Prudent Insurance ने जारी किया कर्मचारी बेनिफिट स्कोरकार्ड, प्रिवेंटिव हेल्थकेयर और वेलनेस में बदलावों पर जोर
3,100 से अधिक संगठन और 30 लाख से अधिक कर्मचारी बताते हैं कि कॉर्पोरेट इंडिया कर्मचारी लाभ से जुड़ी बढ़ती उम्मीदों का कैसी प्रतिक्रिया दे रहा है.
हाइलाइट्स
भारतीय उद्योगों में सेहत की देखभाल की योजनाओं (प्रिवेंटिव केयर) में 40% की बढ़ोतरी हुई है
75% कर्मचारी उन कंपनियों को प्राथमिकता देते हैं जो अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं, कर्मचारियों का ख्याल रखने वाले कार्यक्रम और लचीले काम के विकल्प देती हैं
सभी पीढ़ियों के उच्च आय वाले कर्मचारी (शीर्ष 5%) खास तौर पर व्यक्तिगत और प्रीमियम फायदों की तलाश कर रहे हैं
प्रूडेंट इंश्योरेंस ब्रोकर्स प्राइवेट लिमिटेड (आगे इसे प्रूडेंट कहा जाएगा) बीमा ब्रोकिंग सेवाओं में अग्रणी है और कंपनियों को कर्मचारियों के लाभ संबंधी सलाह देती है. आज कंपनी ने अपने वार्षिक लाभ स्कोरकार्ड 2024-25 के दूसरे संस्करण को जारी किया. यह रिपोर्ट 3,100 संगठनों और 30 लाख से ज्यादा कर्मचारियों के डेटा पर आधारित है, जो 14 प्रमुख उद्योग क्षेत्रों से जुड़े हैं. इस रिपोर्ट में कॉर्पोरेट इंडिया में कर्मचारियों के लाभ की बदलती स्थिति पर गहराई से जानकारी दी गई है.
वार्षिक लाभ स्कोरकार्ड 2024-25 कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण है, जो कर्मचारियों के बदलते लाभ क्षेत्र को समझकर आगे बढ़ना चाहती हैं.
2024-25 का स्कोरकार्ड दिखाता है कि महामारी के बाद लाभ योजनाओं में काफी बदलाव हुए हैं. इसमें प्रिवेटिंव केयर, कल्याण कार्यक्रमों और व्यक्तिगत फायदों पर ज्यादा ध्यान दिया गया है. यह रिपोर्ट कंपनियों को इन बदलते रुझानों को समझने और अपने कर्मचारियों के कल्याण के लिए सही फैसले लेने में मदद करती है. स्कोरकार्ड यह भी बताता है कि आज की कार्यबल की अलग-अलग जरूरतों को देखते हुए, कंपनियां अपने लाभ पैकेजों को बेहतर करने के लिए अधिक प्रतिबद्ध हो रही हैं.
प्रूडेंट इंश्योरेंस ब्रोकर्स के संयुक्त प्रबंध निदेशक पवनजीत सिंह ढींगरा ने कहा, "वार्षिक लाभ स्कोरकार्ड 2024-25 आज के कर्मचारियों की उम्मीदों और कंपनियों की रणनीतियों में हो रहे बदलावों को समझने के लिए एक अहम साधन है. प्रिवेटिंव केयर योजनाओं की मांग में 40% की बढ़ोतरी और सभी पीढ़ियों के कर्मचारियों के लिए लाभों को व्यक्तिगत बनाने की ओर बढ़ते कदम दिखाते हैं कि कंपनियां अब स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर तरीके से जोड़ने पर ध्यान दे रही हैं. यह रिपोर्ट यह भी बताती है कि कंपनियां सभी कर्मचारियों को ध्यान में रखकर समावेशी लाभ कार्यक्रम बना रही हैं, जिससे DE&I (विविधता, समानता और समावेशन) को बढ़ावा मिल रहा है. महामारी के बाद के दौर में, यह रिपोर्ट कंपनियों को यह समझने में मदद करती है कि वे अपने लाभों को कैसे बेहतर बना सकते हैं, ताकि वे सबसे बेहतरीन प्रतिभाओं को आकर्षित कर सकें और अपने साथ बनाए रख सकें."
अगले 5 से 10 सालों में, लाभ योजनाओं को और ज्यादा व्यक्तिगत (पर्सनलाइज्ड) बनाने की जरूरत बढ़ेगी. क्योंकि काम करने वाली टीमों में अलग-अलग पीढ़ियों के लोग शामिल होंगे, इसलिए हर किसी की जरूरतों के अनुसार सुविधाएं देना जरूरी होगा. इस बदलाव के साथ, कंपनियों और कल्याण सेवाओं के प्रदाताओं को और लचीला होना पड़ेगा ताकि वे कर्मचारियों की बदलती आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से पूरा कर सकें.
Edited by रविकांत पारीक