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'मन की बात' में बोले पीएम मोदी, छोटे शहरों में भी बढ़ रहा स्टार्टअप कल्चर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को उनकी जयंती पर याद करते हुए "खेलें भीं, खिलें भी" का नया नारा दिया। मन की बात कार्यक्रम का यह 80वां एपिसोड था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार, 29 अगस्त को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। मन की बात कार्यक्रम का यह 80वां एपिसोड था।


पीएम मोदी ने कहा कि आज मेजर ध्यानचंद जी की जन्म जयंती है और हमारा देश उनकी स्मृति में इसे राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाता भी है। मैं सोच रहा था कि शायद, इस समय मेजर ध्यानचंद जी की आत्मा जहां भी होगी, बहुत ही प्रसन्नता का अनुभव करती होगी क्योंकि दुनिया में भारत की हॉकी का डंका बजाने का काम ध्यानचंद जी की हॉकी ने किया था और चार दशक बाद, करीब-करीब 41 साल के बाद, भारत के नौजवानों ने, बेटे और बेटियों ने हॉकी के अंदर फिर से एक बार जान भर दी।


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कितने ही पदक क्यों न मिल जाएं, लेकिन जब तक हॉकी में पदक नहीं मिलता भारत का कोई भी नागरिक विजय का आनंद नहीं ले सकता है और इस बार ओलंपिक में हॉकी का पदक मिला, चार दशक के बाद मिला।


उन्होंने कहा कि आप कल्पना कर सकते हैं मेजर ध्यानचंद जी के दिल पर, उनकी आत्मा पर, वो जहां होंगे, वहां कितनी प्रसन्नता होती होगी। आज जब हमें देश के नौजवानों में हमारे बेटे-बेटियों में खेल के प्रति जो आकर्षण नजर आ रहा है, माता-पिता को भी बच्चे अगर खेल में आगे जा रहे हैं तो खुशी हो रही है, ये जो ललक दिख रही है न मैं समझता हूं यही मेजर ध्यानचंद जी को बहुत बड़ी श्रद्धांजलि है।

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यह मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात का 80वां एपिसोड था।

पीएम मोदी ने कहा कि साथियों जब खेल-कूद की बात होती है न तो स्वाभाविक है हमारे सामने पूरी युवा पीढ़ी नजर आती है। और जब युवा पीढ़ी की तरफ गौर से देखते हैं कितना बड़ा बदलाव नजर आ रहा है। युवा का मन बदल चुका है। आज का युवा मन घिसे-पिटे पुराने तौर तरीकों से कुछ नया करना चाहता है, हटकर के करना चाहता है। आज का युवा मन बने बनाए रास्तों पर चलना नहीं चाहता है। वो नए रास्ते बनाना चाहता है। आनजानी जगह पर कदम रखना चाहता है।


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम देखते हैं अभी कुछ समय पहले ही भारत ने अपने स्पेस सेक्टर को ओपन किया और देखते ही देखते युवा पीढ़ी ने उस मौके को पकड़ लिया और इसका लाभ उठाने के लिए कॉलेजों के छात्र और प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले नौजवान बढ़-चढ़ करके आगे आए हैं। मुझे पक्का भरोसा है कि आने वाले दिनों में बहुत बड़ी संख्या ऐसे सैटेलाइट की होगी, जो हमारे युवाओं ने, हमारे छात्रों ने, हमारे कॉलेज ने, हमारी यूनिवर्सिटीज ने, लैब में काम करने वाले छात्रों ने बनाए होंगे।


उन्होंने आगे कहा कि आज छोटे-छोटे शहरों में भी स्टार्टअप कल्चर का विस्तार हो रहा है और मैं उसमें उज्जवल भविष्य के संकेत देख रहा हूं। अभी कुछ दिन पहले ही हमारे देश में खिलौनों की चर्चा हो रही थी। देखते ही देखते जब हमारे युवाओं के ध्यान में ये विषय आया उन्होंने भी मन में ठान लिया कि दुनिया में भारत के खिलौनों की पहचान कैसे बने? खिलौने कैसे बनाना, खिलौने की विविधता क्या हो, खिलौनों में टेक्नोलॉजी क्या हो, चाइल्ड साइकोलॉजी के अनुरूप खिलौने कैसे हो? आज हमारे देश का युवा उसकी ओर ध्यान केंद्रित कर रहा है, कुछ सहयोग करना चाहता है।


पीएम मोदी ने कहा कि साथियों, इस बार ओलंपिक ने बहुत बड़ा प्रभाव पैदा किया है। ओलंपिक के खेल पूरे हुए और अभी पैरालंपिक्स चल रहे है। देश के लिए इस खेल जगत में जो कुछ भी हुआ, विश्व की तुलना में भले कम होगा, लेकिन विश्वास भरने के लिए तो बहुत कुछ हुआ।


प्रधानमंत्री ने कहा कि आज युवा सिर्फ स्पॉर्ट्स की तरफ देख ही रहा है ऐसा नहीं है, वह उससे जुड़ी संभावनाओं की भी ओर देख रहा है। उसके पूरे इकोसिस्टम को बहुत बारीकी से देख रहा है, उसके सामर्थ्य को समझ रहा है और किसी न किसी रूप में खुद को जोड़ना भी चाहता है। अब वो कन्वेशंनल चीजो से आगे जाकर न्यू डिसिप्लेन को अपना रहा है।


उन्होंने कहा कि अब देश में खेल, खेल-कूद, स्पॉर्ट्स, स्पॉर्ट्समैन स्पिरिट अब रुकना नहीं है। इस मोमेंटम को पारिवारिक जीवन में, सामाजिक जीवन में, राष्ट्र जीवन में स्थाई बनाना है, ऊर्जा से भर देना है, निरंतर नई ऊर्जा से भरना है। सबके प्रयास से ही भारत खेलों में वो ऊंचाई प्राप्त कर सकेगा, जिसका वो हकदार है। मेरे प्यारे नौजवानों, हमें इस अवसर का फायदा उठाते हुए अलग-अलग प्रकार के स्पॉर्ट्स में महारत भी हासिल करनी चाहिए। गांव-गांव खेलों की स्पर्धाएं निरंतर चलती रहनी चाहिए।


उन्होंने कहा कि हम ये भलीभांति जानते हैं कि जब भी स्वच्छ भारत अभियान की बात आती है तो इंदौर का नाम आता ही आता है क्योंकि इंदौर ने स्वच्छता के संबंध में अपनी एक विशेष पहचान बनाई है और इंदौर के नागरिक इसके अभिनंदन के अधिकारी भी हैं। अब इंदौर के लोग स्वच्छ भारत के इस रैंकिंग से संतोष पाकर के बैठना नहीं चाहते हैं वे आगे बढ़ना चाहते हैं, कुछ नया करना चाहते हैं। वो ‘वाटर प्लस सिटी’ बनाए रखने के लिए जी जान से जुटे हुए हैं।


पीएम मोदी ने कहा कि ‘वाटर प्लस सिटी’ यानी ऐसा शहर जहां बिना ट्रीटमेंट के कोई भी सीवेज किसी सार्वजनिक जल स्त्रोत में नहीं डाला जाता। इंदौर के नागरिकों ने खुद आगे आकर अपनी नालियों को सीवर लाइन से जोड़ा है। स्वच्छता अभियान भी चलाया है और इस वजह से सरस्वती और कान्ह नदियों में गिरने वाला गंदा पानी भी काफी कम हुआ है और सुधार नजर आ रहा है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि RJ गंगा, गुजरात के रेडियो जॉकी ग्रुप की एक सदस्य हैं। उनके और भी साथी हैं, जैसे RJ नीलम, RJ गुरु और RJ हेतल। ये सभी लोग मिलकर गुजरात के केवड़िया में इस समय संस्कृत भाषा का मान बढ़ाने में जुटे हुए हैं। आपको मालूम है न ये केवड़िया वही है जहां दुनिया का सबसे ऊंचा स्टैच्यू, हमारे देश का गौरव, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जहां पर है, उस केवड़िया की मैं बात कर रहा हूं।


(साभार: PIB)


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