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यूनिफाइड पेंशन स्कीम: जानिए सरकार की नई पेंशन स्कीम की खास बातें

यूनिफ़ाइड पेंशन स्कीम (UPS) 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी. इस योजना के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को न्यूनतम 10 साल की सेवा के बाद 10,000 रुपये मासिक पेंशन की गारंटी होगी. 1 अप्रैल 2004 के बाद नौकरी शुरू करने वाला हर सरकारी कर्मचारी यूनिफाइड पेंशन योजना का लाभ उठा सकता है.

यूनिफाइड पेंशन स्कीम: जानिए सरकार की नई पेंशन स्कीम की खास बातें

Monday August 26, 2024 , 4 min Read

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme - UPS) को मंजूरी दी है. इस स्कीम का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करना है. इस स्कीम के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को न्यूनतम 10 साल की सेवा के बाद 10,000 रुपये मासिक पेंशन की गारंटी होगी. इस स्कीम को मौजूदा नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के विकल्प के तौर पर पेश किया गया है. 1 अप्रैल 2004 के बाद नौकरी शुरू करने वाला हर सरकारी कर्मचारी यूनिफाइड पेंशन स्कीम का लाभ उठा सकता है.

यूनिफ़ाइड पेंशन स्कीम (UPS) 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी. इस स्कीम को तीन शब्दों - ‘एश्योर्ड पेंशन, मिनिमम पेंशन, एश्योर्ड फैमिली पेंशन’ से परिभाषित किया जा सकता है. 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि UPS सरकारी कर्मचारियों के लिए सम्मान और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करती है. यह स्कीम उनके कल्याण और सुरक्षित भविष्य के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम के बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि इससे केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को फायदा होने वाला है. राज्य सरकारों को भी अपने कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम चुनने का विकल्प मिला है. अगर सभी राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम का फायदा देने का विकल्प चुनती हैं तो लाभार्थियों की संख्या 90 लाख के पार निकल सकती है. यानी देश भर के 90 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को इस पेंशन स्कीम से सीधा फायदा पहुंच सकता है.

यहां जानिए यूपीएस की खास बातें...

यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के तहत न्यूनतम 10 साल की नौकरी पूरी करने वाले कर्मचारियों को भी पेंशन दी जाएगी. उनको रिटायरमेंट पर हर महीने 10000 की न्यूनतम पेंशन की गारंटी मिलेगी.

इस स्कीम के तहत 25 साल तक नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट से पहले के 12 महीनों में रही उनकी औसत बेसिक सैलरी, यानी मूल वेतन का आधा, यानी 50 फ़ीसदी निश्चित पेंशन मिलेगी.

UPS के तहत रिटायरमेंट के दौरान कर्मचारियों को दी जाने वाली ग्रेच्युटी की राशि के अतिरिक्त प्रत्येक कर्मचारी को रिटायरमेंट पर एकमुश्त भुगतान भी दिया जाएगा.

अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके पति या पत्नी को पारिवारिक पेंशन दी जाएगी. पारिवारिक पेंशन की राशि कर्मचारी की उस पेंशन की 60 फ़ीसदी होगी, जो उसको मृत्यु से पहले दी जा रही थी.

फिलहाल सेवाएं दे रहे कर्मचारियों की ही तरह UPS के तहत भी रिटायर हो चुके कर्मचारियों को औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-IW) के आधार पर महंगाई राहत दी जाएगी.

कर्मचारियों को एनपीएस से यूपीएस में स्विच करने का एकमुश्त विकल्प मिलेगा. जिन कर्मचारियों ने NPS को चुना है और अब वे UPS चुनना चाहते हैं तो उन्हें भी इसका फायदा मिलेगा. 31 मार्च 2025 तक रिटायर होने वाले कर्मचारी UPS स्कीम को चुनने के पात्र होंगे.

NPS में, लोन और इक्विटी में निवेश से रिटर्न के आधार पर पेंशन की गारंटी नहीं होती है. लेकिन UPS से कर्मचारियों को काफी फायदा होगा. NPS में सरकार का कॉन्ट्रिब्यूशन 14 प्रतिशत होता है, जब कि UPS में सरकार 18.5 फीसदी कॉन्ट्रिब्यूट करेगी. 

UPS स्कीम शुरू होने से केंद्र सरकार पर काफी बोझ पड़ेगा. स्कीम के लिए 6,250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च किया जाएगा. इसके अलावा सरकार एरियर पर 800 करोड़ रुपए बकाया खर्च करेगी. 

UPS के तहत निश्चित पेंशन और निश्चित फैमिली पेंशन को मुद्रास्फीति इंडेक्सेशन के तहत रखा गया है. इस समायोजन से सुनिश्चित होगा कि पेंशन की राशि का मुद्रास्फीति, यानी महंगाई के साथ तालमेल बना रहे.

यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) और नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) का एक हाइब्रिड है. फिलहाल केंद्र सरकार का फोकस केंद्रीय कर्मचारियों पर यूपीएस को लागू करने पर है. पेंशन योजनाएं राज्य सरकारों का विषय हैं. इसलिए, राज्य सरकारें अपनी पेंशन योजनाओं को लागू करने के लिए स्वतंत्र हैं.

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