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आईएएस के इंटरव्यू में फेल होने वालों को मिलेगी दूसरी सरकारी नौकरी!

आईएएस के इंटरव्यू में फेल होने वालों को मिलेगी दूसरी सरकारी नौकरी!

Friday February 08, 2019 , 3 min Read

UPSC के चेयरमैन अरविंद सक्सेना

भारत में आईएएस की परीक्षा को दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। हर साल लाखों की संख्या में युवा इस परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन उनमें से महज कुछ का ही सेलेक्शन होता है। मुश्किल माने जानी वाली इस परीक्षा में कई उम्मीदवार ऐसे होते हैं जो इंटरव्यू तक तो पहुंच जाते हैं, लेकिन अंतिम लिस्ट में जगह नहीं बना पाते। ऐसे छात्रों के लिए एक अच्छी खबर है।


संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने केंद्र सरकार और उसके मंत्रालयों को सिविल सेवा परीक्षा के साक्षात्कार के चरण में पहुंचकर अंतिम लिस्ट में जगह न बना पाने वाले उम्मीदवारों की भर्ती करने की सिफारिश की है। न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक यूपीएससी के अध्यक्ष अरविंद सक्सेना ने कहा, "हमने केंद्र सरकार और मंत्रालयों को ऐसे लोगों की भर्ती करने का प्रस्ताव दिया है, जो सिविल सेवा और अन्य परीक्षाओं में साक्षात्कार तक तो पहुंच जाते हैं, लेकिन अंतिम रूप में चयनित होने में विफल रहते हैं।" 


यूपीएससी के चेयरमैन अरविंद सक्सेना राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्षों के तेईसवें राष्ट्रीय सम्मेलन के मौके पर ओडिशा में यह बातें कहीं। हर साल, लगभग 11 लाख उम्मीदवार सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं। इनमें से आधे उम्मीदवार ही प्री एग्जाम में बैठते हैं। परीक्षा चरणों के माध्यम से उनकी संख्या कम हो जाती है और अंततः केवल 600 उम्मीदवारों का चयन किया जाता है।


सरकार मुश्किल चयन प्रक्रिया से गुजरने वाले उम्मीदवारों की लिस्ट से दूसरे मंत्रालयों में भर्ती पर विचार कर सकती है। सक्सेना ने कहा कि इससे युवाओं में परीक्षा के तनाव को कम करने में मदद मिलेगी। हालांकि 2018 में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी ने ऐसे उम्मीदवारों को नौकरी देने के लिए विज्ञापन जारी किया है जो इंटरव्यू में असफल हो जाएंगे। सिविल सर्विस के 2018 का इंटरव्यू फिलहाल जारी है और कुछ ही दिनों में परिणाम आने की संभावना है।


अरविंद सक्सेना ने यह भी कहा कि यूपीएससी परीक्षा प्रक्रिया को अधिक उम्मीदवार के अनुकूल बनाने के लिए कदम उठा रहा है। अब ऑनलाइन आवेदन करने के बाद उम्मीदवारों को एक रजिस्ट्रेशन नंबर दिया जाएगा जिसके जरिए बाद में अगर वे चाहेंगे तो अपना आवेदन वापस ले सकेंगे।


दरअसल यूपीएससी का कहना है कि आधे उम्मीदवार फॉर्म तो भर देते हैं, लेकिन प्री एग्जाम देने ही नहीं आते हैं। ऐसे में यूपीएससी को परीक्षा केंद्र और पेपर पर अधिक पैसे खर्च करने पड़ते हैं। सक्सेना ने कहा कि इस कदम का मुख्य उद्देश्य उम्मीदवारों को जागरूक करना है कि यदि वे अच्छी तरह से तैयार नहीं हैं, तो उन्हें परीक्षा नहीं देनी चाहिए और अगले साल इसके लिए कोशिश करनी चाहिए। परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए UPSC कई अन्य उपाय भी कर रहा है, जिनमें ऑनलाइन कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट आयोजित कराने पर विचार किया जा रहा है।


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