Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

दौलत बनाने के लिए दौलत बांटने की जरूरत है: Wow! Momo Foods के सीईओ

Wow! Momo Foods के 35 वर्षीय सीईओ सागर दरयानी अगले 15 वर्षों में 50 हॉस्पिटल खोलना चाहते हैं और इस साल कोलकाता में पहला हॉस्पिटल शुरु होने जा रहा है.

दौलत बनाने के लिए दौलत बांटने की जरूरत है: Wow! Momo Foods के सीईओ

Friday March 01, 2024 , 4 min Read

"आपको दौलत बनाने के लिए दौलत बांटने की आवश्यकता है. अन्यथा, आप अकेले दौलत नहीं बना सकते," Wow! Momo Foods के को-फाउंडर और सीईओ सागर दरयानी (Sagar Daryani) ने ये बात कही.

उन्होंने TechSparks Mumbai के दूसरे संस्करण में मंच पर बोलते हुए कहा, "मैं गर्व से कह सकता हूं कि मैंने अपनी कंपनी का 20% को-फाउंडर और अपने कर्मचारियों के साथ ESOP के रूप में साझा किया है. जब कंपनी की कीमत 1,000 करोड़ रुपये आंकी गई थी, तब मैं को-फाउंडर्स को लाया."

फिलहाल Wow! Momo Foods में लगभग 6,000 कर्मचारी हैं.

35 वर्षीय ऑन्त्रप्रेन्योर ने कहा कि उनका सपना 15 वर्षों में 50 हॉस्पिटल खोलने का है. यह बताते हुए कि कंपनी हॉस्पिटल खोलने के लिए एक एनजीओ के साथ काम कर रही है, उन्होंने कहा, "इस साल पहला हॉस्पिटल शुरू होने जा रहा है. हम कोलकाता में एचआईवी [पॉजिटिव] बच्चों के लिए 25 सीटों वाला हॉस्पिटल खोल रहे हैं."

दरयानी और उनके को-फाउंडर बिनोद होमागई ने कोलकाता में स्पेंसर डेली आउटलेट में शॉप-इन-शॉप फॉर्मेट का उपयोग करते हुए, 30,000 रुपये के साथ मोमो ब्रांड की शुरुआत की. आज, यह फास्ट फूड चेन 35 शहरों में 630 आउटलेट तक बढ़ गई है.

अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए, दरयानी ने कहा कि दोनों को-फाउंडर ऑटो रिक्शा का किराया बचाने के लिए हर दिन मोमोज बेचने के बाद खाली 'झोला' बैग के साथ घर वापस जाते थे; उन्हें पता चला कि प्रत्येक 1 रुपये की बचत 10 रुपये की कमाई के समान है.

उन्होंने कहा, "इसी तरह आप एक प्रोफिटेबल बिजनेस खड़ा करते हैं. धंधा मंदा नहीं होना चाहिए. आपको बिजनेस में पैसा कमाना है. बिजनेस में ग्राहक ही भगवान होता है. इसी तरह हम बड़े हुए हैं."

ट्रैक्सन के डेटा के अनुसार, Wow! Momo Foods, जिसने इस साल जनवरी में Khazanah Nasional Berhad (मलेशिया का सॉवरेन वेल्थ फंड) से 42 मिलियन डॉलर जुटाए थे, ने कुल 152 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की है.

कंपनी का दावा है कि उसने वित्त वर्ष 23 में 400 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल किया है. कंपनी को वित्त वर्ष 2024 में 500 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई और दक्षिण पूर्व एशिया और खाड़ी सहयोग परिषद देशों में अपनी उपस्थिति स्थापित करने की उम्मीद है.

इस बारे में बात करते हुए कि कैसे प्रिंट मीडिया ने कंपनी को 'भगवान' बना दिया, दरयानी ने कहा कि उन्हें Info Edge के फाउंडर और एग्जीक्यूटिव वाइस-चेयरमैन संजीव बिखचंदानी में अपना गुरु मिला, जिन्होंने Wow! Momo Foods में निवेश किया था.

उन्होंने 2019 को बिजनेस के लिए "सर्वश्रेष्ठ वर्ष" करार दिया, जहां Wow! Momo Foods ने 180 करोड़ रुपये की कमाई की और Tiger Global Management से पैसा जुटाया. दरयानी बताते हैं, "(हमने) इस मिथक को तोड़ दिया कि Tiger केवल टेक बिजनेस में निवेश करता है."

COVID-19 होने तक कंपनी के लिए सब कुछ अच्छा चल रहा था. 300 आउटलेट्स में से केवल 60 खुले थे और कंपनी में 3,000 कर्मचारी थे. हालाँकि, महामारी के परिणामस्वरूप Wow! Momo Foods का संस्करण 2.0 आया.

पहले, कारोबार का केवल दसवां हिस्सा टेकअवे डिलीवरी के माध्यम से होता था, लेकिन महामारी ने लगभग सभी ऑर्डर को ऑनलाइन डिलीवरी में बदल दिया. "हमने सीखा कि ईकॉमर्स क्या है. हमने सीखा कि D2C (डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर) क्या है. हमने सीखा कि 'क्लिक के बदले लागत' क्या है. और हमने बहुत सी चीजें अनसीखी कीं," दरयानी ने बताया कि कैसे कंपनी ने खुद को फिर से खोजा और एक बाधा को एक अवसर में बदल दिया.

जैसे ही कंपनी आगे बढ़ी, Wow! Momo Foods को दो अतिरिक्त को-फाउंडर मिले — शाह मिफ़तौर रहमान (CFO) और मुरली कृष्णन (CMO). दरयानी ने कहा कि कॉम्पलिमेंट्री स्किल सेट वाले को-फाउंडर मिलना महत्वपूर्ण है.

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि आपको अपनी मानसिकता को समझने की ज़रूरत है. आपको यह जानना होगा कि आप क्या चाहते हैं. आपके को-फाउंडर द्वारा लाई गई स्किल्स आपसे बहुत अलग होनी चाहिए. किसी बिल्कुल विपरीत व्यक्ति को चुनें क्योंकि संतुलन बहुत-बहुत महत्वपूर्ण है."

(Translated by: रविकांत पारीक)