ जाए. इसलिए पॉलिसी के वास्तविक धारक या नॉमिनी को, बीमा कंपनी के साथ स्टांप पेपर पर एक इन्डेम्निटी बॉन्ड साइन करना होता है. इस बॉन्ड पर आने वाले खर्च का वहन पॉलिसीधारक/नॉमिनी को करना होता है.
अगर सारी फॉर्मेलिटीज का पालन किया गया है और सभी जरूरी डॉक्युमेंट सबमिट किए गए हैं, तो इंश्योरेंस कंपनी आपको डुप्लीकेट पॉलिसी डॉक्युमेंट जारी कर देती है. इसके लिए कुछ फीस भी लगती है.