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अमेरिकी कंपनी की नौकरी छोड़ निधि बेचने लगी समोसे, पति का मिला साथ; कहानी Samosa Singh की...

Samosa Singh की शुरुआत साल 2016 में, बेंगलुरु में निधि सिंह और उनके पति शिखर वीर सिंह ने मिलकर की थी. अब यह ब्रांड भारत का 'स्नैककिंग' बनने की राह पर है. क्विक-सर्विस रेस्टोरेंट (QSR) चेन 40 से अधिक क्लाउड किचन चला रहा है. ब्रांड ने दिसंबर 2023 से अपने आउटलेट्स खोलने की शुरुआत की थी.

अमेरिकी कंपनी की नौकरी छोड़ निधि बेचने लगी समोसे, पति का मिला साथ; कहानी Samosa Singh की...

Thursday February 27, 2025 , 6 min Read

समोसा न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले स्नैक्स में से एक है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में ऑनलाइन ऑर्डर की जाने वाली टॉप-10 चीजों में समोसा भी था. क्विक-सर्विस रेस्टोरेंट (QSR) चेन Samosa Singh (समोसा सिंह) दक्षिण और पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों से ऑनलाइन समोसे ऑर्डर करने वाले ग्राहकों की मांगों को पूरा करने के लिए 40 से अधिक क्लाउड किचन चला रहा है. ब्रांड ने दिसंबर 2023 से अपने आउटलेट्स खोलने की शुरुआत की थी. बीते साल अगस्त 2024 में, दिल्ली और एनसीआर में इसने अपना पहला आउटलेट खोला था.

हालांकि Samosa Singh की शुरुआत साल 2016 में, बेंगलुरु में निधि सिंह और उनके पति शिखर वीर सिंह ने मिलकर की थी. अब यह ब्रांड भारत का 'स्नैककिंग' बनने की राह पर है. हाल ही में YourStory ने Samosa Singh की को-फाउंडर निधि सिंह से बात की, जहां उन्होंने ब्रांड की शुरुआत, बिजनेस मॉडल, फंडिंग, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया.

निधि सिंह बताती हैं, “समोसा का Samosa Singh के रूप में पुनर्जन्म नवाचार, महत्वाकांक्षा और विरासत के प्रति प्रेम की कहानी है.”

निधि आगे बताती हैं, “ब्रांड का विचार एक साधारण अहसास से आया कि ‘द इंटरनेशनल स्नैक’ के रूप में इतना प्यार और प्रशंसित होने के बावजूद, इस सेगमेंट के लिए कुछ ज्यादा व्यवस्थित नहीं था और इस तरह इस विचार के साथ हमने अपने ऑन्त्रप्रेन्योरशिप के सफ़र का आग़ाज़ किया. मैंने अपने सपने को पूरा करने के लिए अमेरिकी कंपनी की नौकरी छोड़ दी. हमारे पास जो कुछ भी था, उसे इस बिजनेस में लगा दिया और खुद को इसके लिए समर्पित कर दिया.”

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निधि सिंह, को-फाउंडर — Samosa Singh

‘Samosa Singh’ नाम रखने की क्या वजह है? इस सवाल के जवाब में निधि बताती हैं, “जब हमने इस देश की संस्कृतियों को जोड़ने वाले एक स्नैक को अपनाने का फैसला किया, तो हम एक कदम आगे बढ़े और खुद को आश्चर्यचकित करने का फैसला किया. हमने इसे सिर्फ़ नया रूप नहीं दिया. हमने इसे सिर्फ़ नया स्वाद नहीं दिया. हमने इसे सिर्फ़ नया एहसास नहीं दिया...हमने इसे उपनाम (surname) ‘सिंह’ दिया — समोसा सिंह. और हमने इसे अपने परिवार का हिस्सा बना लिया!”

अपने पहले आउटलेट से लेकर अब एक नामचीन QSR चेन बनने तक, स्केलिंग की यात्रा कैसी रही है? किन रणनीतियों ने आपको सफलतापूर्वक विस्तार करने में मदद की है? इस पर को-फाउंडर निधि सिंह बताती हैं, “एक ऐसा ब्रांड बनाने में सक्षम होना जो मशहूर हो और जिसे लोग पसंद करें, शिखर वीर सिंह और मैंने ज़ीरो से शुरुआत की थी. हमने जो कुछ भी सीखा वह Samosa Singh को ब्रांड बनाने के दौरान सीखा. इसलिए जब हम पीछे देखते हैं कि हमने कैसे शुरुआत की और हम कितनी दूर आ गए हैं - तो यह बहुत ही अभिभूत करने वाला एहसास है और ढेर सारी कृतज्ञता है. हम निश्चित रूप से उस टीम पर गर्व करते हैं जिसे हमने वर्षों में तैयार किया है और हम उनकी निरंतर सीखने और आगे बढ़ने की इच्छा का लाभ उठाते हैं.”

निधि बताती हैं कि Samosa Singh के समोसे में 32% कम कैलोरी और 56% कम वसा (जैसा कि प्रमुख पोषण प्रयोगशालाओं द्वारा प्रमाणित है) होते हैं. उनका दावा है कि समोसा सिंह पहली भारतीय स्नैकिंग कंपनी है जिसके पास एक वैज्ञानिक कोर टीम है और इसके पीछे 100,000 घंटों से अधिक की रिसर्च है.

फ़ूड डिलीवरी ऐप्स के जमाने में, समोसा सिंह ने ऑनलाइन ग्राहकों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए खुद को कैसे ढाला है? इसके जवाब में निधि बताती हैं, “समोसा सिंह डेटा के साथ-साथ अपने ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण के माध्यम से प्रमुख फ़ूड डिलीवरी ऐप्स पर अपनी ग्रोथ पर फोकस करता है. हमारे पास मुख्य मापदंडों और परिचालन दक्षता मीट्रिक पर काम करने के लिए एक समर्पित टीम है.”

तगड़े कॉम्टिशन वाले फ़ूड मार्केट में समोसा सिंह को कामयाब बनाए रखने के लिए आप क्या कर रहीं हैं? इस पर निधि कहती हैं, “इस बिजनेस में कामयाबी इस बात को समझने से आती है कि ग्राहक क्या चाहते हैं और उन्हें लगातार वही मिलता रहे. हमारे लिए, इसका मतलब है गुणवत्ता में निहित रहना, लगातार नवाचार करना और अपने ग्राहकों की बात सुनना. हम रुझानों से आगे रहने की भी योजना बना रहे हैं, जैसे कि हेल्दी स्नैकिंग विकल्प पेश करना और बेहतर ग्राहक अनुभव के लिए टेक्नोलॉजी का लाभ उठाना. आखिरकार, हमारा ध्यान भोजन के माध्यम से यादगार अनुभव बनाने पर रहेगा.”

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Samosa Singh की टीम

अपने ऑन्प्रेन्योरशिप के सफ़र के बारे में बताते हुए, निधि सिंह कहतीं हैं, “ऑन्प्रेन्योरशिप एक चैलेंज है - एक खूबसूरत युद्ध! लेकिन अंत में अपने वेंचर को कामयाब होते देखना और एक नवजात कली से फूल बनते देखना एक खूबसूरत एहसास है.”

वे आगे कहतीं हैं, “समोसा सिंह को ब्रांड बनाने और स्नैक मार्केट में अपनी खास जगह बना पाना निश्चित रूप से उन उपलब्धियों में से एक है जिससे मैं खुश हूं - हालांकि अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है! मेरी ऑन्प्रेन्योरशिप की जर्नी में मैंने कई महिलाओं और दूसरे उभरते उद्यमियों को उनके सपनों को अगले स्तर तक ले जाने में सहायता की है. उन्हें देखना बेहद संतोषजनक है. हर स्तर पर तगड़ा सपोर्ट सिस्टम बनाने और योगदान देने में सक्षम होना भी मेरी उपलब्धियों में से एक है जिसे मैं आगे भी जारी रखना चाहूंगी!”

आने वाले वर्षों में Samosa Singh को लेकर आपकी क्या योजनाएं हैं? क्या आप कोई नई कैटेगरी या बाज़ार तलाशने की योजना बना रहीं हैं? इसके जवाब में को-फाउंडर निधि सिंह कहतीं हैं, “समोसा सिंह का भविष्य रोमांचक है. हम और अधिक शहरों में आउटलेट्स खोलने की योजना बना रहे हैं, ताकि हमारे प्रिय समोसे पूरे भारत में आसानी से उपलब्ध हो सकें. इसके अलावा, हम भारतीय स्नैक्स को दुनिया भर के बाज़ारों में ले जाने के लिए उत्सुक हैं, ताकि दुनिया के साथ समोसे का जादू साझा किया जा सके.”

अंत में, आप F&B या QSR सेक्टर में कदम रखने के इच्छुक महत्वाकांक्षी उद्यमियों को क्या सलाह देंगी? इस सवाल के जवाब में निधि सिंह कहतीं हैं, “फ़ूड इंडस्ट्री रोमांचक है, लेकिन इसमें मुश्किलें भी है. आपको अपनी सफलता बरकरार रखने के लिए तगड़ा बिजनेस मॉडल बनाना होगा जो फले-फूले. बिजनेस प्लान करते समय - चीजें अलग होती हैं, लेकिन जब आप हक़ीक़त के साथ इस खेल में कूदते हैं - तो आपको तरह-तरह की चुनौतियों और बाधाओं का सामना करना पड़ेगा. क्योंकि बिजनेस खड़ा करते समय, कई लोगों पर महत्वपूर्ण निर्भरता होती है और कभी-कभी यह आपको धीमा कर सकता है या आपको अपना रास्ता बदलने पर मजबूर कर सकता है. इसलिए खेल में बने रहने के लिए तैयार रहें - जब चीजें कठिन हों तो आगे बढ़ते रहें क्योंकि ये अंततः खेल में आगे बढ़ने के लिए आपको बेहद कुछ सीखाएंगी.”

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