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पीएम मोदी ने लॉन्च की LIC की बीमा सखी योजना, जानिए खास बातें...

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की ‘बीमा सखी योजना’ पहल 18-70 वर्ष की आयु की उन महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए बनाई गई है, जो दसवीं कक्षा पास हैं. वित्तीय साक्षरता और बीमा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए उन्हें पहले तीन वर्षों के लिए विशेष प्रशिक्षण और मानदेय दिया जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को हरियाणा के पानीपत में महिला सशक्तिकरण और वित्तीय समावेशन के लिए अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप भारतीय जीवन बीमा निगम की ‘बीमा सखी योजना’ का शुभारंभ किया. इस अवसर पर, उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और मजबूत कदम उठा रहा है. उन्होंने कहा कि भारत की नारी शक्ति महिला स्वयं सहायता समूह, बीमा सखी, बैंक सखी, कृषि सखी के रूप में ऊर्जा का एक और महत्वपूर्ण स्रोत है जो विकसित भारत के संकल्प को मजबूती देगा.

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की ‘बीमा सखी योजना’ पहल 18-70 वर्ष की आयु की उन महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए बनाई गई है, जो दसवीं कक्षा पास हैं. वित्तीय साक्षरता और बीमा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए उन्हें पहले तीन वर्षों के लिए विशेष प्रशिक्षण और मानदेय दिया जाएगा. प्रशिक्षण के बाद, वे एलआईसी एजेंट के रूप में काम कर सकती हैं और स्नातक बीमा सखियों को एलआईसी में विकास अधिकारी की भूमिका के लिए योग्य होने का अवसर मिलेगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज शुरू किए गए बीमा सखी कार्यक्रम की नींव भी वर्षों की कड़ी मेहनत और तपस्या पर आधारित है. उन्होंने कहा कि आजादी के 6 दशक बाद भी ज्यादातर महिलाओं के पास बैंक खाते नहीं थे, इसलिए महिलाएं पूरी बैंकिंग व्यवस्था से कटी हुई थीं. जन धन योजना के तहत 30 करोड़ महिला खातों पर गर्व व्यक्त करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं के लिए जन धन खाते खोले हैं ताकि गैस सब्सिडी जैसी सब्सिडियां परिवार के जिम्मेदार हाथों तक पहुंचे. उन्होंने कहा कि जन धन योजना ने किसान कल्याण निधि, सुकन्या समृद्धि योजना, अपना घर बनाने के लिए धन, रेहड़ी-पटरी वालों के लिए दुकान खोलने के लिए धन, मुद्रा योजना और अन्य योजनाओं से धन का हस्तांतरण सुनिश्चित करने में भी मदद की है.

प्रधानमंत्री ने हर गांव में बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने में महिलाओं की अहम भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि जिनके पास बैंक खाते भी नहीं थे, वे अब बैंक सखी के रूप में ग्रामीणों को बैंकों से जोड़ रही हैं. उन्होंने कहा कि बैंक सखियों ने लोगों को यह सिखाना शुरू कर दिया है कि बैंक में पैसे कैसे बचाएं, लोन कैसे लें और ऐसी लाखों बैंक सखियां आज हर गांव में सेवाएं दे रही हैं.

पीएम मोदी ने याद दिलाया कि पहले भारत की महिलाओं का बीमा नहीं होता था. उन्होंने कहा कि आज लाखों महिलाओं को बीमा एजेंट या बीमा सखी बनाने का अभियान शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि अब बीमा जैसे क्षेत्रों के विस्तार में भी महिलाएं नेतृत्व करेंगी. प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि बीमा सखी योजना के तहत 2 लाख महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि बीमा सखी योजना के तहत 10वीं कक्षा पास करने वाली लड़कियों को प्रशिक्षित किया जाएगा और तीन साल तक वित्तीय मदद दी जाएगी. बीमा क्षेत्र से जुड़े आंकड़ों का हवाला देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि एक एलआईसी एजेंट हर महीने औसतन 15 हजार रुपये कमाता है. उन्होंने कहा कि हमारी बीमा सखियां हर साल 1.75 लाख रुपये से अधिक कमाएंगी, जिससे परिवार को अतिरिक्त आय होगी.

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीमा सखियों का योगदान पैसे कमाने के अलावा और भी बहुत कुछ होगा. उन्होंने कहा कि भारत में ‘सबके लिए बीमा’ ही हमारा लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा और गरीबी को जड़ से मिटाने के लिए यह जरूरी है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि बीमा सखियां सबके लिए बीमा के मिशन को मजबूत करेंगी.

पिछले 10 वर्षों में भारत में ग्रामीण महिलाओं के लिए बनाई गई क्रांतिकारी नीतियां और नीतिगत निर्णयों के वास्तव में अध्ययन का विषय होने पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भले ही बीमा सखी, बैंक सखी, कृषि सखी, पशु सखी, ड्रोन दीदी, लखपति दीदी जैसे नाम सरल और सामान्य लगते हों, लेकिन वे भारत का भाग्य बदल रहे हैं.

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