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डिजिटल तकनीक अपनाकर ये भारतीय कंपनियां कमा रहीं करोड़ों

डिजिटल तकनीक अपनाकर ये भारतीय कंपनियां कमा रहीं करोड़ों

Friday June 28, 2019 , 7 min Read

 Goldmedal Electricals

गोल्डमेडल के फाउंडर्स


आज, हमारे जीवन का लगभग हर पहलू डिजिटल हो चुका है। इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं है कि माइक्रो फर्मों से लेकर बड़े कार्पोरेशन्स तक सभी एंटरप्राइजेज बिजनेस करने के नए तरीकों की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि उन्हें अपने बिजनेस को डिजिटल बनाने में चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है। इनमें से कुछ सही तकनीकी समाधान नहीं चुन पाते हैं, कुछ हाई कास्ट से परेशान रहते हैं, कुछ कम लाभ ले पाते हैं, कई लोगों के पास नई तकनीक के लिए कौशल की कमी होती है, आईटी और डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने जैसी कई समस्याएं हैं जिनका उन्हें सामना करना पड़ता है। 


डिजिटल होने में आने वाली इस बाधाओं को देखते हुए एडीबी संस्थान ने ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (141 देशों में से 81वां स्थान) में भारत को काफी नीचे रखा है। इसके अलावा, YES बैंक के एक सर्वेक्षण में पता चला है कि उनके द्वारा अध्यन किए गए 2,700 MSME में से केवल पाँच प्रतिशत ने ही पूरी तरह से डिजिटलाइजेशन को अपनाया है।


हालांकि, कई भारतीय ब्रांड हैं जिन्होंने अपने व्यवसाय के विभिन्न पहलुओं में आधुनिक तकनीक का उपयोग करने के नए तरीके अपनाए हैं। हम आपको यहां कुछ ऐसे ही भारतीय ब्रांड्स के बारे में बता रहे हैं जिनके प्रौद्योगिकी के प्रति प्रगतिशील दृष्टिकोण ने शानदार परिणाम प्राप्त किए हैं।


गोल्डमेडल इलेक्ट्रिकल्स (Goldmedal Electricals)

एक इलेक्ट्रिकल कंपनी के लिए खुद को सफल बनाए रखना है तो उसका भी इलेक्ट्रॉनिक होना जरूरी है। यही कारण है कि मुंबई स्थित गोल्डमेडल इलेक्ट्रिकल्स ने अपनी आईटी टीम का निर्माण चार साल पहले ही शुरू कर दिया था और आज, यह अपने खुद के ईआरपी सिस्टम पर चल रही है। कंपनी ने 1,400 करोड़ रुपये का कारोबार किया है। कंपनी का अपना खुद का ऐप है, जहां सभी डीलर लॉग इन कर सकते हैं और कंपनी के साथ अपने लेनदेन को देख सकते हैं। कैटलॉग, बिक्री, भुगतान से लेकर एजेंट शेड्यूल तक, सभी जानकारी डीलरों को एक बटन के टैप पर उपलब्ध है। गोल्डमेडल एक और एप्लिकेशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है जहां वे डीलरों और लगभग 40,000 इलेक्ट्रीशियन को सेगमेंट में लाभ के लिए कनेक्ट कर सकते हैं।


Aniketh Jain

कलेयरा के संस्थापक अनिकेत जैन

कलेयरा (Kaleyra)

अपने CPaaS क्लाउड-बेस्ड प्लेटफॉर्म के साथ कलेयरा, एंटरप्राइजेज को उनके एप्लीकेशन्स के लिए रियल टाइम कम्युनिकेशन की सुविधा देता है। अब इसके 3,000 से अधिक एंटरप्राइज कस्टमर्स हैं और प्रति माह 3 बिलियन मैसेजिंग नोटिफिकेशन को हैंडल करता है। आज, कलेयरा का राजस्व लगभग 693.6 करोड़ रुपये है। इसके प्रभावशाली ग्राहकों में Amazon, Ola, Flipkart, AirAsia, Zomato, Cure.fit, Practiceo और भी कई शामिल हैं। कलेयरा के अब संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व में ऑफिस हैं। इसका प्रौद्योगिकी मुख्यालय भारत में है, इसके अलावा देश में सात सक्रिय कार्यालय हैं।


Vertoz Advertising

वर्टोज एडवर्टाइजिंग के फाउंडर्स

वर्टोज (Vertoz)

मुंबई स्थित विज्ञापन तकनीक फर्म (ad tech firm) वर्टोज ने अपने कस्टम प्लेटफॉर्म 'इनजेन्सियस प्लेक्स (Ingenious Plex)' का निर्माण दर्शकों को विभाजित करने में प्रोग्रामेटिक विज्ञापन की ताकत का लाभ उठाने के लिए किया ताकि ब्रांड को सही समय पर सही लोगों को दिए गए विज्ञापनों के लिए ही भुगतान करना पड़े। अपने अनूठे प्रोडक्ट के साथ, यह मुंबई, नई दिल्ली, न्यूयॉर्क, सैन फ्रांसिस्को, लंदन और दुबई में कार्यालयों के साथ एक वैश्विक कंपनी के रूप में विकसित हुई है। पिछले साल इसने 36.84 करोड़ रुपये का कारोबार किया और 130 से अधिक लोगों को रोजगार दिया। यही नहीं वर्टोज भारत की पहली और एकमात्र सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध विज्ञापन-तकनीक कंपनी है।


Satya Prabhakar

सुलेखा के सीईओ सत्य प्रभाकर

सुलेखा (Sulekha)

सत्या प्रभाकर का स्टार्टअर सुलेखा 2007 में चेन्नई में शुरू हुआ था और यह स्थानीय सेवाओं के लिए एक प्योर-प्ले डिजिटल प्लेटफॉर्म बन गया है, जहाँ उपभोक्ता और सेवा प्रदाता एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। यह स्टार्टअप एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए लोकल सर्विस प्रोवाइडर्स के बारे में उपभोक्ताओं को जानकारी उपलब्ध कराता है। जैसे-जैसे लोग तेजी से ऑनलाइन सेवाओं की तलाश करने लगे, सत्या ने सुलेखा को मल्टी मिलियन डॉलर, एंड-टू-एंड लोकल सर्विस फुलफिलमेंट ब्रांड के रूप में बढ़ाया। इस डिजिटल सर्विस प्लेटफॉर्म पर अब हर साल 20 मिलियन से अधिक यूजर्स जुड़ते हैं और 70,000 से अधिक पेड सर्विस पार्टनर्स हैं। सर्विस पार्टनर्स व्यावसायिक ऐप-सक्षम भी हैं और सुलेखा को 1,200 विविध श्रेणियों में जरूरतों की प्रगति को ट्रैक करने की अनुमति देता है। इसके अलावा, उपभोक्ताओं और सर्विस पार्टनर्स का प्रश्नों की एक सीरीज और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) का उपयोग करके मिलान किया जाता है।


IndiQube founders Meghna Agarwal

इंडीक्यूब के फाउंडर मेघना अग्रवाल और रिशी दास

इंडीक्यूब (IndiQube)

बेंगलुरु स्थित इंडीक्यूब अपने ग्राहकों की सभी रियल-स्टेट से संबंधित जरूरतों को पूरा करता है। इनमें वर्कस्पेस प्लानिंग और फ्लेक्सिबिलिटी, कैफेटेरिया, कॉन्फ्रेंस रूम, इंटरनेट लाइन्स, पावर बैकअप, सिक्योरिटी आदि जैसी जरूरतें शामिल हैं। इंडीक्यूब के पास अपना खुद का MiQube ऐप है, जिसे IndiQube कम्युनिटी का सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसे Google Play Store, Apple के ऐप स्टोर पर डाउनलोड किया जा सकता है, या MiQube वेबसाइट पर लॉग इन करके उपयोग किया जा सकता है। ऐप यूजर्स को इंडीक्यूब कैफेटेरिया से भोजन ऑर्डर करने की अनुमति देता है। इसके अलावा इंडीक्यूब क्लाइंट के लिए खास ऑफर, पार्टनर के लिए स्पेस और रिफ्रेशमेंट बुक करना, जिम स्लॉट बुक करना, ट्रांसपोर्ट हायर करना और भी बहुत कुछ शामिल हैं। 


Sanjay Kirloskar

किर्लोस्कर ब्रदर्स के चेयरमैन संजय किर्लोस्कर

किर्लोस्कर ब्रदर्स (Kirloskar Brothers)

फ्लूइड-पंपिंग टेक में एक वैश्विक लीडर, किर्लोस्कर ब्रदर्स पंपों की मुख्यधारा के निर्माण में सबसे बड़े 3 डी प्रिंटर का संचालन करते हैं। इसने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), और सेल्फ-लर्निंग सिस्टम को भी पेश किया है जो सेल्स टीम और एंड-यूजर्स के साथ मौजूदा प्रोडक्ट्स के आसपास सभी एप्लिकेशन इंजीनियरिंग को चुनने, कस्टमाइज करने और प्रदर्शन करने के लिए काम करते हैं। किर्लोस्कर समूह भारत का सबसे बड़ा इंजीनियरी एवं निर्माण उद्योग समूह है। वर्तमान समय में यह लगभग 70 देशों को अपने उत्पाद निर्यात करता है। 


Kimirica Hunter founders

किमरिका हंटर से फाउंडर्स

किमिरिका हंटर (Kimirica Hunter)

इंदौर स्थित किमिरिका हंटर मैरियट, स्टारवुड, हिल्टन, जुमेराह, हयात, सोफिटेल, पुलमैन जैसे प्रीमियम होटलों की एक रेंज के लिए होटल टॉयलेटरीज और सुविधाओं का निर्माण करता है। 300 करोड़ रुपये की कंपनी आसान ऑर्डर, कुशल उत्पादन और ऑर्डर की सटीक ट्रैकिंग के लिए एसएपी-ईआरपी संचालन का उपयोग करती है। इसने दुनिया भर में शीघ्र वितरण के लिए एक प्रसिद्ध लॉजिस्टिक्स पार्टनर के साथ भागीदारी की और अपने सभी ग्राहकों के लिए शिपमेंट की लाइव ट्रैकिंग ऑफर करता है। किमिरिका होटलों के लिए एक ऑनलाइन ऑर्डरिंग सिस्टम लॉन्च करने वाला है, और इसे सहज, वन-क्लिक ऑर्डरिंग अनुभव प्रदान करने के लिए SAP के साथ इंटीग्रेट किया जाएगा। 


RS Shanbhag

आरएस शॉनबाग

वैल्यूप्वाइंट सिस्टम्स (Valuepoint Systems)

1991 में सिर्फ 10,000 रुपये से शुरू हुई, वैल्यूपॉइंट अब दक्षिण एशिया में एक प्रमुख आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विस कंपनी है, जो 73 'फॉर्च्यून 500' कंपनियों (हाल ही की सूची से) को सर्विस देती है। यह कंपनी इस साल 600 करोड़ रुपये के कारोबार की उम्मीद कर रही है। संस्थापक आरएस शानबाग का मानना है कि डिजिटल के फंडामेंट्ल अनचेंज हैं और इसलिए कंपनी की सभी आंतरिक प्रक्रियाएं और जीवन चक्र डिजिटल पर निर्भर हैं। वैल्यूपॉइंट उनमें से है जिसने सबसे पहले चैटबॉट, एआई, ऑटोमेशन और कई अन्य तकनीकों का उपयोग किया है। यह अपने क्लाइंट को ऐसी सेवाओं को बेचता और उनका समर्थन भी करता है।


Ankit Rungta

अंकित रूंगटा

स्टोरी @ होम (Story@Home)

बड़ौदा-आधारित स्टोरी @ होम को मूल रूप से पूरे भारत में लोगों के घरों में हाई क्वालिटी फर्निशिंग पहुंचाने के लक्ष्य के साथ लॉन्च किया गया था। शुरुआती चरणों के दौरान, इसके फिजिकल स्टोर थे, लेकिन फिर ईकॉमर्स का जमाना आया और स्टोरी @ होम उन पहले कुछ ब्रांडों में से एक था, जिन्होंने फ्लिपकार्ट, अमेजॉन, स्नैपडील और कई अन्य के साथ भागीदारी की। ब्रांड ने बिक्री के लिए फिजिकल दुकानों से ऑनलाइन चैनलों में अपग्रेड और स्विच किया। आज, डिजिटल माध्यम व्यवसाय का एक बड़ा हिस्सा हैं, और हर काम डिजिटली होता है। यह वेयरहाउस मैनेजमेंट, रियल-टाइम इन्वेंट्री अपडेट, कैटलॉग डिजाइनिंग और मार्केटिंग और डिस्पैचिंग और ट्रैकिंग का भी हिस्सा है।


Abhishek Rungta

अभिषेक रूंगटा

इंडस नेट टेक्नोलॉजीज (Indus Net Technologies)

अभिषेक रूंगटा ने 1997 में कोलकाता में अपने सफल आईटी उद्यम इंडस नेट टेक्नोलॉजीज की शुरुआत की। दो दशकों में, उन्होंने एक ऐसे शहर में एक संपन्न टेक इकोसिस्टम बनाया है जो डिजिटल क्रांति के लिए जाग रहा है। सास (SaaS सेवा के रूप में सॉफ्टवेयर) के समाधान के साथ शुरू करके, अभिषेक की कंपनी जावा, मोबाइल एप्लिकेशन, टॉपनेट और अन्य जैसी नई तकनीकों ला रही है। अभिषेक का विविधीकरण बड़ा था और उनके अधिकांश ग्राहक एसएमई थे। उन्होंने शहर में प्रशिक्षण अकादमियों को चलाना जारी रखा है जिससे उद्योग के लिए नए युवा आ तैयार हो सकते हैं।