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टिकटॉक बैन पर बोले इन्फ्लुएंसर्स, ‘‘प्रतिभा है तो मंच मायने नहीं रखता’’

टिकटॉक बैन पर बोले इन्फ्लुएंसर्स, ‘‘प्रतिभा है तो मंच मायने नहीं रखता’’

Wednesday July 01, 2020 , 3 min Read

नयी दिल्ली, भारत में टिकटॉक पर प्रतिबंध के बाद इसको सही और गलत ठहराने का लेकर शुरू हुई बहस के बीच कुछ ‘टिकटॉक इन्फ्लुएंसर’ का कहना है कि अगर प्रतिभा है तो मंच मायने नहीं रखता।


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टिकटॉक छोटी वीडियो बनाने का एक मंच है, जिस पर वीडियो डालने वालों को ‘टिकटॉक इन्फ्लुएंसर’ कहा जाता है।


सरकार ने सोमवार को टिकटॉक सहित 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया।


इन्हीं में से एक निहारिका जैन को भी टिकटॉक पर प्रतिबंध पर कोई आपत्ति नहीं है। जैन के टिकटॉक पर 28 लाख प्रशंसक (फॉलोअर्स) हैं और वह एक महीने में 30 हजार रुपये तक कमा लेती हैं।


जैन ने कहा कि यह प्रतिभा की बात है और वह इसके लिए दूसरे मंच का इस्तेमाल कर सकती हैं।


उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा,

‘‘हम ‘कंटेंट क्रिएटर’ हैं और हमारी प्रतिभा ने हमें लोकप्रिय बनाया है। अगर टिकटॉक नहीं तो, मैं अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए दूसरे मंच का इस्तेमाल कर सकती हूं।’’

उन्होंने कहा कि वह सरकार के इस कदम को पूरी तरह समझती हैं और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पूरा समर्थन करती हैं।



इसी तरह फरीदाबाद के 23 वर्षीय सुकृत जैन का ‘द ग्रेट इंडियन फूडी’ नाम से टिकटॉक पर अकाउंट है और उन्हें भी सरकार के प्रतिबंध के फैसले से कोई परेशानी नहीं है।


उन्होंने कहा,

‘‘टिकटॉक पर प्रतिबंध लगने से क्या होता है। इससे अच्छी सामग्री (कंटेंट) बनना कभी बंद नहीं होगी।’’


उन्होंने कहा,

‘‘हमारी प्रतिभा हमें यहां तक लाई है और मुझे यकीन है अगर यह मंच नहीं तो कहीं और लेकिन निश्चित ही हमें फिर पहचान मिलेगी।’’

सुकृत ने यूट्यूब और इंस्टाग्राम की ओर रुख करना शुरू कर दिया है।


भाजपा नेता सोनाली फोगाट के लिए टिकटॉक भले ही आय का जरिया ना हो लेकिन वह लगातार उस पर अपने नृत्य के वीडियो डालती रहती थीं। उनके इस मंच पर 2,80,000 प्रशंसक हैं।



सरकार के इस फैसले के बाद फोगाट ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा,

‘‘टिकटॉक पर आने से यकीनन मेरे राजनीतिक करियर को आगे बढ़ाने में मदद मिली। मुझे अपने वीडियो के जरिए अधिक लोगों तक पहुंचने का मौका मिला।’’

उन्होंने कहा,

‘‘मैं सरकार के निर्णय के साथ हूं क्योंकि इन चीनी ऐप और अन्य चीनी उत्पादों के जरिए भारत का करोड़ों रुपया चीन जाता है। उन्होंने हमसे आर्थिक फायदा उठाया और अब उन संसाधनों का उपयोग कर हमारे सैनिकों पर हमला कर दिया।’’

फोगाट ने कहा,

‘‘हम अन्य ऐप का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। मैं इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर पर भी सक्रिय हूं। लेकिन सबसे अच्छा होगी की हमारे पास भारतीय ऐप हो। हम दूसरों पर निर्भर क्यों रहें जब हमारे पास शिक्षित और योग्य युवा हैं।’’

चीनी ऐप पर यह प्रतिबंध लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों के साथ मौजूदा गतिरोध के बीच लगाया गया है ।


भारत में टिकटॉक के 20 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं।



Edited by रविकांत पारीक