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साल 2027 तक 100 अरब डॉलर को पार कर जाएगा भारत का खेल बाजार: रिपोर्ट

साल 2020 में भारत का खेल बाजार 27 अरब डॉलर (21 खरब रुपये) का था. ब्रोकरेज फर्म आनंद राठी इन्वेस्टमेंट बैंकिंग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह अगले पांच सालों में 5 गुना रफ्तार से बढ़ेगा और 2027 तक 100 अरब डॉलर को पार कर जाएगा.

साल 2027 तक 100 अरब डॉलर को पार कर जाएगा भारत का खेल बाजार: रिपोर्ट

Friday June 24, 2022 , 2 min Read

अगले पांच सालों में भारत का खेल सेक्टर एक बाजार के रूप में पांच गुना बढ़कर साल 2027 तक 100 अरब डॉलर (78 खरब रुपये) को पार कर जाएगा जिसमें खेलों के मीडिया प्रसारण अधिकार, खेलों से जुड़े कपड़े, स्पोर्ट्स न्यूट्रिशन और खेलों में इस्तेमाल होने वाले सामना शामिल होंगे. एक हालिया रिपोर्ट में ये आंकड़े पेश किए गए हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 में भारत का खेल बाजार 27 अरब डॉलर (21 खरब रुपये) का था. ब्रोकरेज फर्म आनंद राठी इन्वेस्टमेंट बैंकिंग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह अगले पांच सालों में 5 गुना रफ्तार से बढ़ेगा और 2027 तक 100 अरब डॉलर को पार कर जाएगा.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में खेल कारोबार को ऊंचाईयों पर पहुंचाने में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की बड़ी भूमिका है. भारत और भारतीय उपमहाद्वीप सहित दुनियाभऱ में करोड़ों लोग आईपीएल देखते हैं.

प्रति मैच कीमत के हिसाब से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्पोर्ट्स लीग आईपीएल की लोकप्रियता बहुत तेजी से बढ़ रही है और उसका अंदाजा हाल ही में उसके मीडिया प्रसारण के अधिकार से लगाया जा सकता है.

दरअसल, साल 2023-27 तक के आईपीएल मैचों के प्रसारण के मीडिया अधिकार 48,390 करोड़ रुपये (6.2 अरब डॉलर) में बेचे गए हैं. इस तरह आईपीएल के प्रति मैच की कीमत में करीब 100 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

पिछली बार जब मीडिया प्रसारण अधिकार बेचे गए थे तब प्रत्येक मैच की कीमत 54.4 करोड़ रुपये थी जबकि अब प्रति मैच की कीमत 114 करोड़ रुपये पहुंच गई है.

वहीं, वैश्विक स्तर पर बात करें तो प्रति मैच के लिए लिहाज आईपीएल अमेरिका की नेशनल फुटबॉल लीग (NFL) के बाद दूसरी सबसे बड़ी लीग है. जहां एनएफएल के प्रति मैच की कीमत 17 मिलियन डॉलर (1.3 अरब रुपये) है तो वहीं आईपीएल में यह 14.61 मिलियन डॉलर (1.1 अरब रुपये) है.

खेलों से जुड़े सामान बनाने में एशिया में तीसरे स्थान पर आता है भारत

ब्रोकरेज फर्म की रिपोर्ट के मुताबिक, खेलों से जुड़े सामान और उपकरण बनाने के मामले में एशिया में चीन और जापान के बाद भारत तीसरे स्थान पर आता है. भारत में खेलों के सामान का बाजार साल 2027 तक बढ़कर 6.6 अरब डॉलर (5 खरब रुपये) तक पहुंचने का अनुमान है जो कि साल 2020 में 4.5 अरब डॉलर (3.5 खरब रुपये) तक था.