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Tax Saving: NSC के ब्याज पर टैक्स का क्या है गणित, निवेश से पहले जान लें नियम

NSC को पासबुक के रूप में जारी किया जाता है.

Tax Saving: NSC के ब्याज पर टैक्स का क्या है गणित, निवेश से पहले जान लें नियम

Wednesday March 01, 2023 , 3 min Read

टैक्स सेविंग (Income Tax Saving) का वक्त चल रहा है. अगर आप सुरक्षित और अच्छे रिटर्न वाले निवेश विकल्प की तलाश कर रहे हैं तो डाकघर की NSC यानी नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट के बारे में सोच सकते हैं. यह एक फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट स्कीम है और इसमें टैक्स बेनिफिट भी है. नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट का मौजूदा इश्यू, VIII इश्यू है. NSC में मिनिमम 1000 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं और निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है. ​आइए जानते हैं NSC के टैक्स बेनिफिट फीचर्स के बारे में...

जमा पर टैक्स डिडक्शन का फायदा

डाकघर की NSC का मैच्योरिटी पीरियड 5 वर्ष है. इसमें निवेश किए गए पैसे पर आयकर कानून के सेक्शन 80C के तहत डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. लेकिन याद रहे कि डिडक्शन की लिमिट 1.50 लाख रुपये तक ही है. साथ ही इस डिडक्शन का फायदा केवल वही करदाता ले सकते हैं, जो पुरानी टैक्स व्यवस्था को अपना रहे हैं. नई आयकर व्यवस्था के साथ यह डिडक्शन क्लेम नहीं किया जा सकता है.

ब्याज पर टैक्स का नियम

NSC पर मिलने वाला ब्याज टैक्स के दायरे में आता है और इसे 'अन्य सोर्सेज से आय' में काउंट किया जाता है. लेकिन NSC का मैच्योरिटी पीरियड 5 साल होता है. इसलिए पहले 4 साल में हासिल हुआ ब्याज मूलधन में जुड़ते हुए रीइन्वेस्ट होता जाता है. उसके बाद पांचवां साल पूरा होने के बाद मैच्योरिटी पर मिलने वाला ब्याज 'अन्य सोर्सेज से आय' में गिना जाता है और इसे मिलाकर टैक्सपेयर की कुल सालाना आय को देखा जाता है कि वह किस टैक्स स्लैब में आ रही है. फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह, NSC के ब्याज अमाउंट पर TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) अप्लाई नहीं होता है.

वर्तमान में ब्याज दर 7% सालाना

NSC को पासबुक के रूप में जारी किया जाता है. NSC को सिंगल या जॉइंट में, 10 साल से अधिक उम्र के नाबालिग द्वारा, नाबालिग के नाम पर वयस्क द्वारा, दिमागी रूप से कमजोर व्यक्ति के नाम पर उसके अभिभावक द्वारा खरीदा जा सकता है. स्कीम के तहत कितने ही अकाउंट खोले जा सकते हैं. कोई भी भारतीय नागरिक किसी भी डाकघर (Post Office) से नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट ले सकता है. NSC पर मौजूदा ब्याज दर 7% सालाना है. NSC पर ब्याज की कंपाउंडिंग सालाना आधार पर होती है लेकिन ब्याज का पैसा मैच्योरिटी पर ही मिलता है.

NSC में ये लोग नहीं कर सकते निवेश

- हिंदू अनडिवाइडेड फैमिलीज (HUFs)

- ट्रस्ट्स

- प्राइवेट व पब्लिक लिमिटेड कंपनियां

- अनिवासी भारतीय

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