मेंटल हेल्थ के लिए शुरू की गई टेली-मानस सेवा क्या है? 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक साथ हुई शुरुआत
भारत सरकार ने कोविड-19 के दौरान उत्पन्न मानसिक स्वास्थ्य संकट को स्वीकार करते हुए और एक डिजिटल मानसिक स्वास्थ्य नेटवर्क को स्थापित करने की तत्काल जरूरत के मद्देनजर केंद्रीय बजट 2022-23 में राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (NTMHP) की घोषणा की थी.
देशभर में बड़े स्तर पर लोगों को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी सहायता मुहैया कराने के उद्देश्य से विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर सोमवार को एक राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम और एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर शुरू किया गया.
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की इस पहल को कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने वर्चुअल माध्यम से बेंगलुरू स्थित राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और स्नायु विज्ञान संस्थान (NIMHANS) में सभी राज्यों में टेली मानसिक स्वास्थ्य सहायता और नेटवर्किंग (Tele-MANAS) को शुरू किया.
इस अवसर पर कर्नाटक के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण व चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर, निमहांस की निदेशक डॉ. प्रतिमा मूर्ति, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव विशाल चौहान, छात्र, शिक्षक और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्विटर पर कहा कि यह पहल इंटीग्रेटेड मेडिकल और साइकोलॉजिकल इंटरवेंशन प्रदान करेगी और इस दिशा में सरकार के प्रयासों की पहुंच को बढ़ाएगी।
बजट में की गई थी घोषणा
भारत सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान उत्पन्न मानसिक स्वास्थ्य संकट को स्वीकार करते हुए और एक डिजिटल मानसिक स्वास्थ्य नेटवर्क, जो महामारी के चलते उत्पन्न चुनौतियों का सामना करेगा, को स्थापित करने की तत्काल जरूरत के मद्देनजर केंद्रीय बजट 2022-23 में राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (NTMHP) की घोषणा की थी. केंद्र सरकार का लक्ष्य हर एक राज्य/केंद्रशासित प्रदेश में कम से कम एक टेली-मानस प्रकोष्ठ स्थापित करना है.
अपनी भाषा में पा सकेंगे मदद
टेली-मानस का उद्देश्य पूरे देश में, विशेषकर सुदूर व सुविधाओं से वंचित क्षेत्रों के लोगों को 24 घंटे फ्री टेली-मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है. 24 घंटे उपलब्ध टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर (14416) पूरे देश में स्थापित किया गया है, जिससे कॉल करने वाले सेवाओं का लाभ उठाने के लिए अपनी पसंद की भाषा का चयन कर सकते हैं. सेवा 1-800-91-4416 पर भी उपलब्ध है. इस कॉल को संबंधित राज्य और केंद्रशासित प्रदेश स्थित टेली-मानस प्रकोष्ठ में भेजा जाएगा.
इस कार्यक्रम में 23 उत्कृष्टत टेली-मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों का एक नेटवर्क शामिल है. इनमें निमहांस नोडल केंद्र है और अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान- बेंगलुरू (आईआईआईटीबी) तकनीकी सहायता प्रदान करता है. इसके अलावा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)- बेंगलुरु और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र (एनएचआरएससी) भी तकनीकी सहायता प्रदान करेंगे.
विशेषज्ञों से मिलेगी मदद
टेली-मानस को दो स्तरीय प्रणाली में संचालित किया जाएगा. इसके तहत टियर 1 में राज्य टेली-मानस प्रकोष्ठ शामिल हैं, जिनमें प्रशिक्षित परामर्शदाता और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ शामिल हैं.
वहीं, टियर- 2 में शारीरिक परामर्श के लिए जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (डीएमएचपी)/मेडिकल कॉलेज के संसाधन और/या दृश्य-श्रव्य परामर्श के लिए ई-संजीवनी के विशेषज्ञ शामिल होंगे. वर्तमान में 51 राज्य/केंद्रशासित प्रदेश टेली मानस प्रकोष्ठों के साथ 5 क्षेत्रीय समन्वय केंद्र हैं.
सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में केंद्रीकृत इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (IVRS) के माध्यम से बुनियादी सहायता और परामर्श प्रदान करने वाले प्रारंभिक रोलआउट को उपयोग के लिए अनुकूलित किया जा रहा है. यह न केवल तत्काल मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सहायता करेगा, बल्कि देखभाल की निरंतरता को बनाएगा.
आयुष्मान व अन्य स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने का उद्देश्य
टेली-मानस को अन्य सेवाओं से जोड़कर इस कार्यक्रम के माध्यम से विशिष्ट देखभाल की परिकल्पना की जा रही है. इन सेवाओं में राष्ट्रीय टेली-परामर्श सेवा, ई-संजीवनी, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य व कल्याण केंद्र और आपातकालीन मनोरोग सुविधाएं शामिल हैं.
अंत में, इसमें व्यापक रूप से मानसिक स्वास्थ्य और रोग को शामिल किया जाएगा और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने वाली सभी प्रणालियों को एकीकृत किया जाएगा. निमहांस ने अधिकांश राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से 900 टेली-मानस परामर्शदाताओं के लिए प्रशिक्षण आयोजित किया है.
परामर्श संस्थानों में एम्स और पीजीआई शामिल
परामर्श संस्थानों में AIIMS-पटना, AIIMS-रायपुर, सीआईपी- रांची, AIIMS- भोपाल, एम्स- कल्याणी, AIIMS- भुवनेश्वर, PGIMER- चंडीगढ़, हॉस्पिटल फॉर मेंटल हेल्थ-अहमदाबाद-गुजरात, मनोचिकित्सा और मानव व्यवहार संस्थान, बम्बोलिम- गोवा, AIIMS- नागपुर, AIIMS- जोधपुर, KGMU- लखनऊ, AIIMS- ऋषिकेश, आईएचबीएएस- दिल्ली, आईजीएमएस- शिमला, मनोचिकित्सा रोग अस्पताल, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज- श्रीनगर, एलजीबीआरआईएमएच- तेजपुर, NIMHANS- बेंगलुरू, आईएमएचएएन, कोझीकोड-केरल, आईएमएच- चेन्नई, आईएमएच- हैदराबाद, जेआईपीएमईआर व AIIMS- मंगलागिरी हैं.
इन राज्यों में शुरू हो गई सेवा
सोमवार को टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू करने वाले राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में आंध्र प्रदेश, असम, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़, दादरा नगर हवेली और दमन व दीव, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं.
कोविड के कारण 35 फीसदी तक बढ़ गया अवसाद
लांसेट द्वारा पिछले साल अक्टूबर में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2020 में कोविड- महामारी के चलते देश में अवसाद ग्रसित होने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई और अनुमानत: भारत में यह आंकड़ा करीब 35 प्रतिशत है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2019 के मुकाबले वर्ष 2020 में आत्महत्या करने वालों की संख्या में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
इस साल प्रकाशित रिपोर्ट में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ. राजेश सागर ने बताया कि भारत पर मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या का भारी बोझ है क्योंकि अनुमान है कि प्रत्येक सात में से एक व्यक्ति इलाज किए जाने योग्य मानसिक समस्या से ग्रस्त है.
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Edited by Vishal Jaiswal