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ShakthiSAT मिशन 12,000 लड़कियों को ट्रेनिंग देगा; चंद्रयान-4 के तहत सैटेलाइट लॉन्च करने का लक्ष्य

इस मिशन में हाई स्कूल की छात्राओं (14-18 वर्ष की आयु) के लिए 120 घंटे की ऑनलाइन ट्रेनिंग शामिल है, ताकि उन्हें स्पेस टेक्नोलॉजी, पेलोड डेवलपमेंट और स्पेसक्राफ्ट सिस्टम के अलग-अलग पहलुओं के बारे में सिखाया जा सके.

ShakthiSAT मिशन 12,000 लड़कियों को ट्रेनिंग देगा; चंद्रयान-4 के तहत सैटेलाइट लॉन्च करने का लक्ष्य

Monday October 14, 2024 , 3 min Read

एयरोस्पेस स्टार्टअप Space Kidz India ने स्पेस टेक्नोलॉजी के बारे में 108 देशों की लगभग 12,000 लड़कियों को ट्रेनिंग देने के लिए मिशन “ShakthiSAT” लॉन्च किया है. इसका उद्देश्य इसरो (ISRO) के चंद्रयान-4 (Chandrayaan-4) मिशन के तहत सैटेलाइट लॉन्च करना है, जिससे अंतरिक्ष विज्ञान को और अधिक समझने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा मिलेगा.

कंपनी के एक बयान के अनुसार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नवंबर 2024 में शक्तिसैट के आधिकारिक पोस्टर का अनावरण करेंगी.

शक्तिसैट मिशन की प्रमुख श्रीमती केसन (Srimathy Kesan) ने पीटीआई को बताया, “इस मिशन में हाई स्कूल की छात्राओं (14-18 वर्ष की आयु) के लिए 120 घंटे की ऑनलाइन ट्रेनिंग शामिल है, ताकि उन्हें स्पेस टेक्नोलॉजी, पेलोड डेवलपमेंट और स्पेसक्राफ्ट सिस्टम के अलग-अलग पहलुओं के बारे में सिखाया जा सके.”

मिशन में भाग लेने वाले देशों में यूके, यूएई, ब्राजील, केन्या, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, ग्रीस, श्रीलंका और अफगानिस्तान शामिल हैं.

बयान में कहा गया है कि प्रत्येक भाग लेने वाले देश से 108 छात्राओं को शामिल करके, उनके टैलेंट को निखारना, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना और अंतरिक्ष विज्ञान की विशाल संभावनाओं में रुचि जगाना चाहता है, जिससे अंततः एक ऐसा प्रभाव पैदा होगा जो दुनिया भर में लाखों युवा लड़कियों को प्रेरित करेगा.

केसन ने कहा, “मुझे इस विचार की कल्पना करके बेहद खुशी हुई है, और मुझे विश्वास है कि इस पहल में न केवल हमारे देश बल्कि पूरे विश्व को लाभ पहुंचाने की क्षमता है. हमारा लक्ष्य युवा महिलाओं को प्रेरित और सशक्त बनाना है, उन्हें ऐसे अवसर प्रदान करना है जो जीवन को बदलने और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र के माध्यम से हमें वैश्विक रूप से एकजुट करने की शक्ति रखते हैं.”

ऑनलाइन ट्रेनिंग पूरी होने के बाद, मिशन 108 छात्राओं का चयन करेगा - प्रत्येक देश से एक - जो अगले साल जून और अगस्त के बीच पेलोड और स्पेसक्राफ्ट प्रोटोटाइप बनाने में व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए भारत की यात्रा करेंगी.

उन्होंने कहा कि इस साल के अंत में या अगले साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष एक प्रोटोटाइप पेश किया जाएगा.

केसन ने आगे कहा, “इस मिशन का लक्ष्य 2026 में इसरो के चंद्रयान 4 मिशन के हिस्से के रूप में सैटेलाइट को लॉन्च करना है.”

चेन्नई मुख्यालय वाली कंपनी स्पेस किड्ज़ इंडिया ने 18 से ज़्यादा NSLV (बैलूनसैट), तीन सबऑर्बिटल पेलोड और चार ऑर्बिटल सैटेलाइट लॉन्च किए हैं. यह हाई स्कूल और कॉलेज के छात्रों की मदद से सैटेलाइट लॉन्च करने वाला दुनिया का पहला संगठन होने का दावा करता है.

NASA, ESA और GCTC रूस के एंबेसडर के रूप में, स्पेस किड्ज़ इंडिया का लक्ष्य अंतरिक्ष विज्ञान में अगली पीढ़ी के लीडर, वैज्ञानिकों और इनोटेर्स को प्रेरित करना है.

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