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सरकार ने PM-Vidyalaxmi योजना को दी मंजूरी, हर साल 22 लाख विद्यार्थियों को मिलेगी मदद

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मेधावी विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दी ताकि वित्तीय बाधाएं भारत के किसी भी युवा को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्राप्त करने से न रोकें.

सरकार ने PM-Vidyalaxmi योजना को दी मंजूरी, हर साल 22 लाख विद्यार्थियों को मिलेगी मदद

Thursday November 07, 2024 , 4 min Read

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने केन्द्रीय क्षेत्र की एक नई योजना पीएम विद्यालक्ष्मी (PM-Vidyalaxmi Scheme) को मंजूरी दे दी है. इस नई योजना का उद्देश्य मेधावी विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि वित्तीय बाधाएं किसी को भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने से न रोकें.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पीएम विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दिए जाने की सराहना की है. प्रधान ने कहा कि यह योजना भारत के प्रतिभाशाली युवाओं के लिए 21वीं सदी की उच्च शिक्षा तक एक समान पहुंच संभव बनाने में मदद करेगी. उन्होंने यह भी बताया कि 3,600 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ यह योजना उच्च शिक्षा में आने वाली बाधाओं को दूर करेगी और देश की युवा शक्ति को अपने सपनों को साकार करने में सक्षम बनाएगी. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पीएम विद्यालक्ष्मी के तहत जमानत-मुक्त और गारंटर-मुक्त शिक्षा ऋण से मेधावी छात्रों की उच्च शिक्षा तक पहुंच बढ़ेगी और इससे सुनिश्चित होगा कि वित्तीय बाधाओं के चलते छात्र शिक्षा प्राप्त करने से वंचित न रहें.

पीएम विद्यालक्ष्मी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 (National Education Policy, 2020) से निकली एक और महत्वपूर्ण पहल है, जिसने यह सिफारिश की थी कि सार्वजनिक और निजी, दोनों प्रकार के उच्च शिक्षा संस्थानों में विभिन्न उपायों के माध्यम से मेधावी विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जानी चाहिए. पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत, गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थान में प्रवेश लेने वाला कोई भी विद्यार्थी ट्यूशन फीस की पूरी राशि और पाठ्यक्रम से संबंधित अन्य खर्चों को कवर करने हेतु बैंकों और वित्तीय संस्थानों से गिरवी मुक्त एवं गारंटर मुक्त ऋण प्राप्त करने का पात्र होगा. यह योजना एक सरल, पारदर्शी एवं विद्यार्थियों के अनुकूल प्रणाली के माध्यम से संचालित की जाएगी, जो अंतर- संचालनीय और पूरी तरह से डिजिटल होगी.

यह योजना NIRF रैंकिंग द्वारा निर्धारित देश के शीर्ष गुणवत्ता वाले उच्च शिक्षण संस्थानों में लागू होगी. इस योजना में NIRF के समग्र, श्रेणी-विशिष्ट और डोमेन -विशिष्ट रैंकिंग में शीर्ष 100 में स्थान रखने वाले सभी उच्च शिक्षा संस्थानों, सरकारी एवं निजी, शामिल हैं. NIRF रैंकिंग में 101-200 में स्थान रखने वाले राज्य सरकार के उच्च शिक्षा संस्थानों और केन्द्र सरकार द्वारा प्रशासित सभी संस्थानों को इसमें शामिल किया गया है. इस सूची को NIRF के नवीनतम रैंकिंग का उपयोग करके हर वर्ष अपडेट किया जाएगा और शुरुआत 860 योग्य गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थान से होगी, जिसमें 22 लाख से अधिक विद्यार्थी शामिल होंगे जो अपनी इच्छानुसार संभावित रूप से पीएम-विद्यालक्ष्मी का लाभ उठा सकेंगे.

कुल 7.5 लाख रुपये तक की ऋण राशि के लिए, विद्यार्थी बकाया डिफॉल्ट के 75 प्रतिशत की क्रेडिट गारंटी के भी पात्र होंगे. इससे बैंकों को इस योजना के तहत विद्यार्थियों को शिक्षा ऋण उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी.

उपरोक्त सुविधाओं के अलावा, जिन विद्यार्थियों की वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपये तक है और वे किसी अन्य सरकारी छात्रवृत्ति या ब्याज छूट योजनाओं के तहत लाभ के पात्र नहीं हैं, उन्हें 10 लाख रुपये तक के ऋण पर अधिस्थगन अवधि के दौरान 3 प्रतिशत की ब्याज छूट भी प्रदान की जाएगी. हर वर्ष एक लाख विद्यार्थियों को ब्याज छूट सहायता दी जाएगी. उन विद्यार्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी जो सरकारी संस्थानों में अध्ययनरत हैं और जिन्होंने तकनीकी/व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का विकल्प चुना है. वर्ष 2024-25 से 2030-31 के दौरान 3,600 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रावधान किया गया है और इस अवधि के दौरान 7 लाख नए छात्रों को इस ब्याज छूट का लाभ मिलने की उम्मीद है.

उच्च शिक्षा विभाग के पास एक एकीकृत पोर्टल “पीएम-विद्यालक्ष्मी” उपलब्ध होगा, जिस पर विद्यार्थी सभी बैंकों द्वारा उपयोग की जाने वाली सरलीकृत आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षा ऋण के साथ-साथ ब्याज छूट के लिए आवेदन कर सकेंगे. ब्याज छूट का भुगतान ई-वाउचर और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) वॉलेट के माध्यम से किया जाएगा.

पीएम विद्यालक्ष्मी देश के युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा को अधिकतम सुलभ बनाने हेतु शिक्षा एवं वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में पिछले एक दशक में भारत सरकार द्वारा की गई विभिन पहलों के दायरे एवं सुलभता को आगे बढ़ाएगी. यह योजना उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही PM-USP की दो घटक योजनाओं, केन्द्रीय क्षेत्र ब्याज सब्सिडी (CSIS) और शिक्षा ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना (CGFSEL) की पूरक होगी. PM-USP CSIS के तहत, 4.5 लाख रुपये तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाले और स्वीकृत संस्थानों में तकनीकी/व्यावसायिक पाठ्यक्रम में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को 10 लाख रुपये तक के शिक्षा ऋण के लिए अधिस्थगन अवधि के दौरान पूर्ण ब्याज छूट मिलती है. इस प्रकार, पीएम विद्यालक्ष्मी और पीएम-यूएसपी मिलकर सभी योग्य विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण एचईआई में उच्च शिक्षा और स्वीकृत एचईआई में तकनीकी/व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए समग्र सहायता प्रदान करेंगी.

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