कोरोना लहर में खो दिये थे कई शिक्षक, अब इस यूनिवर्सिटी ने किया खुद का ऑक्सीजन प्लांट स्थापित
खुद का ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने वाली पहली यूनिवर्सिटी बनी एएमयू, कोरोना महामारी की तीसरी लहर से पहले कसी कमर
"अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के परिसर में चार ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए हैं, जिसमें एक प्लांट की कीमत 1 करोड़ 20 लाख रुपये से अधिक है। अब यूनिवर्सिटी फ़ैकल्टी को यह उम्मीद है कि कोरोना महामारी की आने वाली संभावित तीसरी लहर के दौरान भी अगर ऑक्सीजन की कमी देखने को मिली तो विश्वविद्यालय के ये प्लांट उस समस्या से निपटने में बड़े कारगर साबित होंगे।"
इस साल जब कोरोना महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप बढ़ा तब इससे सभी लोग एक साथ बुरी तरह प्रभावित हुए। फ्रंटलाइन वर्कर से लेकर शिक्षक तक शायद ही कोई ऐसा रहा हो जहां दूसरी लहर में कोई हताहत न हुआ हो।
देश की जानी-मानी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने भी इस दौरान अपने तमाम शिक्षकों को कोरोना महामारी की घातक दूसरी में खोया है, लेकिन अब इस यूनिवर्सिटी ने संभावित तीसरी लहर को देखते हुए अपनी कमर पहले ही कस ली हैं।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी इसी के साथ ही देश की ऐसी पहली यूनिवर्सिटी बन गई है, जिसने अपने परिसर में खुद का एक ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया है। गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सबसे अधिक मारामारी ऑक्सीजन की जरूरत और कमी को लेकर ही देखी गई थी और कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा भी किया गया था कि ऑक्सीजन की कमी के चलते इस दौरान बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए हैं।
लगाए चार ऑक्सीजन प्लांट
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के परिसर में चार ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए हैं, जिसमें एक प्लांट की कीमत 1 करोड़ 20 लाख रुपये से अधिक है। अब यूनिवर्सिटी फ़ैकल्टी को यह उम्मीद है कि कोरोना महामारी की आने वाली संभावित तीसरी लहर के दौरान भी अगर ऑक्सीजन की कमी देखने को मिली तो विश्वविद्यालय के ये प्लांट उस समस्या से निपटने में बड़े कारगर साबित होंगे।
गौरतलब है कि इसी साल अप्रैल के महीने में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कई शिक्षक कोरोना के चलते काल के गाल में समा गए थे, और इसी के ठीक बाद यूनिवर्सिटी फ़ैकल्टी ने परिसर के भीतर ही ऑक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला कर लिया था। मालूम हो कि कोरोना लहर के दौरान महज 20 दिन में ही एएमयू ने अपने 20 स्टाफ को खो दियबना पहला विश्वविद्यालय
पूरे देश में अभी एक भी विश्वविद्यालय ऐसा नहीं है जिसने अपने परिसर में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित कर लेने का दावा किया हो, ऐसे में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी इस मामले में सबसे आगे है। ये ऑक्सीजन प्लांट लगातार 24 घंटे काम करते रहेंगे और इसके जरिये एक बार में यहाँ तीन ऑक्सीजन सिलेंडरों को एक साथ भरा जा सकता है।
इस क्षमता को देखते हुए यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह ऑक्सीजन उपलब्धता की मारामारी को कम करने का काम करेगी। अलीगढ़ जैसे बड़े जिले में जहां लोगों को कोरोना महामारी के दौरान कई बार ऑक्सीजन का इंतजाम करने के लिए काफी लंबी दूरी तय करनी पड़ी थी, अब उन्हें उससे निजात मिल सकती है।
तीसरी लहर की तैयारी
इतना ही नहीं, इसी के साथ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में भी बेड, ऑक्सीजन और वेंटीलेटर की संख्या पिछली बार से अधिक कर दी गई है, जबकि बच्चों के लिए खास वार्ड का भी इंतजाम किया गया है। एएमयू की इस तैयारी में उसे केंद्र और राज्य सरकार से भी मदद हासिल हो रही है।
आईआईटी हैदराबाद और आईआईटी कानपुर के रिसर्चरों एक संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार कोरोना महामारी की तीसरी लहर इसी महीने के अंत तक शुरू हो सकती है, जबकि इसका पीक अक्टूबर महीने में नज़र आ सकता है। गौरतलब है कि यह भविष्यवाणी इन रिसर्चरों ने एक गणितीय मॉडल को आधार मानते हुए की है।
Edited by Ranjana Tripathi