उत्तराखंड की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर रेखा लोहनी, इस तरह बनीं दूसरी महिलाओं के लिए एक मिसाल
रेखा पिछले दो-तीन महीने से रानीखेत से हल्द्वानी के बीच टैक्सी चला रही हैं.
पिछले कुछ दिनों से उत्तराखंड का एक नाम काफी चर्चा में है. यह नाम है रेखा लोहनी पांडे (Rekha Lohni Pandey). रेखा, उत्तराखंड की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर हैं. उनका नाम अचानक चर्चा में इस तरह आया कि उत्तराखंड के परिवहन मंत्री चंदन रामदास (Chandan Ramdas) ने हाल ही में रेखा की तारीफ करते हुए उन्हें बधाई दी है. उन्होंने कहा है कि रेखा स्वरोजगार की ओर अपने कदम बढ़ा रही महिलाओं के लिए एक मिसाल हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंत्री ने न केवल रेखा लोहनी पांडे की प्रशंसा की है बल्कि उनके कदम को साहसिक भी बताया है. चंदन रामदास का कहना है कि रेखा के इस निर्णय से न केवल उनका परिवार समृद्ध होगा बल्कि अन्य लोग भी प्रेरणा लेंगे. इतना ही नहीं मंत्री ने यह भी कहा है कि अगर रेखा को परिवहन विभाग से संबंधित कोई परेशानी हो तो वह उन्हें फोन कर सकती हैं और वह उसे हल करेंगे.
कैसे बनीं टैक्सी ड्राइवर
रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के गरुड़ क्षेत्र के भेटा की रहने वाली रेखा लोहनी पांडे का ससुराल अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में है. वह पिछले दो-तीन महीने से रानीखेत से हल्द्वानी के बीच टैक्सी चला रही हैं. दरअसल आर्मी से रिटायर्ड उनके पति मुकेश चंद्र पांडे टैक्सी चलाते थे लेकिन दो-तीन महीने पहले उनका स्वास्थ्य खराब होने के कारण उन्होंने टैक्सी चलाना छोड़ दिया. इसके बाद उन्होंने टैक्सी चलाने के लिए एक ड्राइवर हायर किया लेकिन बात नहीं बनी. इसके बाद रेखा ने परिवार के भरण-पोषण के लिए खुद ही टैक्सी की स्टीयरिंग संभाल ली. वह उत्तराखंड की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर हैं.
डबल एमए हैं रेखा
जहां तक रेखा की पढ़ाई लिखाई की बात है तो उन्होंने डबल एमए किया हुआ है. उन्होंने मास्टर्स इन सोशल वर्क और LLB यानी वकालत की पढ़ाई की है. रेखा का मानना है कि जो काम पुरुष कर सकते हैं, वह काम महिलाएं भी कर सकती हैं. महिलाओं के मजबूत होने पर परिवार मजबूत और सशक्त होगा. साथ ही यह भी कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है.
Edited by Ritika Singh