BYJU'S की सलाहकार परिषद से विदाई लेंगे मोहनदास पई, रजनीश कुमार
BYJU'S —जिसने पिछले साल जुलाई में Deloitte के ऑडिटर पद से हटने और तीन प्रमुख बोर्ड सदस्यों के इस्तीफे के बाद इन दोनों को अपनी सलाहकार परिषद में नियुक्त किया था-ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट को रिन्यू नहीं करने का पारस्परिक निर्णय लिया गया था.
इंफोसिस के पूर्व सीएफओ और बोर्ड सदस्य मोहनदास पई और भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व चेयरपर्सन रजनीश कुमार
में सलाहकार बोर्ड के सदस्यों के रूप में अपने कॉन्ट्रैक्ट को रिन्यू नहीं करेंगे. उनका कार्यकाल जून में समाप्त होने वाला है.एडटेक फर्म-जिसने पिछले साल जुलाई में Deloitte के ऑडिटर के पद से हटने और तीन प्रमुख बोर्ड सदस्यों के इस्तीफे के बाद इन दोनों को अपनी सलाहकार परिषद में नियुक्त किया था-ने कहा कि 30 जून, 2024 को समाप्त होने वाले कॉन्ट्रैक्ट को रिन्यू नहीं करने का पारस्परिक निर्णय लिया गया था.
कुमार और पई ने एक संयुक्त बयान में कहा, “सलाहकार के रूप में कंपनी के साथ हमारा जुड़ाव हमेशा एक वर्ष के लिए निश्चित अवधि के आधार पर होता था. संस्थापकों के साथ हमारी चर्चा के आधार पर, पारस्परिक रूप से यह निर्णय लिया गया कि सलाहकार परिषद का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाना चाहिए. यद्यपि औपचारिक अनुबंध समाप्त हो गया है, संस्थापक और कंपनी किसी भी सलाह के लिए हमेशा हमसे संपर्क कर सकते हैं. हम संस्थापकों और कंपनी को भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हैं.”
इस ख़बर की जानकारी सबसे पहले मिंट ने दी थी.
सलाहकार परिषद में दो फाइनेंस और गवर्नेंस लीडर को शामिल करने का उद्देश्य BYJU'S के वित्तीय प्रशासन तंत्र को मजबूत करना और विकास और रणनीतिक निर्णय लेने को बढ़ावा देना था.
हालाँकि, बेंगलुरु स्थित कंपनी को लगातार कई लड़ाइयों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि वह बढ़ती चुनौतियों के बीच पुनरुद्धार के लिए प्रयास कर रही है.
BYJU'S के संस्थापक और सीईओ बायजू रवींद्रन ने कहा, “रजनीश कुमार और मोहनदास पई ने पिछले वर्ष में अमूल्य समर्थन प्रदान किया है. कुछ विदेशी निवेशकों द्वारा चल रहे मुकदमों के कारण हमारी योजनाओं में देरी हुई है, लेकिन चल रहे पुनर्निर्माण में उनकी सलाह पर भरोसा किया जाएगा, जिसका मैं व्यक्तिगत रूप से नेतृत्व कर रहा हूं.”
इस महीने की शुरुआत में, संकटग्रस्त एडटेक फर्म ने एक नई बिक्री रणनीति पेश की, जहां सेल्सपर्सन को बेचने के बजाय काउंसलिंग का काम सौंपा जाएगा. इसके अलावा, BYJU'S के बिक्री अधिकारियों के पास लचीलापन और अधिक कमाई के अवसर बढ़ेंगे. कंपनी ने शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत के आसपास अपने प्रोडक्ट की कीमतें भी कम कर दी हैं.
ये ख़बर BYJU'S के भारत के सीईओ अर्जुन मोहन के जाने के बाद आई हैं, जिसमें रवींद्रन ने एडटेक कंपनी के "दैनिक संचालन को आगे बढ़ाने के लिए और अधिक व्यावहारिक दृष्टिकोण" अपनाया है.
संकटग्रस्त एडटेक फर्म ने परिचालन को सुव्यवस्थित करने के लिए पुनर्गठन की घोषणा की है. यह अपने व्यवसायों को तीन केंद्रित प्रभागों- शिक्षण ऐप, ऑनलाइन कक्षाएं और ट्यूशन केंद्र, और परीक्षण तैयारी में समेकित कर रहा है.
गंभीर लिक्विडिटी संकट के अलावा, BYJU'S Prosus, General Atlantic, Chan Zuckerberg Initiative, और Peak XV सहित प्रमुख निवेशकों के एक समूह के साथ झगड़े में फंस गया है, जिन्होंने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण से अपील करके जनवरी में शुरू किए गए 200 मिलियन डॉलर के राइट्स इश्यू को रद्द करने की मांग की है.
BYJU'S अपने कुछ निवेशकों के साथ कर्नाटक उच्च न्यायालय में कानूनी विवाद में भी उलझा हुआ है.
(Translated by: रविकांत पारीक)