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हर्ष जैन और भावित सेठ ने Dream11 को इस तरह बनाया इंडिया की पहली फैंटेसी गेमिंग यूनिकॉर्न

हर्ष जैन ने भावित शेठ के साथ मिलकर 2008 में शुरू किया था जो स्टेडव्यू कैपिटल से मिलने के साथ इंडिया की पहली फैंटेसी गेमिंग यूनिकॉर्न बन गई. इस समय इंडिया 60 से ज्यादा ऑनलाइन गेमिंग ऐप खुल चुके हैं मगर Dream11 आज भी टॉप पर बनी हुई है.

हर्ष जैन और भावित सेठ ने Dream11 को इस तरह बनाया इंडिया की पहली फैंटेसी गेमिंग यूनिकॉर्न

Saturday November 05, 2022 , 6 min Read

आजकल क्रिकेट टूर्नामेंट के शुरू होते ही क्रिकेट के दीवानों के बीच फैंटेसी गेम्स का खुमार छा जाता है. बात जब भी स्पोर्ट्स फैंटेसी गेम्स की होती है सबसे पहले दिमाग में Dream11 का नाम आता है. 

ऐसा नहीं है कि ड्रीम 11 कोई पहली फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लैटफॉर्म नहीं था मगर इसने खुद को लीडर के तौर पर खड़ा किया है. ड्रीम11 को हर्ष जैन और भावित शेठ ने 2008 में मिलकर शुरू किया था. आइए जानते हैं कहां से आया था ड्रीम 11 का आइडिया और कैसे बनी ये एक यूनिकॉर्न कंपनी. 

इस तरह आया आइडिया

ड्रीम11 के को-फाउंडर हर्ष जैन शुरू से ही फैंटेंसी स्पोर्ट्स के बहुत बड़े दीवाने थे. हर्ष पढ़ाई के सिलसिल में बाहर रहते थे. उसी समय उनका दिल फैंटेसी स्पोर्ट्स में लगा. वो 2001 से इंग्लिश प्रीमियर लीग फैंटेसी फुटबॉल बड़े चाव से खेला करते थे. पढ़ाई करने के बाद हर्ष इंडिया लौट आए.

कुछ ही समय बाद 2008 में आईपीएल शुरू हुआ तो उन्होंने क्रिकेट के लिए फैंटेसी प्लैटफॉर्म ढूंढना शुरू किया. लेकिन उन्हें जानकर बड़ी हैरानी हुई कि यहां एक भी क्रिकेट फैंटेसी गेमिंग प्लैटफॉर्म नहीं है.

इंडिया एक ऐसा देश है जहां गली-गली में क्रिकेट के दीवाने मिल जाएंगे और ऐसे देश में क्रिकेट फैंटेसी गेम न होना हर्ष के लिए बिल्कुल हैरान करने वाली बात थी. जबकि बाहर के देशों में 70 फीसदी स्पोर्ट्स फैन्स फैंटेसी ऐप के यूजर थे.

इस तरह उन्हें अपना क्रिकेट फैंटेसी ऐप लॉन्च करने का आइडिया आया. उन्होंने कुछ दोस्तों को अपना आइडिया सुनाया. उनके बचपन के दोस्त भावित ने इस आइडिया पर उनके साथ का करने के लिए हां भर दी.

क्रिकेट की दुनिया का सोशल मीडिया

इस तरह दोनों ने 2008 में ड्रीम 11 की शुरुआत की. शुरू-शुरू में हर्ष ने ड्रीम11 को क्रिकेट सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म की तरह शुरू किया गया. जो सभी यूजर्स के लिए फ्री टू यूज था. ऐप पर आने वाले यूजर्स को पैसे नहीं देने पड़ते थे हां बस बीच बीच में ऐड्स आ जाते थे. और इन्हीं ऐड से ड्रीम 11 की कमाई होती थी.

ऐप पर लोग आपस में कम्यूनिटी बनाते थे और खेल के बारे में चर्चा करते थे. अलग-अलग स्पोर्ट्स सीजन पर बने फैंटेसी लीग्स पर ब्लॉग्स भी पढ़ सकते थे. हालांकि ये मॉडल बिजनेस के लिहाज से रेवेन्यू और कमाई के लिए ज्यादा काम नहीं आ रहा था. इसलिए बदलने का फैसला किया.

बिजनेस मॉडल बदला

2012 में कंपनी ने ड्रीम 11 का पहली बार फ्रीमियम सर्विस लॉन्च किया. फ्रीमियम मॉडल में यूजर्स होने वाले मैच के प्लेयर्स में से अपनी टीम बना सकते थे. जो लोग फ्री खेलना चाहते हैं वो टीम बनाकर कॉन्टेस्ट में हिस्सा ले सकते हैं. इसके अलावा यूजर्स पैसे लगाकर भी गेम खेल सकते हैं. जितने लोग पैसे लगाते हैं मैच खत्म होने के बाद उनकी रैकिंग तैयार होती है और उस हिसाब से जीतने वाली टीम को पैसे मिलते हैं. इस मॉडल के बाद से बिजनेस को ज्यादा तगड़ा रेस्पॉन्स मिलने लगा.  

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फंडिंग

यूजर्स से अच्छा रेस्पॉन्स मिलने लगा तो फाउंडर्स ने कैपिटल जुटाने का प्लान बनाया. कंपनी ने अब तक टोटल 9 राउंड में 1.62 बिलियन डॉलर का फंड जुटाया है. कंपनी ने सबसे पहली फंडिंग 2014 में जुटाई थी हालांकि कंपनी ने इस राउंड की ज्यादा डिटेल पब्लिक डोमेन में साझा नहीं की हैं.

कंपनी के मौजूदा इनवेस्टर्स में फालकन एज, DST ग्लोबल, D1 कैपिटल, टाइगर ग्लोबल और रेडबर्ड कैपिटल जैसे नाम हैं. 2019 में स्टेडव्यू कैपिटल से मिले निवेश के बाद कंपनी का वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर के पार हो गया और ये यूनिकॉर्न बनने वाली पहली फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लैटफॉर्म बन गई.

फाउंडर्स के बारे में

ड्रीम11 हर्ष की पहली कंपनी नहीं है. इससे पहले हर्ष एक सर्विसंग कंपनी चलाते थे. जो बड़े बड़े ब्रैंड्स के सोशल मीडिया अकाउंट हैंडल करती थी.वहां से हर्ष को डिजिटल दुनिया का आइडिया मिली. ऑनलाइन ब्रैंड बिल्ड करने का एक्सपीरियंस मिला.

हर्ष जैन इस समय फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स के प्रेजिडेंट होने के साथ कल्चरल एंफोर्समेंट ऑफिसर भी हैं. हर्ष जैन नामी बिजनेसमैन आनंद जैन के बेटे हैं. आनंद जैन रिलायंस ग्रुप से 25 साल से भी अधिक समय से जुड़े हुए हैं. उन्हें अक्सर धीरुभाई का तीसरा बेटा भी कहा जाता है.

ग्रोथ

ड्रीम11 ने शुरुआत तो क्रिकेट फैंटेसी प्लैटफॉर्म के तौर पर की थी मगर आज ये फुटबॉल, कबड्डी, एनबीए जैसे गेम्स में खेलने देती है. फिलहाल इसका वैल्यूएशन 8 अरब डॉलर के करीब है, जो इंडिया में ऑनलाइन एंड फैंटेसी गेमिंग स्पेस में सबसे ज्यादा है.  कोविड महामारी से पहले कंपनी के 75 मिलियन यूजर्स थे.

मगर कोविड की वजह मैच रद्द होने लगे तो कंपनी की कमाई पर भी असर पड़ा. मगर 2020 तक आते आते हालात बेहतर होने लगे. कंपनी ने 2020 में 100 मिलियन यूजर्स पाए. मगर ये अभी भी कोविड से पहले की ग्रोथ से 80 फीसदी कम है. 2021 में उसका यूजर बेस बढ़कर 140 मिलियन पर पहुंच गया है.

बिजनेस और रेवेन्यू मॉडल

ड्रीम11 गूगल एड्स या किसी भी तरह की ऐड एजंसी से मॉनेटाइज नहीं करती है. कंपनी को फैंटेसी गेस से बमुश्किल ही कोई फायदा होता है. कंपनी के 90 फीसदी प्लेयर फ्री मॉडल के जरिए खेलते हैं जबकि महज 10 पर्सेंट यूजर्स ही पैसे लगाकर गेम खेलते हैं. मगर कंपनी ने फ्रीमियम प्रीमियम के बाद एक नया मॉडल भी लॉन्च किया प्राइवेट.

ड्रीम11 मूलतः दो तरीके से पैसे कमाता है. पहला पेड कॉन्टेस्ट में भाग लेने वाले सभी पार्टिसिपेंट्स से एंट्री फीस लेकर और दूसरा पेड यूजर जितना अमाउंट जीतते हैं उससे 15-20 फीसदी कमिशन लेकर.

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कॉम्पिटीशन और चुनौतियां

पिछले 12 सालों में ड्रीम11 के सामने कई चुनौतियां भी आई हैं. जब ड्रीम11 पहली बार मार्केट में आया तो इसे एक जुए वाले गेमिंग ऐप की तरह देखा गया और यही इसकी सबसे बड़ी पहली चुनौती बनी. मगर सुप्रीम कोर्ट समेत कुछ हाई कोर्ट्स ने भी इसे गेम ऑफ स्किल बताया यानी कि यहां खेलने के लिए जुए की तरह कोई लक नहीं बल्कि स्किल सेट की जरूरत पड़ती है. 

कानूनी रोड़ा हटने के साथ ही बाजार में और फैंटेसी गेम्स के आने का रास्ता खुल गया जो कंपनी के लिए और मुश्किल ही लाने वाला था. आज की तारीख में इस फील्ड में 60 से ज्यादा ऑनलाइन गेमिंग प्लैटफॉर्म्स आ चुके हैं. इनमें फैनमोजे, बल्लेबाज, हालाप्ले, गेमिंग मॉन्क जैसे नाम हैं. लेकिन इतने कॉम्पिटीशन के बाद भी ड्रीम11 नंबर एक पर बना हुआ है.

इस मुश्किल से कंपनी बाहर निकली की उसे प्ले स्टोर से धक्का मिला. प्ले स्टोर के ड्रीम11 को अपने स्टोर से यह कहते हुए हटा दिया की उसकी पॉलिसी ऐसे ऐप्स को रखने की इजाजत नहीं देती.

ड्रीम11 की पैरंट कंपनी ड्रीम स्पोर्ट्सके पोर्टफोलियो में ड्रीम 11, फैनकोड, ड्रीमX, ड्रीमसेटगो और ड्रीमपे हैं. मगर फिलहाल पैरंट कंपनी अपने स्पोर्ट्स, फैन एंगेजमेंट और फिटनेस पोर्टफोलियो को अब इंडिया के बाहर ले जाना चाहती है.