रेलवे कुलियों के बहाने शिक्षा, सियासत में भी महिला सशक्तीकरण पर उठे सवाल!
विश्व महिला दिवस अब कुछ कदम दूर है, इस बीच देश में जहां पीएम मोदी के एक ट्वीट पर सोशल मीडिया पर तरह तरह के संशय जताए जाने लगे थे, अब रेल मंत्रालय के महिला कुलियों पर हुए एक ट्वीट ने बहस छेड़ दी है। इस बीच शिक्षा और सियासत के क्षेत्र में भी आधी आबादी का सवाल उठ खड़ा हुआ है।
विश्व महिला दिवस अब कुछ कदम दूर है, इस बीच सोशल मीडिया और मीडिया दोनो पर कई तरह की महत्वपूर्ण सूचनाएं केंद्र सरकार की ओर से वायरल हो रही हैं। कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार #SheInspiresUs का इस्तेमाल करते हुए ट्विटर पर घोषणा की थी कि इस साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर वे अपने सोशल मीडिया खाते महिलाओं को सौंप देंगे।
अब रेल मंत्रालय के ट्वीट ने सोशल मीडिया पर एक नई बहस छेड़ दी है। रेल मंत्रालय ने महिला कुलियों की ऐसी तस्वीरें साझा की हैं, जिनमें वे सामान उठाती दिख रही हैं। रेल मंत्रालय ने जो तस्वीरें ट्वीटर पर साझा की हैं, उनमें महिला कुली सामान ढोती नजर आ रही हैं। एक तस्वीर में महिला कुली सामान से लदे ठेले को खींच रही है तो एक और तस्वीर में एक महिला कुली अपने सिर पर सामान लादकर चलती दिख रही है।
रेलवे ने तस्वीरों को ट्वीट करते हुए लिखा-
'भारतीय रेलवे के लिए काम करते हुए, इन महिला कुलियों ने साबित कर दिया है कि वे किसी से कम नहीं हैं। हम उन्हें सलाम करते हैं।'
अब महिला कुलियों को लेकर रेल मिनिस्टर के ट्वीट से बहस इस बात पर छिड़ गई है कि कुछ लोगों को रेल मंत्रालय का यह ट्वीट कत्तई रास नहीं आ रहा। उन्होंने रेलवे की ऐसी कथित स्त्री विरोधी सोच पर ही सवाल उठा दिया है।
एक यूजर ने ट्वीट के जवाब में लिखा है कि
'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ।'
एक अन्य लिखता है-
'2020 में इस तरह के कठोर काम करने की स्थिति को महिमामंडित करने के बजाय, आपको इसे सुधारने की दिशा में काम करना चाहिए। पीआर करने के लिए क्या करना है, इतनी तो समझ रखनी चाहिए।'
इस रिट्वीट करने की प्रतिक्रिया में कांग्रेस नेता शशि थरूर भी शामिल हो गए। वह रेलवे के ट्वीट पर लिखते हैं-
'यह अपमानजनक है लेकिन इस प्रथा पर शर्मिंदा होने के बजाय हमारा रेल मंत्रालय गरीब महिलाओं के सिर पर बोझ ढोने के इस शोषण पर डींग मार रहा है।'
दूसरी ओर महिला कुलियों के समर्थन में कुछ लोग ट्वीट भी कर रहे हैं। बॉलीवुड अभिनेता वरुण धवन ने लिखा-
'ये हैं कुली नंबर-1'। दरअसल, वरुण की जल्द ही एक फिल्म आने वाली है- 'कुली नंबर 1'।
इसी क्रम में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी एक तस्वीर साझा की है, जिसमें महिला कर्मचारी मालगाड़ी का संचालन कर रही हैं। तस्वीर के साथ वह लिखते हैं-
'समानता, क्षमता और कुछ कर दिखाने की उड़ानः रतलाम और गोधरा के बीच जाने वाली मालगाड़ी को पूर्ण रूप से महिलाओं ने संचालित किया। यह सिर्फ ट्रेन का संचालन ही नहीं है, इससे उन्होंने दिखाया कि वह कार्य में, क्षमता में, और कुशलता में सभी प्रकार से समान और सक्षम हैं।'
रेल मंत्री ने #SheInspiresUs का इस्तेमाल करते हुए एक और ट्वीट किया है, जिसमें महिला रेल कर्मचारी अलग-अलग तरह के कार्य करती नजर आ रही हैं। इन तस्वीरों के साथ वह लिखते हैं-
'दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन पर काम करने वाली इन महिला कर्मचारियों पर मुझे गर्व है। मेरे साथ अनेक कर्मचारियों के लिए वह एक प्रेरणा हैं। कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार रेलवे की महिलाएं आज ट्रेन संचालन से लेकर पूरा स्टेशन संभालने तक का कार्य बखूबी कर रही हैं।'
रेल मंत्रालय के ट्वीट पर तो बहस छिड़ी ही है, महिला दिवस पर कई और महत्वपूर्ण सवाल इस समय सोशल मीडिया पर सुर्खियां बन रहे हैं, मसलन, पूछा जा रहा है कि जब देश के कुल 903 यूनिवर्सिटी में से सिर्फ 15 महिला यूनिवर्सिटी हैं, तो लिंगानुपात में भला कैसे बराबरी आ सकती है? इससे स्पष्ट होता है कि उच्च शिक्षा में महिलाओं की हिस्सेदारी उतनी अच्छी नहीं, और न ही उसमें कोई ख़ास सुधार आया है।
इसी तरह सबसे बड़ा सवाल देश की संसद और विधानसभाओं में महिला प्रतिनिधित्व को लेकर लगभग तीन दशक से देश का पीछा कर रहे हैं।
गौरतलब है कि महिला मतदाताओं की बढ़ती संख्या के बावजूद सदनों में अब जाकर पीएम मोदी के कार्यकाल में महिलाओं की संख्या कुछ बेहतर हो पाई है। 2019 के लोकसभा चुनाव में कुल 8049 उम्मीदवार मैदान में थे। इनमें 724 महिला उम्मीदवार रहीं। मौजूदा लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 64 है। इनमें से 28 मौजूदा महिला सांसद चुनाव मैदान में थीं। सर्वाधिक 40 महिला उम्मीदवार बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीती हैं।