शेयर बाजार में रोज भिड़ते हैं ये 2 'जानवर', कभी होती है मोटी कमाई तो कभी लाखों करोड़ हो जाते हैं स्वाहा
शेयर बाजार में हर रोज कई शेयर चढ़ते हैं तो कई गिरते हैं. इस उतार-चढ़ाव की वजह होती है शेयरों की लिवाली और बिकवाली. यानी हर रोज बुल और बीयर के बीच एक टकराव होता है.
शेयर बाजार (Share Market) में अक्सर आपको दो जानवरों के नाम सुनने को मिलते होंगे. पहला है बुल (Bull) यानी बैल और दूसरा है बीयर (Bear) यानी भालू. अगर आप शेयर बाजार में पैसे नहीं भी लगाते हैं तो हर्षद मेहता पर बनी वेब सीरीज 'स्कैम 1992' तो जरूर देखी होगी. इसमें भी बार-बार बुल और बीयर का जिक्र हुआ है. हर्षद मेहता को उस वक्त का बिग बुल (Big Bull) कहा जाता था. वहीं मनु भाई मुंद्रा को उस वक्त का बीयर कहा जाता था. ऐसे में बहुत से लोग ये नहीं समझ पाते हैं कि आखिर शेयर बाजार का बुल और बीयर से क्या लेना-देना.
पहले जानिए बुल के बारे में
बुल यानी बैल. ये शेयर बाजार के वो ट्रेडर होते हैं, जिनका काम बाजार को ऊपर ले जाना होता है. इन्हें 'तेजड़िया' भी कहा जाता है. बैल से इनकी तुलना इसलिए की जाती है, क्योंकि बैल अपनी सींघ से हमला करते हुए सामने वाले को ऊपर की तरफ उछालता है. यानी बुल वो होते हैं जो बाजार को ऊपर की तरफ उछालते हैं.
बुल कैसे बाजार में लाते हैं तेजी?
ये निवेशक शेयरों में निवेश करने का काम करते हैं, वो भी लंबे वक्त के लिए. ये लंबा वक्त 2 साल से लेकर 10-20 साल तक आसानी से हो सकता है. भारत के बिग-बुल कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला भी ऐसे ही निवेशक थे. जब ये लोग शेयरों को लंबे वक्त के लिए खरीद लेते हैं तो बाजार में उनकी मांग बढ़ती है, जिससे उनके दाम भी बढ़ते हैं. बशर्ते जिस कंपनी के शेयर खरीदे गए हैं, उसमें कोई दिक्कत ना हो वरना शेयरों में गिरावट आ जाती है. ये निवेशक खुद मुनाफा कमाने के साथ-साथ बाजार में भी तेजी बनाए रखने की कोशिश करते हैं. इसी वजह से इन्हें बुल कहा जाता है.
बीयर के बारे में भी जानिए
बीयर यानी भालू. ये शेयर बाजार के वो ट्रेडर होते हैं, जो बाजार को नीचे की तरफ धकेलने या यूं कहें कि गिराने का काम करते हैं. बीयर से इनकी तुलना इसलिए की जाती है, क्योंकि वह अपने पंजे के नीचे की तरफ मारता है. ऐसे में सामने वाला नीचे गिरता है. इन्हें 'मंदोड़िया' भी कहते हैं.
बीयर कैसे गिराते हैं बाजार को?
जब भी अर्थव्यवस्था या शेयर बाजार या किसी खास कंपनी से जुड़ी कोई बुरी खबर आती है, तो बीयर कमाई करते हैं. वह कमाई के लिए शॉर्ट सेलिंग का सहारा लेते हैं, जिसके तहत पहले शेयर बेच दिए जाते हैं और फिर उन्हें खरीदा जाता है. इस तरह जो मार्जिन होता है, वह इन बीयर की कमाई होती है. बीयर का काम होता है कि वह बुरी खबरों को अधिक से अधिक हवा देते हैं. लोगों में एक डर पैदा करने की कोशिश होती है कि उनका भारी नुकसान होने वाला है. ऐसे में अधिकतर लोग शेयर बेचने लगते हैं और बाजार गिरने लगता है.
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