PM मोदी ने जारी की पीएम-किसान की 19वीं किस्त, 9.8 करोड़ किसानों को मिले 22,000 करोड़ रुपये
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 अक्टूबर 2024 को महाराष्ट्र के वाशिम में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 18वीं किस्त जारी की थी. इस किस्त से देश भर के 9.4 करोड़ से अधिक किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय लाभ प्राप्त हुआ, जिसकी राशि 20,000 करोड़ रुपये से अधिक थी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 फरवरी, 2025 को बिहार के भागलपुर में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 19वीं किस्त जारी की. देश भर में 2.41 करोड़ महिला किसानों सहित 9.8 करोड़ से अधिक किसान 19वीं किस्त जारी होने से लाभान्वित होंगे, उन्हें किसी भी बिचौलिए की भागीदारी के बिना प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से 22,000 करोड़ रुपये से अधिक की प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्राप्त होगी, जो किसान कल्याण और कृषि समृद्धि के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. इस किस्त के साथ, यह योजना देश भर के किसानों को सहायता प्रदान करेगी और ग्रामीण विकास तथा कृषि समृद्धि के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत बनाएगी.
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 अक्टूबर 2024 को महाराष्ट्र के वाशिम में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 18वीं किस्त जारी की थी. इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में देश भर के 9.4 करोड़ से अधिक किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय लाभ प्राप्त हुआ, जिसकी राशि 20,000 करोड़ रूपये से अधिक थी.
पीएम-किसान एक केंद्रीय योजना है जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने फरवरी 2019 में भूमिधारक किसानों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शुरू किया था. इस योजना के अंतर्गत किसानों के आधार से जुड़े बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ हस्तांतरित किया जाता है.
किसान-केंद्रित डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर ने यह सुनिश्चित किया है कि इस योजना का लाभ बिना किसी बिचौलिए की भागीदारी के देश भर के सभी किसानों तक पहुंचे. लाभार्थियों के पंजीकरण और सत्यापन में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखते हुए, भारत सरकार ने फरवरी 2025 तक स्थापना के बाद से 18 किस्तों में 3.46 लाख करोड़ रुपये से अधिक धन का वितरण किया है.
पीएम मोदी ने कहा कि इस साल का बजट पीएम धन-धान्य योजना की घोषणा के माध्यम से इस दृष्टिकोण का समर्थन करता है. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत सबसे कम फसल उत्पादन वाले 100 जिलों की पहचान की जाएगी और इन क्षेत्रों में कृषि को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि दलहन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए मिशन-मोड पर काम किया जाएगा, जिसमें किसानों को अधिक दलहन उगाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा और एमएसपी खरीद बढ़ाई जाएगी.
प्रधानमंत्री ने आज के दिन को बहुत खास बताते हुए कहा कि सरकार ने देश में 10,000 किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) स्थापित करने का लक्ष्य रखा था और अब यह लक्ष्य हासिल हो गया है. उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार में 10 हजारवें एफपीओ का निर्माण हो रहा है. उन्होंने कहा कि खगड़िया जिले में पंजीकृत यह एफपीओ मक्का, केला और धान पर केंद्रित है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एफपीओ सिर्फ संगठन नहीं हैं, बल्कि किसानों की आय बढ़ाने की अभूतपूर्व ताकत हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि एफपीओ छोटे किसानों को बाजार के महत्वपूर्ण लाभों तक सीधी पहुंच प्रदान करते हैं. जो अवसर पहले उपलब्ध नहीं थे, वे अब एफपीओ के माध्यम से हमारे किसान भाइयों और बहनों के लिए सुलभ हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में लगभग 30 लाख किसान एफपीओ से जुड़े हैं, जिनमें से लगभग 40 प्रतिशत महिलाएं हैं. उन्होंने कहा कि ये एफपीओ अब कृषि क्षेत्र में हजारों करोड़ रुपये का कारोबार कर रहे हैं.