How to Talk to Anyone: इंप्रेसिव तरीके से बात करने के तरीके सिखाती है ये किताब
किताब में 92 तरह के टिप्स या ट्रिक्स बताए गए हैं. जो बताते हैं कि कि पहली मुलाकात के समय आप किस तरह मुस्कुरा सकते हैं, या आई कॉन्टैक्ट कैसे डिवेलप कर सकते हैं. लेखिका ने प्रीमियम कम्यूनिकेश स्किल्स डिवेलप करने के लिए ऐसे कई अन्य तरह के टिप्स दिए हैं.
How To Talk to Anyone सबसे पहले 2003 में आई थी. इस किताब को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मशहूर कम्यूनिकेशन एक्सपर्ट लील लॉन्डेस ने लिखा है. अपने नाम के मुताबिक किताब शुरू से लेकर आखिर तरह बात करने के तरीके पर बात करती है.
किताब में 92 तरह के टिप्स या ट्रिक्स बताए गए हैं. जो बताते हैं कि कि पहली मुलाकात के समय आप किस तरह मुस्कुरा सकते हैं, या आई कॉन्टैक्ट कैसे डिवेलप कर सकते हैं. लेखिका ने प्रीमियम कम्यूनिकेश स्किल्स डिवेलप करने के लिए ऐसे कई अन्य तरह के टिप्स दिए हैं.
किताब को शुरू में पढ़कर लगता है कि ये भी एक आम मोटिवेशनल किताब की तरह होगी जो बताएगी कि कॉन्फिडेंट कैसे दिखें, बात करते समय अपनी आवाज के टोन पर कैसे ध्यान रखें और भी जो कुछ इंटरनेट पर नजर आता है. लेकिन कुछ पन्नों के बाद समझ आता है ये उन किताबों से अलग है.
शुरू में ऑथर डेल कार्नेज के सिद्धांतों को दोहराती हैं, जैसे कि लोगों में बात करते समय दिलचस्पी दिखाते हैं वगैरह वगैरह. किताब में सिर्फ टेक्निक ही उन्हें कैसे अपना सकते हैं उसका तरीका भी बताया गया है. मिसाल के तौर पर अगर आप डेल कार्नेज की किताब पढ़ते हैं तो आपको समझ आएगा कि चेहरे पर एक मुस्कान रखकर बात करने का क्या फायदा होता है लेकिन वो मुस्कुराहट कैसे लानी चाहिए इस किताब में ऑथर ने बताया है.
थोड़े और आसान शब्दों में कहें तो जैसे कैमरे में फोटो खींचाते वक्त हम मुस्कुराते हैं वो मुस्कुराहट अगर किसी से बात करते समय ले आएं तो सामने वाले के लिए ये एक वार्म वेलकम जैसा होता है. इसी तरह कई टिप्स पर बात करते हुए ऑथऱ ने बताया है कि कैसे ये छोटे छोटे टिप्स और ट्रिक्स बड़े बड़े काम बना सकते हैं.
इस किताब में 92 टेक्निक बताए गए हैं, जिन्हें समझाने के लिए ऑथर ने अपनी निजी जिंदगी के अनुभवों का भी इस्तेमाल किया है. साथ में ये भी बड़े विस्तार से बताया है कि उन्हें अपनाने से क्या फायदे हो सकते हैं और उन आदतों को अपनी लाइफस्टाइल में कैसे शुमार कर सकते हैं.
सबसे दिलचस्प बात जो लगती है वो ये कि लेखिका ने हर टिप्स या ट्रिक्स को एक अनोखा नाम दिया है. जैसे कि एपॉक्सी आईज, फ्लडिंग स्माइल या फिर एक्सक्लूसिव स्माइल या फिर एक्सक्लूसिव स्टाइल और हूक्स.
इस किताब को पढ़कर आपको मालूम पड़ेगा कि इतने तरह की मुस्कुराहट होती है या आई कॉन्टैक्ट होता है. जब मैंने इस किताब को पढ़कर अपने आसपास उन लोगों को एनालाइज करना शुरू किया जो पहले से ही कम्यूनिकेशन स्किल में एक्सपर्ट थे तो मुझे समझ आया कि ये लोग तो शुरू से इन ट्रिक्स का इस्तेमाल कर रहे थे.
हां, इस किताब की एक चीज मुझे अच्छी नहीं लगी. सभी ट्रिक्स और टिप्स सोशलाइज होने के यानी घुलने मिलने का एक सौंदर्य प्रसाधन लग रहे थे. अपनी छाप छोड़ने का एक नुस्खा. मतलब अगर किसी अजनबी के साथ आपको घुलना मिलना हो या किसी प्रोफेशनल पर्सनैलिटी से मिलना हो तो ये नुस्खे बेहद काम आ सकते हैं लेकिन अगर आपको किसी के साथ लंबे समय के लिए गहरा रिश्ता बनाना हो तो ये नुस्खे शायद उतने मददगार न हों.
Edited by Upasana