इंडियामार्ट ने क्यों स्टार्टअप्स के अधिग्रहण पर किये 900 करोड़ रुपये से अधिक खर्च?
नोएडा मुख्यालय वाली B2B मार्केटप्लेस इंडियामार्ट ने सार्वजनिक होने के बाद से एक दर्जन से अधिक स्टार्टअप्स में निवेश किया है। स्टार्टअप में निवेश से पहले यह कंपनी क्या देखती है, आइए इसे गहन तरीके से समझने की कोशिश करते हैं।
इंडियामार्ट इंटरमेश लिमिटेड एक ऑनलाइन बिजनेस-टू-बिजनेस (B2B) मार्केटप्लेस है। फरवरी 2021 में जब इसने ने योग्य संस्थागत खरीदारों से करीब 1,070 करोड़ रुपये जुटाए, तो इसका एक स्पष्ट उद्देश्य था और वह था विस्तार करना।
हालांकि, इनऑर्गेनिक तरीके से विस्तार करना नेटवर्क को लाभ पहुंचा सके।
के लिए आसान नहीं है, जो 97,000 से अधिक विभिन्न कैटेगरी में खरीद-बिक्री से जुड़े लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है। ऐसा इसलिए, उसे ऐसे व्यवसायों की तलाश करने की जरूरत थी जिनका तालमेल उनसे मिलता हो और जो उसे 14.3 करोड़ से अधिक खरीदारों और 70 लाख से अधिक स्टोर फ्रंट्स के अपनेइंडियामार्ट के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिनेश अग्रवाल ने योरस्टोरी को बताया, "फरवरी और नवंबर 2021 के बीच, हमने लगभग 200-300 कंपनियों से मुलाकात की, विभिन्न क्षेत्रों में संभावनाओं को तलाशा।"
वैसे नोएडा मुख्यालय वाली कंपनी ने पहले भी कुछ अधिग्रहण किए थे, लेकिन अधिग्रहण की असल होड़ पिछले साल शुरू हुई थी। अप्रैल 2021 से अब तक इसने 13 डील में 905 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं।
असल में, पिछले 5 महीनों में (अक्टूबर 2021 से ) इसने नौ टेक स्टार्टअप्स में हिस्सेदारी खरीदी है, जिसमें जिम्यो, रियलबुक्स, IMPL, फ्लीटेक्स टेक्नोलॉजीज, बिजी इन्फोटेक, सिंपल व्यापार, लेजिस्टिफाई, ईजीईकॉम और एम1एक्सचेंज शामिल हैं।
ये निवेश अकाउंटिंग से लेकर लॉजिस्टिक तक के क्षेत्र में किया गया है। दिनेश का कहना है कि इन निवेशों से इंडियामार्ट के ग्राहकों के कारोबारी विकास में और तेजी आने की उम्मीद है।
इसका उद्देश्य सरल था - पूरे देश के बिजनेसों को डिजिटल अपनाने में सहायता करना।
एक इन्वेस्टमेंट बैंकर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि भारत के कारोबारी जगत में कोरोना महामारी ने एक उत्प्रेरक की भूमिका निभाई, जिसके चलते सभी ने डिजिटलीकरण को अपनाने और उसके अनुसार खुद को ढालना शुरू किया। छोटे और मझोले ने डिजिटल के मूल्य को कारोबार में काफी चोट सहकर सीखा है। जिस इनवेस्टमेंट बैंकर ने यह बताया वह इस समय कई ऐसे स्टार्टअप्स के साथ काम कर रहे हैं, जो निकट भविष्य में शेयर बाजार में लिस्ट होने की योजना बना रही हैं।
इंडियामार्ट इसी बढ़ती जरूरत को भुनाने की उम्मीद करता है। दिनेश कहते हैं, “तीन खंड हैं- सूक्ष्म व लघु, मध्यम और बड़े। इनमें से प्रत्येक के लिए, उनकी आवश्यकता के मुताबिक एक अलग पेशकश है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक साइज सभी को फिट नहीं होता है।”
उदाहरण के लिए, अकाउंटिंग में, सूक्ष्म और छोटे व्यवसाय 'व्यापार (Vyapaar) की पेशकशों से लाभ पहुंच सकता हैं। वहीं मध्यम आकार के व्यवसाय 'बिजी' सॉफ्टवेयर का लाभ उठा सकते हैं। जबकि बड़े व्यवसाय जिन्हें मल्टी-लोकेशन सुविधा की आवश्यकता होती है, वे रियलबुक का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा एचआर और पेरोल मैनेजमेंट का
संभाल सकता है और इनवॉइसिंग में M1Xchange काम आ सकता है।अभी इनमें से अधिकतर में माइनॉरिटी निवेश हैं, लेकिन इंडियामार्ट को अभी भी बहुत कुछ हासिल करना है और ऑफर करना है।
स्टार्टअप्स के लिए इसमें क्या है?
ई-कॉमर्स सॉल्यूशंस मुहैया कराने वाली फर्म
के संस्थापक और सीईओ पुनीत ने जनवरी 2022 में योरस्टोरी के साथ बातचीत में बताया था, "पूंजी से अधिक हम इस पार्टनरशिप को लेकर उत्साहित हैं, जहां हम अपनी यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए उनके (इंडियामार्ट) के साथ सहयोग करने में सक्षम हैं।"उन्होंने कहा, "इंडियामार्ट का विशाल नेटवर्क भी मुझे उसके बारे में आकर्षित करता है।"
इंडियामार्ट ने दिसंबर 2021 में ईजीईकॉम में 26.01 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 13.35 करोड़ रुपये का निवेश किया। बेंगलुरु मुख्यालय वाला यह स्टार्टअप ईकॉमर्स बिजनेसों और सेलर्स को ओमनीचैनल सॉल्यूशंस मुहैया कराता है। इसमें स्टॉक मैनेजमेंट, वेयरहाउसिंग और ऑर्डर मैनेजमेंट सहित 150 रेडी-टू-यूज इंटीग्रेशन शामिल हैं।
इंडियामार्ट 1996 से इस सेक्टर में हैं और पुनीत जैसे उद्यमी इतने लंबे समय से फील्ड में मौजूद कंपनी के संभावित इंफॉर्मेशन और नेटवर्क को शेयर करने को लेकर काफी उत्साहित हैं।
पुनीत ने कहा, "पार्टनरशिप हमारे लिए बहुत मूल्यवान है क्योंकि पैसे के साथ-साथ वे भारत में छोटे और मध्यम उद्यमों के साथ काम करने की जानकारी भी लाते हैं, जिसे इंडियामार्ट से बेहतर कोई नहीं जानता।"
दिनेश का आंत्रप्रेन्योरशिप का अनुभव और विशेषज्ञता एक अतिरिक्त बोनस है, जो इन स्टार्टअप्स को प्रोडक्ट, डिस्ट्रीब्यूशन की रणनीति और टीमों के निर्माण आदि पर सलाह दे रहे हैं।
वे कहते हैं, "पहले कुछ तिमाही ग्राहकों के व्यक्तित्व और उनकी दिक्कतों को बेहतर ढंग से समझने में लग जाते हैं।"
वह अपने अनुभव और समझ के साथ उन्हें मासिक या तिमाही समीक्षा बैठकों में भी मार्गदर्शन करते हैं और बताते हैं कि क्यों कुछ प्रोडक्ट फेल या सफल हुए, अतीत में कौन सी सेल्स रणनीतियों ने काम किया और क्या नहीं काम किया, आदि।
इंडियामार्ट ने एक मजबूत सब्सक्रिप्शन मॉडल भी बनाया है, और उसका 95 प्रतिशत रेवेन्यू सब्सक्रिप्शन से आता है - और B2B सेगमेंट में यह सब्सक्रिप्शन बेचने में मदद कर सकता है।
इंडियामार्ट को कैसे होगा फायदा?
फरवरी 2021 में जुटाए गए निवेश का एक बड़ा हिस्सा पहले ही इस्तेमाल किया जा चुका है। दिनेश कहते हैं, "बाकी बची राशि के साथ हम देखेंगे कि क्या हम एक या दो और निवेश कर सकते हैं।"
कंपनी के लिए, ये दोनों वित्तीय और रणनीतिक निवेश हैं।
वे कहते हैं, "सबसे पहले और सबसे अहम यह है कि, प्रत्येक माइनॉरिटी इनवेस्टमेंट पर 5-10 सालों में वित्तीय रूप से अच्छा रिटर्न मिलना चाहिए।"
इंडियामार्ट के अधिग्रहण में एक स्पष्ट नजरिया है। एक बैंकर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया निवेश पर रिटर्न हासिल करने में लंबा समय लग सकता है। ऐसे में तात्कालिक लाभ यह है कि यह अपने ग्राहक आधार को उस स्टार्टअप्स के लिए टारगेट ऑडियंस बनाकर पेश करे, जिसमें वो निवेश करने जा रहा है।
अगस्त 2021 तक देश भर में 63 मिलियन से अधिक पंजीकृत मध्यम और छोटे आकार के उद्यमों (MSMEs) और 12 मिलियन से अधिक GST पंजीकृत व्यवसाय थे। ऐसे में इंडियामार्ट के पास एक बड़ा बाजार अवसर है।
इसके अलावा ये निवेश सभी व्यावसायिक जरूरतों के लिए एक संपूर्ण इकोसिस्टम मुहैया कराने की इंडियामार्ट के लंबी अवधि के उद्देश्य के मुताबिक हैं। इसमें फाइनेंस और अकाउंटिंग, पेरोल, अटेंडेंस और HR मैनेजमेंट मॉड्यूल, लॉजिस्टिक कंपनियों के लिए एक सहयोगी और एकीकृत इकोसिस्टम शामिल है।
दिनेश कहते हैं, "हमने यह देखने की कोशिश की कि क्या अगले 3-5 सालों में संभावित तालमेल उभर सकता है, ताकि हम गहराई तक जा सके और डिजिटल काउंटिंग इकोसिस्टम में इंडियामार्ट के लिए अधिक बिक्री और अधिक मार्केट शेयर हासिल कर सकें।"
व्यापक दृष्टि में विक्रेताओं के लिए एक बंडल सेवा की पेशकश शामिल है। इसमें कंपनी के स्टोर पर बुनियादी कार्यों के रूप में इन्वेंट्री मैनेजमेंट, ऑर्डर मैनेजमेंट, अकाउंटिंग, चालान, रिसीवेबल्स मैनेजमेंट, कर अनुपालन, डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट आदि शामिल है।
दिनेश कहते हैं, "साथ ही, हम उन्हें बेहतर एसकेयू (स्टॉक कीपिंग यूनिट) के साथ इंडियामार्ट में एक बेहतर स्टोर बनाने के लिए सशक्त बनाना चाहते हैं।"
इन्वेस्टमेंट बैंकर ने बताया कि स्टार्टअप के बड़े इकोसिस्टम में लगातार बदलाव हो रहे हैं और इंडियामार्ट के पोर्टफोलियो में शामिल स्टार्टअप उसके कारोबार को भविष्य में सुरक्षित रखने के साथ-साथ मजबूत कवच को परिभाषित करने के लिए एक प्रकार का हथियार हो सकता है।
कोरोना वायरस
शिपवे, ईजीईकॉम, फ्लीटेक्स जैसे इनमें से कुछ अधिग्रहण डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (डी2सी) और ईकॉमर्स सेगमेंट में तेजी से उभरते अवसरों के कारण हुए हैं। उदाहरण के लिए, IBEF के मुताबिक, भारत का ईकॉमर्स मार्केट का आकार 2025 तक बढ़कर 111.40 अरब डॉलर होने की उम्मीद है, जो 2020 में 46.2 अरब डॉलर था।
दिनेश याद करते हुए बताते हैं, "जब मार्च 2020 में महामारी आई तब हमारा पूरा ध्यान लागत को कम करने और होम माइग्रेशन पर था"
और यह काम कर गया।
वित्त वर्ष 2021 में, इंडियामार्ट ने ऑपरेशन से 669.6 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया, जो सालाना आधार पर 5 प्रतिशत बढ़ रहा है।
दिसंबर 2020- जनवरी 2021 में कंपनी ने अकार्बनिक विकास के अवसरों को देखना शुरू किया।
इस समय तक, MSME ने पहले से ही महीनों के लॉकडाउन और ऑनलाइन जीएसटी भुगतान के चलते टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को अपनाने को मजबूर हो गए थे।मउनकी अगली पीढ़ी के मालिक पहले से ही टेक-सेवी हैं।
कंपनी का मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस (SaaS) समाधानों का उपयोग करने के लिए उत्सुक है, जो इन छोटे व्यवसायों को लाभ पहुंचा सकता है और उन्हें बढ़ने में मदद कर सकता है। इसका लक्ष्य फिनटेक, SaaS और वर्टिकल कॉमर्स के जरिए इंगेजमेंट में सुधार करना है।
इसके अलावा, दिनेश कहते हैं, “MSME उन उत्पादों के लिए इंडियामार्ट पर भरोसा करते हैं जो हम सालों से उनके लिए सुविधा प्रदान कर रहे हैं। इसलिए, जब हम किसी अन्य पेशकश के साथ उनके पास जाते हैं, तो उनकी प्रोडक्ट और डिस्ट्रीब्यूशन के साथ इंडियामार्ट पर भरोसा करने की अधिक संभावना होती हैं।”
प्रमुख श्रेणियां
अकाउंटिंग
इसके सभी निवेशों में से अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर कंपनी बिजी इन्फोटेक में निवेश काफी अहम था। इंडियामार्ट ने इसे पूरी तरह से प्राप्त करने के लिए करीब 500 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
नई-दिल्ली मुख्यालय वाली इस कंपनी की भारत भर में उपस्थिति है। इसका गठन 1997 में हुआ था और यह मुनाफे में है। वित्त वर्ष 2021 में, बिजी इन्फोटेक ने 42.4 करोड़ रुपये के राजस्व और 11 करोड़ रुपये के प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) की सूचना दी, करीब 26 प्रतिशत का शुद्ध लाभ मार्जिन।
दिनेश ने अधिग्रहण के समय कहा, "लाखों भारतीय व्यवसाय अपनी अकाउंटिंग जरूरतों के लिए बिजी एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर पर भरोसा करते हैं, और यह इंडियामार्ट के भारतीय व्यवसायों के लिए व्यापार करना आसान बनाने की लंबी अवधि उद्देश्य के साथ अच्छी तरह से फिट बैठता है।"
इस महीने की शुरुआत में, इंडियामार्ट ने क्लाउड-आधारित अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर रियलबुक्स में अल्पमत हिस्सेदारी खरीदी, जो व्यवसायों को अनुकूलित चालान बनाने, वाउचर के साथ फाइल संलग्न करने और उनकी इन्वेंट्री का मैनेज करने में सक्षम बनाता है।
इंडियामार्ट ने जनवरी 2022 में मोबाइल-आधारित सेल्फ-अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर 'सिंपली व्यापार' में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दी, सीरीज बी राउंड में 61.55 करोड़ रुपये का निवेश किया औक सितंबर 2019 में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 31.2 करोड़ रुपये का निवेश किया। .
लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्टेशन
शिपवे, सुपरप्रोक्योर और फ्लीटेक्स के साथ, इंडियामार्ट लॉजिस्टिक्स के लिए SaaS समाधान पेश कर रहा है। यह एक ऐसा इंडस्ट्री है जो इंटरनेट ऑफ थिंग्स से लैस एप्लिकेशन और डेटा से अधिक लाभ उठा सकता है।
दिनेश कहते हैं, "सप्लाई चेन विजिबिलिटी (SCV) भारतीय व्यवसायों और फ्लीट ओनर्स के द्वारा सामना की जाने वाली एक महत्वपूर्ण लेकिन कम सेवा वाली समस्या है।"
इसने फ्लीटेक्स में 16.53 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 91.42 करोड़ रुपये का निवेश किया, जो फ्लीट ऑपरेटर्स और व्यवसायों के लिए उनके लॉजिस्टिक ऑपरेशन को डिजिटल बनाने के लिए फ्रेट और फ्लीट मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर प्रदान करता है। यह उन्हें वाहनों और संबंधित IoT- आधारित एनालिटिक्स सेवाओं की विजिबिलिटी प्रदान करता है।
इंडियामार्ट ने शिपवे में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 18.2 करोड़ रुपये और सुपरपोर्चर में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 10.4 करोड़ रुपये का निवेश किया।
सुपरप्रोक्योर एक SaaS आधारित प्लेटफार्म है, जो पारदर्शी बोली और नीलामी संरचना के जरिए सबसे बेस्ट रेट का पता लगाकर पूरे फ्रेट सोर्सिंग को डिजिटाइज करने में मदद करता है, जबकि शिपवे SaaS-आधारित समाधान विकसित करता है जो छोटे व्यवसायों को अपने शिपिंग ऑपरेशन को स्वचालित करने की अनुमति देता है।
B2B कॉमर्स
Udaan, Moglix जैसे यूनिकॉर्न के साथ B2B कॉमर्स स्पेस में कॉम्पिटिशन तगड़ा होने के साथ, IndiaMART भी अपनी ईकॉमर्स उपस्थिति को मजबूत कर रही है।
इसने जापानी ईकॉमर्स प्लेयर आईबी मोनोटारो (IMPL) में 104.2 करोड़ रुपये और ईजीईकॉम में 13.35 करोड़ रुपये का निवेश किया।
इंडियामार्ट के लिए महामारी के दौरान MSME के डिजिटल प्रवास को सुविधाजनक बनाने के लिए इन-हाउस समाधानों का सपोर्ट करना अधिक आकर्षक हो सकता था। लेकिन इसकी इसके जगह ऐसे स्टार्टअप को चुना है जो पहले से ही एक ही बाजार के लिए अलग-अलग समस्याओं को हल कर रहे हैं – और बाजार में अपनी उपस्थिति रखते हैं।
इस रणनीतिक निवेश ने इंडियामार्ट को एक स्टैंडअलोन बिजनेस के रूप में इसके ग्रोथ से परे जाकर बढ़ने का मौका दिया है।
शेयर प्राइस
पिछले साल 900 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के बावजूद, इंडियामार्ट के शेयर की कीमत गिर रही है। पिछले एक साल में इसका शेयर प्राइस 48 प्रतिशत गिर गया है और यह इस दौरान 8,608 रुपये से करीब आधा घटकर 16 मार्च को 4,471 रुपये पर कारोबार कर रहा था।
हालांकि, कुछ एनालिस्ट इसके शेयर को लेकर आशावादी है। एक्सिस सिक्योरिटीज ने 6,800 रुपये/शेयर का टारगेट प्राइस किया है ।
एक्सिस सिक्योरिटीज के एनालिस्टों ने 14 मार्च 2022 की एक रिपोर्ट में कहा, "लंबी अवधि के नजरिए से इसका व्यापार संरचना लचीला है, जिसे कई वर्टिकल्स से सपोर्ट है और देश के ग्रामीण इलाकों तक अच्छी पहुंच है। इंडियामार्ट इसके साथ ग्रोथ के बड़े मौकों को भुनाने के लिए तैयार है।"
रिपोर्ट में कहा गया है, "इसका मजबूत टेक्नोलॉजी बैकअप सपोर्टिंग बिजनेस प्लेटफॉर्म, मजबूत और लगातार ट्रैफिक सुधार, लागत दक्षता, कम इनपुट लागत, और अधिक प्राप्ति, और स्वस्थ कैश फ्लो जेनरेशन और अकार्बनिक विकास के लिए अधिग्रहण रणनीति द्वारा संचालित मार्जिन टेलविंड्स इसकी ग्रोथ में मदद कर रहा है।
साफ तौर से, इंडियामार्ट ने व्यापक एसएंडपी बीएसई 500 से लगातार बेहतर प्रदर्शन किया है, जहां इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन इसके अधिग्रहणों के सकारात्मक भाग को नहीं दिखाता है।
Edited by Ranjana Tripathi