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ये है सोने में निवेश करने का सबसे अच्छा मौका, 10 जुलाई तक सरकार जारी कर रही है गोल्ड बॉन्ड

सोने के लगातार बढ़ते भाव के बीच सोने में निवेश करने के इच्छुक निवेशकों के लिए सॉवेरन गोल्ड बॉन्ड स्कीम बेहतर विकल्प है।

सांकेतिक चित्र

सांकेतिक चित्र



बीते कुछ समय में सोने के दामों ने जिस तरह उछाल मारी है, निवेश के आधार पर लोगों की इसमें दिलचस्पी और बढ़ गई है। आर्थिक अनिश्चितता को देखते हुए सोने में निवेश को सुरक्षित माना जाता है, जिसमें निवेशक को नुकसान होने की संभावना काफी कम होती है, वहीं अगर निवेशक थोड़े लंबे समय के लिए इसमें निवेश कर रहा है तो यह संभावना ना के बराबर हो जाती है।


अगर आप भी सोने में निवेश को लेकर अपनी योजना बना रहे हैं तो यह समय आपके लिए बिल्कुल सटीक है। केंद्र सरकार फिलहाल आपके लिए सस्ता सोना लेकर आई है, जिसमें आप सॉवेरन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत निवेश कर सकते हैं।

सॉवेरन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की चौथी सिरीज़ के तहत आप इसमें 6 जुलाई से 10 जुलाई के बीच निवेश कर सकते हैं। इसके पहले सरकार ने इसी वित्तीय वर्ष में अप्रैल, मई और जून में भी गोल्ड बॉन्ड जारी किए थे और तब भी निवेशकों ने इसमें काफी रुचि दिखाई थी।

बेहतर विकल्प

सोने में निवेश के लिए गोल्ड बॉन्ड सबसे बेहतर विकल्प है, क्योंकि भौतिक सोने की खरीद पर आप मेकिंग चार्ज के साथ जीएसटी भी चुकाते हैं, जबकि बॉन्ड में आपको ये दोनों ही नहीं देने होते हैं। इसी के साथ भौतिक सोने की खरीद के बाद आपको उसे रखने और उसकी सुरक्षा के लिए भी परेशान होना पड़ता है, इसी के साथ सोने की शुद्धता पर संदेह भी जाता है, जबकि बॉन्ड में ऐसी कोई भी समस्या आपके सामने नहीं आने वाली है।


सॉवेरन गोल्ड बंद में इश्यू प्राइस पर आपको हर साल 2.50 प्रतिशत निश्चित ब्याज मिलता है, साथ ही यह पैसा हर 6 महीने में सीधे आपके खाते में पहुँच जाता है, जिसपर टीडीएस भी नहीं लगता है। इसी के साथ 8 साल के मैच्योरिटी पीरियड के बाद इससे होने वाले लाभ पर भी कोई टैक्स नहीं लगता है।




अतिरिक्त छूट

भारत सरकार की तरफ से यह बॉन्ड आरबीआई जारी करेगा, जिसके लिए प्रति ग्राम मूल्य 4,852 रुपये तय किया गया है, लेकिन ऑनलाइन गोल्ड बॉन्ड खरीदने वालों को 50 रुपये प्रति ग्राम की अतिरिक्त छूट दी जाएगी, इस तरह से 10 ग्राम सोने की खरीद पर आप 500 रुपये की छूट पा सकते हैं।


इसके जरिये न्यूनतम निवेश की सीमा एक ग्राम है, जबकि एक वित्त वर्ष में कोई व्यक्ति या हिन्दू अविभाजित परिवार इसमें चार किलोग्राम तक का निवेश कर सकता है। इसी के साथ इसमें भारत में रह रहे नागरिक, ट्रस्ट, विश्वविद्यालय और चैरिटेबल संस्थाएं निवेश कर सकती हैं। ट्रस्ट जैसी संस्थाओं को 20 किलोग्राम तक निवेश करने की सुविधा दी गई है।

2015 से जारी है स्कीम

सॉवेरन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत साल नवंबर 2015 में हुई थी। मालूम हो कि सॉवेरन गोल्ड बॉन्ड की अवधि आठ साल की होती है। सरकार इस साल अप्रैल से लेकर सितंबर महीने तक 6 चरण में सॉवेरन गोल्ड बॉन्ड लाने की ओर बढ़ रही है।


आरबीआई की तरफ से सोने की कीमतें बॉन्ड की तारीख से पहले के तीन कार्यदिवसों में 999 शुद्धता वाले सोने के बंद भाव के औसत के अनुसार तय की गई हैं। आरबीआई इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के बंद भाव के हिसाब से औसत कीमत तय करती है।


गौरतलब है कि सोने के भाव में इस साल के अंत तक तेजी रहने का अनुमान है, जिसके चलते गोल्ड बॉन्ड में निवेशकों की दिलचस्पी बड़ी तेजी से बढ़ रही है।