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मिलें देश की सबसे कम उम्र की लेखिका से, जीत चुकी हैं 'ग्रैंडमास्टर ऑफ राइटिंग' का खिताब

गाजियाबाद की रहने वाली अभिजीता आज दुनिया की सबसे युवा लेखक मानी जा रही हैं। महज 7 साल की उम्र में अभिजीता ने अपनी पहली किताब प्रकाशित कर ली थी और अभिजीता अब तक कुल 3 किताबें प्रकाशित कर चुकी हैं।

मिलें देश की सबसे कम उम्र की लेखिका से, जीत चुकी हैं 'ग्रैंडमास्टर ऑफ राइटिंग' का खिताब

Wednesday November 17, 2021 , 3 min Read

आमतौर पर लेखक युवावस्था में लेखन शुरू करते हैं लेकिन हाल ही में अपने लेखन को लेकर चर्चा में आई लड़की ने महज 8 साल की उम्र में लेखन में तमाम कीर्तिमान स्थापित कर लिए हैं। अभिजीता गुप्ता नाम की इस लड़की ने ‘ग्रैंडमास्टर ऑफ राइटिंग’ का खिताब भी अपने नाम कर रखा है।


गाजियाबाद की रहने वाली अभिजीता आज दुनिया की सबसे युवा लेखक मानी जा रही हैं। महज 7 साल की उम्र में अभिजीता ने अपनी पहली किताब प्रकाशित कर ली थी और अभिजीता अब तक कुल 3 किताबें प्रकाशित कर चुकी हैं।

5 साल की उम्र से लेखन

अभिजीता ने एक मीडिया साक्षात्कार में बताया है कि जब वे महज 5 साल की थीं तब उन्होंने अपनी पहली कहानी लिखी थी और उसी दौरान उन्हें यह महसूस हुआ था कि वे लेखन से प्यार करती हैं। इसके बाद उन्होंने अपने लेखन को जारी रखने का काम किया और इस बीच आए महामारी के दौर ने उन्हें अपने लेखन को और निखारने का समय दिया।

अभिजीता गुप्ता

अभिजीता गुप्ता

लॉकडाउन के बाद अभिजीता घर के बाहर अपने दोस्तों के साथ खेलने नहीं जा सकती थीं और इसी दौरान उन्होंने खुद को व्यस्त रखने के लिए लेखन को और समय देना शुरू का दिया। इस तरह से अभिजीता ने अपनी पहली किताब लिख डाली और इसके बाद ही उन्होंने अपनी दूसरी और तीसरी किताब भी लिखी। अभिजीता जाने-माने लेखक रस्किन बॉन्ड की बहुत बड़ी फैन हैं और उनके पास रस्किन बॉन्ड की तमाम किताबें मौजूद हैं।


अभिजीता जब महज 4 साल की थीं तभी से उन्होंने किताबें पढ़ना शुरू कर दिया था। अभिजीता के माता-पिता के अनुसार वे हमेशा से ही यह चाहते थे कि अभिजीता किताबों को अपनी दोस्त बना लें जिससे वे टीवी और फोन से दूर रह सकें। हालांकि इस दौरान अभिजीता के साथ उनके माता-पिता भी किताबें पढ़ते थे लेकिन कम समय में ही अभिजीता के भीतर किताबों को लेकर प्रेम उत्पन्न होने लगा और इसी के साथ वे लेखन में भी दिलचस्पी दिखाने लगीं।

मैथिलीशरण गुप्त से है रिश्ता

लेखन में नाम कमा रहीं अभिजीता कुल 5 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड अपने नाम कर चुकी हैं। मालूम हो कि अभिजीता देश के प्रख्यात कवि रहे मैथिलीशरण गुप्त की पोती हैं। कोरोना काल के दौरान लागू हुए देशव्यापी लॉकडाउन ने उनकी लेखन प्रतिभा को और बेहतर बनाने का काम किया है।


हाल ही में अभिजीता को इतनी कम उम्र में कविता और लेखन कौशल के लिए ‘ग्रैंडमास्टर ऑफ राइटिंग’ के खिताब से भी नवाजा गया है। देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अभिजीता को 40 यूथ आइकन की सूची में भी शामिल किया गया था।


अभिजीता की इस रुचि को एक कदम और आगे ले जाने में उनके माता-पिता का बड़ा हाथ रहा है। अभिजीता के अनुसार वे लेखन के जरिये खुद को व्यक्त करती हैं और ये उन्हें बेहद पसंद है। वे कहती हैं कि वे अपनी किताबों के जरिये पूरी दुनिया से संवाद कर सकती हैं। लेखन के अलावा अभिजीता को पेंटिंग करना और स्केच बनाना पसंद है।


Edited by रविकांत पारीक